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Join NowBhupesh Baghel: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापेमारी के बाद हुई है। संयोग से, आज चैतन्य का जन्मदिन भी है, जो इस घटना को और भी सनसनीखेज बना देता है। बताया जा रहा है कि नए सबूत मिलने के बाद ED ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दुर्ग जिले के भिलाई शहर में स्थित भूपेश बघेल के आवास पर छापेमारी की थी। यह पिता-पुत्र का साझा आवास है।
ED की कार्रवाई: बघेल परिवार पर शिकंजा कसता हुआ!
भूपेश बघेल के आवास के बाहर भारी संख्या में पुलिसकर्मी और समर्थक जमा थे। दोपहर में ED की टीम चैतन्य को अपने साथ ले गई। कांग्रेस समर्थकों ने ED की टीम के सामने जमकर नारेबाजी की और गाड़ी को रोकने का प्रयास किया। पुलिस को काफी मशक्कत के बाद ED की गाड़ियों के लिए रास्ता बनाना पड़ा। केंद्रीय जांच एजेंसी ने 10 मार्च को भी चैतन्य बघेल के खिलाफ इसी तरह की छापेमारी की थी।
पूर्व CM का केंद्र पर निशाना: “जन्मदिन का तोहफा ताउम्र याद रहेगा!”
पूर्व मुख्यमंत्री ने बेटे के जन्मदिन पर ED की कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार पर जोरदार निशाना साधा और कहा कि उन्हें “ताउम्र यह तोहफा याद रहेगा”। उन्होंने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “जन्मदिन का जैसा तोहफा मोदी और शाह जी देते हैं वैसा दुनिया के किसी लोकतंत्र में और कोई नहीं दे सकता। मेरे जन्मदिन पर दोनों परम आदरणीय नेताओं ने मेरे सलाहकार और दो OSD के घरों पर ED भेजी थी। और अब मेरे बेटे चैतन्य के जन्मदिन पर मेरे घर पर ED की टीम छापामारी कर रही है। इन तोहफों का धन्यवाद। ताउम्र याद रहेगा।” यह बयान राजनीतिक गरमागरमी को दर्शाता है।
ED की कार्रवाई का कनेक्शन: क्या है अडाणी मुद्दे से संबंध?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ED विधानसभा सत्र के आखिरी दिन उनके घर आई है, जब रायगढ़ जिले के तमनार तहसील में अडाणी समूह की कोयला खदान परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई का मुद्दा उठाया जाना था। उनके कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘आज विधानसभा के मॉनसून सत्र का अंतिम दिन है। तमनार में अदाणी के लिए काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा आज उठना था। भिलाई निवास में ‘साहेब’ ने ED भेज दी है।’ बघेल ने इस महीने की शुरुआत में रायगढ़ जिले के तमनार तहसील का दौरा किया था और कोयला खदान परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे स्थानीय ग्रामीणों के प्रति समर्थन व्यक्त किया था। यह खदान महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड को आवंटित है, जिसने MD (खदान विकासकर्ता सह संचालक) का ठेका अडाणी समूह को दिया है। यह राजनीतिक बयान मामले को और जटिल बनाता है।
ED का आरोप: शराब घोटाले में चैतन्य बघेल को भी मिला पैसा!
ED ने पहले दावा किया था कि चैतन्य बघेल पर कथित शराब घोटाले से धन प्राप्त करने का संदेह है। यह कहा गया कि इस घोटाले के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब घोटाले में शामिल गिरोह के लाभार्थियों की जेबों में 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि गई। यह ED का दावा मामले की गंभीरता को दर्शाता है।
शराब घोटाला मामला: मंत्री समेत कई गिरफ्तार, ₹205 करोड़ की संपत्ति कुर्क
इस मामले में ED ने जनवरी में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा, रायपुर के महापौर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (ITS) के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य लोगों को जांच के तहत गिरफ्तार किया था।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: क्या है पूरा आरोप?
ED के अनुसार छत्तीसगढ़ में यह कथित शराब घोटाला 2019 और 2022 के बीच हुआ था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। इस जांच के तहत अब तक एजेंसी द्वारा विभिन्न आरोपियों की लगभग 205 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। उच्चतम न्यायालय ने 2024 में इस मामले में ED की पहली प्राथमिकी (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) को रद्द कर दिया था, जो आयकर विभाग की शिकायत पर आधारित थी। इसके बाद ED ने नए सबूतों के आधार पर छत्तीसगढ़ के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) / भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) से एक नई प्राथमिकी दर्ज करने को कहा और फिर एक नया मामला दायर किया। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) / भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACb) ने 17 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज की। इस प्राथमिकी में 70 व्यक्तियों और कंपनियों के नाम शामिल किए गए, जिनमें पूर्व आबकारी मंत्री कावसी लखमा, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड और अन्य लोग शामिल हैं। यह शराब घोटाला मामला राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है।