पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह: भारत के आर्थिक सुधारों के जनक
डॉ. मनमोहन सिंह का नाम भारत के इतिहास में हमेशा सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। उनके निधन से देश गमगीन है, लेकिन उनकी विरासत हमेशा हमारे साथ रहेगी। आइए, जानते हैं भारत के 13वें प्रधानमंत्री के बारे में, जिन्हें आर्थिक सुधारों का जनक माना जाता है।
आर्थिक उदारीकरण का सूत्रपात
1991 में, जब भारत एक गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था, तब डॉ. मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के तौर पर ऐतिहासिक कदम उठाए। उन्होंने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीतियों को लागू करके भारतीय अर्थव्यवस्था को नया आयाम दिया। इस नीति ने देश के आर्थिक विकास को एक नई रफ़्तार दी। मनमोहन सिंह की आर्थिक नीतियां एक अविश्वसनीय सफलता कहानी रहीं, जिसने भारत को विश्व के शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में स्थान दिलाने में अहम योगदान दिया। कई लोग उनका नाम "भारतीय अर्थव्यवस्था के आर्किटेक्ट" के तौर पर लेते हैं।
लाइसेंस राज का अंत और वैश्विक आर्थिक मंच पर भारत का उदय
डॉ. मनमोहन सिंह ने लाइसेंस राज का अंत करके व्यवसायों के लिए एक खुला वातावरण बनाया। उन्होंने विदेशी निवेश को आमंत्रित किया, जिससे भारत में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा हुए। उन्होंने आर्थिक विकास की रफ़्तार को इतना बढ़ाया कि भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से दुनिया की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में परिवर्तित हुआ, और वो भी वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान!
भारत के विकास में जन कल्याणकारी योजनाएं
डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में कई जन कल्याणकारी योजनाएं भी लाई गईं। सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI), मनरेगा (MGNREGA), प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT), और आधार कार्ड जैसी योजनाएं न केवल बेहद महत्वपूर्ण हैं बल्कि इन योजनाओं से नागरिकों के जीवन स्तर में काफ़ी सुधार आया। इन योजनाओं ने भारत की प्रशासनिक व्यवस्था को पारदर्शी बनाने और गरीबों और वंचितों को सशक्त बनाने में अहम योगदान दिया।
भारत-अमेरिका परमाणु समझौता: एक ऐतिहासिक उपलब्धि
2008 में भारत-अमेरिका के बीच परमाणु समझौता होना भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था। डॉ. मनमोहन सिंह ने राजनीतिक विरोध के बावजूद इस समझौते को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया, जिससे भारत को वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका मिली। यह उनके राजनयिक कौशल और दूरदृष्टि का बेहतरीन उदाहरण है।
टेक अवे पॉइंट्स
- डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान भारत के आर्थिक विकास में अद्वितीय है।
- उन्होंने उदारीकरण और निजीकरण के ज़रिए भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर पहुँचाया।
- जन कल्याणकारी योजनाओं ने देशवासियों के जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार किया।
- भारत-अमेरिका परमाणु समझौता उनकी राजनीतिक कूटनीति का बेहतरीन उदाहरण है।
डॉ. मनमोहन सिंह भारत की आर्थिक और राजनीतिक गाथा में हमेशा याद किए जाएँगे।