Mathura building collapse: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। थाना गोविंद नगर इलाके के माया टीला शाहगंज के पास चल रही खुदाई के दौरान अचानक बड़ा हादसा हो गया। इस घटना में पास के करीब 4 से 5 मकान देखते ही देखते भरभरा कर गिर गए। यह घटना इतनी भयावह थी कि आसपास मौजूद लोग दहशत में आ गए। गिरे हुए मकानों के मलबे के नीचे कई लोगों के फंसे होने की गंभीर आशंका जताई जा रही है। सूचना मिलते ही तत्काल स्थानीय प्रशासन, पुलिस और बचाव दल (Rescue Team) मौके पर पहुंच गया है और युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य (Relief and Rescue Operation) शुरू कर दिया गया है।
यह हृदय विदारक घटना मथुरा शहर के गोविंद नगर थाना क्षेत्र के माया टीला शाहगंज इलाके में हुई। बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र में कहीं पर खुदाई का काम चल रहा था। संभवतः यह खुदाई किसी निर्माण कार्य (Construction Work) या अन्य गतिविधि के लिए की जा रही थी। लेकिन, यह खुदाई आसपास के पुराने और कमजोर ढांचों के लिए खतरनाक साबित हुई। खुदाई के कारण जमीन हिलने या सपोर्ट हटने से बगल के 4 से 5 मकान अचानक ढह गए। यह दृश्य बेहद खौफनाक था, जैसा कि सामने आए वीडियो में भी देखा जा सकता है। वीडियो में गिरे हुए मकानों का मलबा (Debris) साफ दिखाई दे रहा है।
जैसे ही मकान गिरे, मौके पर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत मदद के लिए दौड़ लगाई और प्रशासन को सूचित किया। मलबे के ढेर में तब्दील हो चुके मकानों के नीचे कई लोगों के फंसे होने की आशंका ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया। हादसे की जानकारी मिलते ही मथुरा पुलिस (Mathura Police) और जिला प्रशासन हरकत में आया। तत्काल प्रभाव से आपदा राहत दल (Disaster Relief Force) और स्थानीय बचाव दल (Local Rescue Team) को मौके पर रवाना किया गया।
फिलहाल, घटनास्थल पर बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य (Relief and Rescue Work) जारी है। जेसीबी (JCB) मशीनों और अन्य उपकरणों की मदद से मलबे को हटाने का काम तेजी से चल रहा है ताकि फंसे हुए लोगों तक जल्द से जल्द पहुंचा जा सके। बचाव दल के सदस्य बेहद सावधानी से काम कर रहे हैं ताकि मलबे के नीचे फंसे लोगों को और नुकसान न पहुंचे। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल (Police Force) भी तैनात किया गया है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और बचाव कार्य में किसी तरह की बाधा न आए।
स्थानीय लोगों ने घटना के बारे में बताया कि खुदाई का काम ही इस हादसे का कारण बना। उनका कहना है कि खुदाई के कारण आसपास के मकानों की नींव कमजोर हो गई थी, जिससे वे भार नहीं सह पाए और गिर गए। स्थानीय निवासी बचाव कार्य में प्रशासन की मदद कर रहे हैं और मलबे को हटाने में हाथ बंटा रहे हैं।
रेस्क्यू टीम (Rescue Team) से मिली ताजा जानकारी के अनुसार, अब तक मलबे में फंसे 3 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है। इन निकाले गए लोगों में एक पुरुष, एक महिला और एक मासूम बच्चा शामिल है। तीनों को तत्काल एंबुलेंस (Ambulance) की मदद से इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल (Hospital) भेजा गया है। उनकी हालत कैसी है, इस बारे में अभी विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि उन्हें समय पर उचित चिकित्सा मिल सकेगी।
यह हादसा शहरी क्षेत्रों में होने वाले निर्माण और खुदाई कार्यों के दौरान बरती जाने वाली सुरक्षा सावधानियों पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। अक्सर पुरानी और घनी आबादी वाले इलाकों में इस तरह की खुदाई आस-पास के ढांचों के लिए खतरा बन जाती है। इस घटना ने एक बार फिर याद दिलाया है कि निर्माण और विकास कार्य करते समय लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही लखनऊ में भी एक पुराना मकान गिरने से बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें 5 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस तरह की लगातार हो रही घटनाएं प्रशासन और नगर निकायों के लिए सबक हैं कि वे ऐसे कार्यों की निगरानी और सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित करें। मथुरा के इस हादसे में फंसे बाकी लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए दुआएं की जा रही हैं।