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Join NowNarendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन के अपने बहुप्रतीक्षित एक दिवसीय दौरे के लिए रवाना हो गए हैं। उनका यह संक्षिप्त लेकिन बेहद महत्वपूर्ण दौरा भारत और ब्रिटेन के द्विपक्षीय संबंधों में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस यात्रा का सबसे बड़ा आकर्षण भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement – FTA) है, जिस पर हस्ताक्षर होने की प्रबल संभावना है। यदि यह समझौता सफल होता है, तो दोनों देशों के बीच व्यापार को एक अभूतपूर्व नई ऊंचाई मिलेगी।
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आखिरी चरण में है ऐतिहासिक व्यापार समझौता (FTA)
लंदन में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी के अनुसार, यह समझौता अपने अंतिम कानूनी चरण में है। इस चरण में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि समझौते का मसौदा 6 मई को भारतीय और ब्रिटिश अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के आधार पर ही तैयार किया गया है।
क्या सस्ता होगा? 120 अरब डॉलर के व्यापार का लक्ष्य
इस मुक्त व्यापार समझौते के जरिए, भारत और ब्रिटेन का लक्ष्य 2030 तक अपने द्विपक्षीय व्यापार को 120 अरब अमेरिकी डॉलर के महत्वाकांक्षी स्तर तक ले जाना है। उम्मीद की जा रही है कि इस समझौते पर गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मुलाकात के दौरान आधिकारिक रूप से हस्ताक्षर हो सकते हैं। इस समझौते के बाद व्हिस्की, वाइन, ऑटोमोबाइल, और चमड़े के सामान जैसी कई ब्रिटिश वस्तुओं पर टैरिफ कम हो सकता है, जिससे वे भारतीय बाजार में सस्ती हो सकती हैं।
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व्यापारियों को मिलेगी स्पष्ट रूपरेखा, बढ़ेगा द्विपक्षीय व्यापार
भारतीय उच्चायुक्त दोराईस्वामी ने स्पष्ट किया कि FTA सिर्फ टैरिफ कम करने तक सीमित नहीं है। बल्कि, इसमें व्यापार के नियम, सीमा शुल्क व्यवस्था (Customs Arrangement), माल की उत्पत्ति के नियम (Rules of Origin), सरकारी खरीद (Government Procurement), और सेवा क्षेत्र (Service Sector) से जुड़े कई अहम मुद्दे शामिल हैं।
एक बार जब यह समझौता हस्ताक्षरित हो जाता है और ब्रिटेन की संसद द्वारा इसकी पुष्टि (ratify) कर दी जाती है, तो दोनों देशों के व्यापारियों को व्यापार के लिए एक अधिक पूर्वानुमानित और पारदर्शी ढांचा (Predictable Framework) मिलेगा। इससे न सिर्फ नियमों में स्पष्टता आएगी, बल्कि व्यापार करने की प्रक्रिया भी सरल होगी, जिससे दोनों देशों के छोटे और बड़े उद्यमी आसानी से एक-दूसरे के बाजार में पहुंच बना सकेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के स्थानीय समयानुसार बुधवार शाम को ब्रिटेन पहुंचने की उम्मीद है, जिसके बाद गुरुवार को उनकी ब्रिटिश पीएम स्टार्मर के साथ महत्वपूर्ण बैठकें होंगी, जहां दोनों पक्षों के बीच सहमत एफटीए पर औपचारिक रूप से मुहर लग सकती है।
ब्रिटेन में भारतीय समुदाय के लिए गर्व का क्षण
भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “हम चाहते थे कि पीएम मोदी का दौरा लंबा हो, लेकिन पीएम का ब्रिटेन में सिर्फ 24 घंटे रुकना यह दर्शाता है कि भारत इस साझेदारी को कितना महत्व देता है।” उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री हमेशा यह मानते हैं कि पारंपरिक और महत्वपूर्ण साझेदारों के साथ संबंध मजबूत करने चाहिए। संसद सत्र के दौरान भी इतनी दूरी तय कर प्रधानमंत्री का यहां आना इस रिश्ते को एक नई ऊंचाई देने की उनकी मजबूत मंशा को दर्शाता है।”
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किंग चार्ल्स से मुलाकात और आयुर्वेद पर चर्चा
अपने व्यस्त कार्यक्रम के बीच, पीएम मोदी की ब्रिटेन के किंग चार्ल्स-III से भी मुलाकात तय है। यह मुलाकात इसलिए भी खास है क्योंकि 2018 में जब पीएम मोदी ब्रिटेन गए थे, तब उन्होंने तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स (किंग चार्ल्स) के साथ मिलकर एक आयुर्वेदिक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत की थी। दोराईस्वामी ने उम्मीद जताई कि इस बार भी दोनों नेताओं के बीच स्वास्थ्य, पर्यावरण, योग और जीवनशैली से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्थक चर्चा होगी।
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बिजनेस डेलीगेशन और मालदीव की यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक उच्च-स्तरीय बिजनेस डेलीगेशन भी इस दौरे पर है, जो ब्रिटेन के व्यापारिक समुदाय के साथ नए अवसरों की तलाश करेगा। ब्रिटेन में अपने कार्यक्रमों के बाद, प्रधानमंत्री मालदीव के लिए रवाना होंगे, जहां वे 26 जुलाई को वहां की स्वतंत्रता के 60 साल पूरे होने पर आयोजित समारोह में ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ होंगे।