Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को अब अक्सर ‘एक्सप्रेसवे प्रदेश’ (Expressway Pradesh) के नाम से भी जाना जाता है, और इसकी वजह है राज्य का तेज़ी से विकसित होता हुआ रोड इंफ्रास्ट्रक्चर (Road Infrastructure in UP)। देश में सबसे ज़्यादा एक्सप्रेसवे का गौरव उत्तर प्रदेश के नाम है, और यह सिलसिला लगातार जारी है। राज्य के विभिन्न जिलों के बीच कनेक्टिविटी (Connectivity) को और बेहतर बनाने और यात्रा को सुगम बनाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) का चौड़ीकरण (Highway Widening) एक महत्वपूर्ण कदम है। इसी कड़ी में, मथुरा (Mathura) और बरेली (Bareilly) जैसे महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग (Mathura Bareilly Highway) के चौड़ीकरण का एक बड़ा और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट हाथ में लिया गया है।
इस महत्वपूर्ण सड़क परियोजना (Road Project) के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और एक निर्माण कंपनी (Construction Company) के बीच हाल ही में एक अहम समझौता (Agreement) हुआ है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य मथुरा-बरेली राजमार्ग पर यातायात के दबाव को कम करना और यात्रा के समय को घटाना है। यह पूरा प्रोजेक्ट लगभग 699 करोड़ रुपये की लागत से (यह लागत पैकेज 4 यानी बदायूं-बरेली सेक्शन की हो सकती है, पूरे कॉरिडोर की लागत बहुत अधिक है जैसा कि नीचे बताया गया है) पूरा होने की उम्मीद है, जो उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (Infrastructure Development in UP) में एक और मील का पत्थर साबित होगा।
मथुरा-बरेली राजमार्ग का चौड़ीकरण: 12 गाँवों में होगा ज़मीन अधिग्रहण
इस हाईवे चौड़ीकरण प्रोजेक्ट (Highway Widening Project) को साकार करने के लिए कई क्षेत्रों में ज़मीन की आवश्यकता होगी। इस परियोजना के चौथे पैकेज (Package 4), जो बदायूं (Budaun) से बरेली (Bareilly) के बीच की सड़क से संबंधित है, का काम जल्द ही शुरू होने वाला है। इसके परिणामस्वरूप, बदायूं जिले (Budaun District) के अंतर्गत आने वाले कुल 12 गाँवों की ज़मीन का अधिग्रहण (Land Acquisition in UP) किया जाएगा। NHAI ने हरियाणा स्थित धारीवाल बिल्डटेक लिमिटेड (Dhariwal Buildtech Limited) नामक निर्माण कंपनी के साथ इस विशिष्ट पैकेज (Budaun to Bareilly Highway) के लिए अनुबंध (Contract) पर हस्ताक्षर किए हैं।
अनुबंध के अनुसार, निर्माण कंपनी को अगले पांच महीनों के भीतर प्रोजेक्ट पर काम शुरू करना होगा। बदायूं से बरेली के बीच 6 लेन का राजमार्ग (6 Lane Highway UP) बनाने की योजना है, जो इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी को पूरी तरह से बदल देगा। इस खंड (लगभग 59 किमी, जैसा कि कॉरिडोर ब्रेकडाउन में दिखाया गया है) के निर्माण में लगभग 600 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
किन 12 गाँवों की ज़मीन होगी अधिग्रहीत?
इस महत्वपूर्ण सड़क परियोजना (Highway Project) के लिए बदायूं जिले के जिन 12 गाँवों की भूमि का अधिग्रहण (Land Acquisition for Highway) किया जाएगा, उनमें शामिल हैं:
- चंदनगर (Chandanagar)
- करतौली (Kartauli)
- कुतुबपुरथरा (Qutubpurthara)
- वाकरपुर खंडहर (Wakarpur Khandar)
- रहमा (Rahma)
- डुमैरा (Dumaira)
- उझैली (Ujheli)
- रसूलपुर (Rasulpur)
- ढकिया (Dhakiya)
- मलिकपुर (Malikpur)
- मलगांव (Malgaon)
- घटपुरी (Ghatpuri) (यहां शायद ‘बिनावर’ गांव भी शामिल है, जैसा कि स्रोत में है, कुल 13 नाम दिख रहे हैं, लेकिन संख्या 12 बताई गई है। यह एक छोटी विसंगति हो सकती है, लेकिन मुख्य रूप से ये गाँव प्रभावित होंगे)
इन गाँवों की कुल 33.4310 हेक्टेयर ज़मीन (Hectare Land) का अधिग्रहण किया जाएगा। ज़ाहिर है, ज़मीन अधिग्रहण के बदले किसानों को उचित मुआवजा (Farmer Compensation in UP) दिया जाएगा। इस परियोजना के लिए प्रभावित किसानों को कुल लगभग 60 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया जाना है। अब तक, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) द्वारा लगभग 5 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित भी किया जा चुका है, और अन्य किसानों को भी जल्द ही मुआवजा देने का काम जारी है।
पूरे मथुरा-बरेली कॉरिडोर की मुख्य विशेषताएं
यह प्रोजेक्ट केवल बदायूं-बरेली खंड तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे 228 किलोमीटर लंबे मथुरा-बरेली कॉरिडोर (Mathura-Bareilly Corridor Features) का हिस्सा है। पूरे कॉरिडोर के निर्माण और उन्नयन से उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों (Western and Central UP) के बीच संपर्क (Connectivity) बहुत बेहतर हो जाएगा।
पूरे कॉरिडोर की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- कुल लंबाई: मथुरा-बरेली कॉरिडोर की कुल लंबाई लगभग 228 किलोमीटर है।
- अनुमानित लागत: पूरे 228 किलोमीटर के कॉरिडोर के निर्माण पर कुल अनुमानित लागत लगभग 7700 करोड़ रुपये आएगी। (ध्यान दें कि 699/600 करोड़ रुपये की लागत विशिष्ट खंड या पैकेज की हो सकती है, जबकि 7700 करोड़ रुपये पूरे कॉरिडोर की कुल अनुमानित लागत है)।
- निर्माण अवधि: इस पूरे कॉरिडोर का निर्माण कार्य लगभग दो वर्षों (2 Years Construction Time) में पूरा होने की उम्मीद है।
ऐसे बनेगा मथुरा-बरेली कॉरिडोर:
यह पूरा 228 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर चार मुख्य खंडों (Sections) में विभाजित है:
- मथुरा से हाथरस (Mathura to Hathras): लगभग 66 किलोमीटर
- हाथरस से कासगंज (Hathras to Kasganj): लगभग 57 किलोमीटर
- कासगंज से बदायूं (Kasganj to Kasganj): लगभग 46 किलोमीटर
- बदायूं से बरेली (Budaun to Bareilly): लगभग 59 किलोमीटर (यही वह खंड है जिसके लिए 12 गाँवों में ज़मीन अधिग्रहण और लगभग 600 करोड़ रुपये का अनुबंध हुआ है)
इस परियोजना के पूरा होने से न केवल यात्रा का समय बचेगा और ईंधन की बचत होगी, बल्कि यह इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों (Economic Activity) को भी बढ़ावा देगा। बेहतर रोड कनेक्टिविटी (Improved Road Connectivity) से व्यापार, पर्यटन और स्थानीय विकास (Local Development) को गति मिलेगी। जिन गाँवों की ज़मीन का अधिग्रहण हो रहा है, वहां के किसानों को मिलने वाला मुआवजा भी उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करेगा। यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर मैप (UP Infrastructure Map) पर एक और महत्वपूर्ण कड़ी जोड़ेगा।