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Join NowOdisha Assembly protest: बुधवार (16 जुलाई, 2025) की सुबह ओडिशा विधानसभा के बाहर का माहौल बेहद तनावपूर्ण रहा, जब आत्मदाह करने वाली छात्रा की मौत के बाद आक्रोशित लोगों का हुजूम प्रदर्शन के लिए उमड़ पड़ा। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेडिंग (police barricading) को तोड़ने की कोशिश की, जिसके जवाब में राज्य पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने (tear gas shells) और वॉटर कैनन (water cannons) का इस्तेमाल करना पड़ा ताकि भीड़ को तितर-बितर किया जा सके। यह भीषण विरोध प्रदर्शन बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज (Fakir Mohan (Autonomous) College) की उस 22 वर्षीय छात्रा की दुखद मौत के विरोध में था, जिसने यौन शोषण के गंभीर आरोपों के बाद खुद को आग के हवाले कर दिया था।
क्या थी मांग? प्रोफेसर पर सख्त कार्रवाई और कॉलेज प्रशासन की जांच!
विरोध प्रदर्शन में छात्र संगठनों (student organizations), सामाजिक कार्यकर्ताओं (social activists) और आम नागरिकों (common citizens) की एक बड़ी संख्या शामिल थी। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग थी कि यौन शोषण के आरोपी प्रोफेसर को तत्काल और सख्त सजा (strict punishment) मिले, और साथ ही कॉलेज प्रशासन की भूमिका की भी गहन जांच (investigation) की जाए। सोमवार देर रात एम्स भुवनेश्वर (AIIMS Bhubaneswar) में इलाज के दौरान छात्रा की दुखद मृत्यु हो गई थी। उसने अपने कॉलेज के एक वरिष्ठ प्रोफेसर पर बेहद गंभीर आरोप लगाए थे, जिन्होंने कथित तौर पर उसका यौन उत्पीड़न किया था।
सरकार पर न्याय में देरी का आरोप! कब मिलेगा इंसाफ?
प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर न्याय दिलाने में देरी (delay in justice) करने और पीड़िता की आवाज को अनसुना करने का आरोप लगाया। उन्होंने दोषियों के खिलाफ अविलंब और कड़ी कार्रवाई (immediate and strict action) की मांग की। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात (heavy police deployment) कर दिया गया था और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके। यह घटना राज्य में महिला सुरक्षा और शैक्षणिक संस्थानों में जवाबदेही के मुद्दों पर गंभीर सवाल उठाती है।
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