डेस्क। अमेरिकी सरकार ने एक बड़ा बयान जारी किया है कि ‘हैकर्स ने जून के अंत और जुलाई की शुरुआत में जो बाइडन के प्रचार अभियान से जुड़े लोगों को कुछ ईमेल भी भेजे थे। इन ईमेल्स में डोनाल्ड ट्रंप के प्रचार अभियान के दस्तावेजों से चुराई गई जानकारी भी संलग्न करी गई थी।’
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में विदेशी दखल का खुलासा भी हुआ है। दरअसल अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी एफबीआई की जांच में यह पता चला है कि ईरान के हैकर्स ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रचार अभियान में सेंध भी लगाई है और ट्रंप के प्रचार अभियान के दस्तावेज चुराकर उन्हें जो बाइडन की प्रचार अभियान टीम के साथ साझा भी किया है। घटना जून-जुलाई की बताई जा रही है और अब जो बाइडन राष्ट्रपति पद की रेस से हट गए हैं और उनकी जगह कमला हैरिस डेमोक्रेट पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनी हैं।
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अमेरिकी सरकार ने एक बयान जारी कर बोला है कि ‘हैकर्स ने जून के अंत और जुलाई की शुरुआत में जो बाइडन के प्रचार अभियान से जुड़े लोगों को कुछ ईमेल भेजे थे और इन ईमेल्स में डोनाल्ड ट्रंप के प्रचार अभियान के दस्तावेजों से चुराई गई जानकारी भी संलग्न थी।’ ईरान पर पहले भी अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में दखल देने के कई आरोप लग चुके हैं। अब जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद अमेरिका का न्याय विभाग इस मामले में आरोप तय करने की तैयारी में है। मामले की जांच कर रही एफबीआई का यह कहना है कि यह हैकिंग मतदाताओं के चुनाव में विश्वास को कमजोर करने और अराजकता फैलाने के उद्देश्य से करी गई थी।
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ट्रंप की प्रचार अभियान टीम ने दावा किया था कि उन पर साइबर हमला हुआ है और ईरान के हैकर्स पर कई आरोप लगाए गए। मीडिया रिपोर्ट्स में यह बोला गया कि संवेदनशील जानकारी चुराकर कई न्यूज चैनल्स को भी भेजी गई थी। हालांकि इन न्यूज चैनल्स ने एफबीआई को हैकर्स द्वारा भेजे गए दस्तावेजों की जानकारी देने से मना कर दिया है। जो जानकारी भेजी गई है, उनमें रिपब्लिकन पार्टी के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जेडी वेंस के बारे में एक रिसर्च दस्तावेज भी शामिल हैं। गौरतलब है कि ये दस्तावेज जेडी वेंस को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने से कई महीने पहले के हैं।