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भारत का 76वां गणतंत्र दिवस: महिलाओं का बढ़ता योगदान

क्या आप जानते हैं कि भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है? इस गणतंत्र दिवस परेड में पशुपालन विभाग की झांकी ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि कैसे महिलाएं खेती और पशुपालन के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को मज़बूत कर रही हैं। आइये, इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि किस तरह से महिलाएं भारत के ग्रामीण विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं और सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों के बारे में।

स्वर्णिम भारत: महिला किसानों का उभरता सितारा

पशुपालन विभाग की झांकी 'स्वर्णिम भारत की विरासत और विकास' पर आधारित थी। इस झांकी ने न सिर्फ़ दूध उत्पादन में भारत के नेतृत्व को दर्शाया, बल्कि महिला किसानों के योगदान पर भी प्रकाश डाला। झांकी में एक महिला किसान को अपनी भैंसों की देखभाल करते हुए दिखाया गया था, जो भारतीय देसी नस्लों के संरक्षण और विकास को दर्शाता है। इसके साथ ही, बिलोना विधि से घी बनाने की पारंपरिक तकनीक को भी प्रदर्शित किया गया।

दूध से लेकर घी तक: महिलाओं का व्यापक योगदान

पशुपालन सिर्फ़ दूध उत्पादन तक सीमित नहीं है। झांकी ने दिखाया कि कैसे महिलाएं घी उत्पादन, भैंसों की देखभाल, और पशुपालन से जुड़े अन्य कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। इस प्रकार, झांकी ने पारंपरिक कौशल और आधुनिक विकास के बीच बेहतरीन तालमेल को प्रदर्शित किया। इसका मतलब है आर्थिक विकास में महिलाओं की भूमिका में अभूतपूर्व बढ़ोतरी।

कामधेनु: ग्रामीण समृद्धि का प्रतीक

झांकी के अंतिम भाग में कामधेनु का चित्रण, भारतीय स्वदेशी गायों को श्रद्धांजलि थी। ये गायें सिर्फ़ दूध, घी और दही का ही स्रोत नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा हैं। ये महिलाओं के लिए आजीविका का महत्वपूर्ण साधन हैं और इस बात को दर्शाया गया।

कामधेनु के संरक्षण की आवश्यकता

कामधेनु के महत्व पर ज़ोर देने के साथ-साथ झांकी ने स्वदेशी गायों के संरक्षण और उनके बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता पर भी ध्यान आकर्षित किया। स्वदेशी नस्लों के दूध में अधिक पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं और इनकी संरक्षण आवश्यक है।

लखपति दीदी और अन्य योजनाएँ: महिलाओं का सशक्तिकरण

सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। 'लखपति दीदी' जैसी योजनाएँ महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में उनका योगदान बढ़ाने में सहायक होती हैं।

सरकार का प्रोत्साहन

इसके अलावा, सरकार प्रगतिशील महिला किसानों और पशुपालकों को पुरस्कार और प्रोत्साहन राशि भी दे रही है। इन पहलों से न सिर्फ़ महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मज़बूत करने में मदद मिलेगी।

टेक अवे पॉइंट्स

  • गणतंत्र दिवस की परेड में पशुपालन विभाग की झांकी ने महिलाओं के योगदान को सराहा है।
  • महिलाएँ खेती, पशुपालन, और डेयरी उत्पादों के उत्पादन में अहम भूमिका निभा रही हैं।
  • सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण बढ़ेगा।
  • कामधेनु जैसी स्वदेशी नस्लों का संरक्षण और प्रबंधन आवश्यक है।