Chirag Paswan News: बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में इन दिनों गहमागहमी का माहौल है। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक सरगर्मियां चरम पर हैं। सभी दल अपनी रणनीति बनाने और संभावित उम्मीदवारों पर मंथन करने में जुटे हैं। इस बीच, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) [Lok Janshakti Party (Ramvilas)] के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) के चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं। चिराग पासवान, जिन्होंने हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में शानदार प्रदर्शन किया है और केंद्र सरकार में मंत्री बने हैं, क्या इस बार बिहार विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरेंगे? यह सवाल बिहार के राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा बटोर रहा है। इस संबंध में उनकी पार्टी की कार्यकारिणी (LJP Executive Committee) ने एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है।
LJP कार्यकारिणी का चिराग पासवान को सुझाव: लड़ना चाहिए विधानसभा चुनाव
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की कार्यकारिणी बैठक में एक बड़ा और सर्वसम्मत फैसला लिया गया है। पार्टी की कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से यह सुझाव दिया है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए। यह फैसला पार्टी के भीतर चिराग पासवान की बढ़ती स्वीकार्यता और उनके नेतृत्व में पार्टी को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, हाल ही में पटना में हुई एलजेपी (रामविलास) की कार्यकारिणी बैठक के दौरान इस मुद्दे पर गहन चर्चा हुई। बैठक में यह बात सामने आई कि चिराग पासवान का नारा ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ (Bihar First, Bihari First) जनता के साथ सीधे तौर पर जुड़ाव पैदा कर रहा है। इस नारे ने युवाओं और अन्य वर्गों के बीच एक मजबूत पहचान बनाई है। पार्टी का मानना है कि चिराग पासवान के इस नारे और उनके व्यक्तित्व का लाभ विधानसभा चुनाव में उठाया जाना चाहिए।
पार्टी का सर्वे: जनता चाहती है चिराग बिहार में सक्रिय हों
एलजेपी (रामविलास) द्वारा कराए गए एक आंतरिक सर्वे (LJP Survey) के परिणाम भी चिराग पासवान के पक्ष में आए हैं। इस सर्वे में यह बात सामने आई है कि बिहार की एक बड़ी आबादी यह मानती है कि चिराग पासवान को बिहार की राजनीति में और अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए और बिहारियों के लिए सीधे जमीन पर उतरकर काम करना चाहिए। जनता की यह भावना पार्टी के लिए एक बड़ा संकेत है और यही कारण है कि कार्यकारिणी ने चिराग पासवान को चुनाव लड़ने का सुझाव दिया है।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कार्यकारिणी का यह सिर्फ एक सुझाव है। अंतिम फैसला (Final Decision) चिराग पासवान को ही लेना है। वह वर्तमान में केंद्र सरकार में मंत्री (Union Minister Chirag Paswan) हैं और राष्ट्रीय राजनीति (National Politics) में अपनी छाप छोड़ रहे हैं। विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला उनके राजनीतिक करियर (Chirag Paswan Political Career) के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
किस सीट से चुनाव लड़ सकते हैं चिराग पासवान? संभावित सीटें
यदि चिराग पासवान विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं, तो उनके लिए कुछ संभावित सीटों (Potential Assembly Seats) पर भी चर्चा चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, जिन सीटों पर विचार किया जा रहा है उनमें पटना (Patna Assembly Seat), दानापुर (Danapur Assembly Seat) या हाजीपुर (Hajipur Assembly Seat) शामिल हैं।
-
पटना या दानापुर: पटना राजधानी क्षेत्र होने के नाते एक हाई-प्रोफाइल सीट होगी और यहां से चुनाव लड़ना बिहार की राजनीति में उनकी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएगा। दानापुर भी पटना के करीब की एक महत्वपूर्ण सीट है।
-
हाजीपुर: हाजीपुर सीट से उनका गहरा भावनात्मक जुड़ाव है। यह उनके पिता, पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की पारंपरिक लोकसभा सीट रही है और चिराग पासवान खुद यहीं से मौजूदा सांसद हैं। हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा सीटें आती हैं, और किसी एक सीट से लड़ना उनके लिए स्वाभाविक हो सकता है।
हालांकि, सीट का अंतिम चयन राजनीतिक समीकरणों, जातिगत समीकरणों और जीत की संभावनाओं को ध्यान में रखकर ही किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव 2024 में शानदार प्रदर्शन
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में चिराग पासवान ने बीजेपी (BJP) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सहयोगी के तौर पर बिहार में पांच सीटों पर चुनाव लड़ा था। उनकी पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने इन सभी पांचों सीटों पर जीत हासिल करके 100% स्ट्राइक रेट (100% Strike Rate) दर्ज किया। यह प्रदर्शन बिहार की राजनीति में उनकी ताकत और लोकप्रियता का स्पष्ट प्रमाण है। खुद चिराग पासवान ने अपने पिता की पारंपरिक सीट हाजीपुर से चुनाव जीता और पहली बार केंद्र सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री (Minister of Food Processing Industries) बने।
लोकसभा चुनाव में मिली इस सफलता ने चिराग पासवान और उनकी पार्टी के आत्मविश्वास को बढ़ाया है। पार्टी अब बिहार विधानसभा चुनाव में भी इसी सफलता को दोहराना चाहती है और राज्य की राजनीति में अपनी पैठ और मजबूत करना चाहती है।
आगे की राह: चिराग का फैसला
बिहार में विधानसभा चुनाव में अब बहुत ज्यादा समय नहीं बचा है। ऐसे में, एलजेपी (रामविलास) चाहती है कि उनके सबसे बड़े नेता चिराग पासवान खुद चुनावी मैदान में उतरें। पार्टी का मानना है कि उनकी जीत न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाएगी, बल्कि बिहार की जनता के बीच भी एक सकारात्मक संदेश देगी कि चिराग पासवान बिहार के विकास (Bihar Development) और बिहारी लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। विधानसभा में उनकी उपस्थिति राज्य के मुद्दों को और अधिक मजबूती से उठाने में भी मदद करेगी।
यह देखना दिलचस्प होगा कि चिराग पासवान अपनी पार्टी की कार्यकारिणी के सुझाव को कितना महत्व देते हैं और क्या वह राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका के साथ-साथ बिहार की राज्य राजनीति में भी सीधे तौर पर उतरने का फैसला करते हैं। उनका फैसला बिहार की आगामी चुनावी बिसात पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की कार्यकारिणी द्वारा चिराग पासवान को बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का सुझाव एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम है। पार्टी का मानना है कि उनका ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का नारा और हालिया चुनावी सफलता उन्हें विधानसभा में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने में मदद करेगी। पार्टी द्वारा कराए गए सर्वे में भी जनता की यही भावना सामने आई है। यदि चिराग पासवान चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं, तो पटना, दानापुर या हाजीपुर जैसी सीटें उनके लिए संभावित विकल्प हो सकती हैं। उनका यह निर्णय बिहार की राजनीति और उनके अपने राजनीतिक भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। सभी की निगाहें अब चिराग पासवान के अंतिम फैसले पर टिकी हैं।