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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर शोक की लहर: भारत ने खोया अपना एक रत्न

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और देश के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, डॉ. मनमोहन सिंह का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से पूरा देश शोक में डूब गया है। यह एक ऐसा क्षण है जब हम सभी को उनके अतुलनीय योगदान को याद करना चाहिए, जो उन्होंने भारत के विकास में दिया। इस लेख में हम उनके जीवन, उनके कार्य और उनके द्वारा देश के विकास में लगाए गए प्रयासों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

डॉ. मनमोहन सिंह: जीवन और कार्य

डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म पंजाब के एक साधारण परिवार में हुआ था। उन्होंने अमृतसर से अपनी शिक्षा प्राप्त की और आगे चलकर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद वे पंजाब विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने और कई वर्षों तक अपनी अकादमिक सेवाएँ प्रदान कीं।

आर्थिक सुधारों के सूत्रधार

1991 में, भारत गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था, तब डॉ. मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में पदभार संभाला। उनके कुशल नेतृत्व और दूरदर्शी सोच के चलते उन्होंने कई आर्थिक सुधारों को लागू किया, जिन्हें अब भारत के आर्थिक उदारीकरण के रूप में जाना जाता है। इन सुधारों के कारण भारत की अर्थव्यवस्था को नई गति मिली।

प्रधानमंत्री के रूप में योगदान

वर्ष 2004 में, डॉ. मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री बने और लगातार 10 वर्षों तक इस पद पर रहे। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, देश ने आर्थिक विकास, सामाजिक न्याय और सुशासन के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की।

देश के प्रति समर्पण

डॉ. मनमोहन सिंह अपने संयम, विनम्रता और शालीनता के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन को देश की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। उनका अथक प्रयास और प्रतिबद्धता सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। उन्होंने एक ऐसे युग की शुरुआत की जिसमें वैश्वीकरण, निजीकरण और उदारीकरण के द्वारा भारत ने आर्थिक उन्नति की दिशा में अहम कदम उठाए।

भारतीय अर्थव्यवस्था में बदलाव

डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत की अर्थव्यवस्था में भारी बदलाव किए। लाइसेंस राज को कम करना और अर्थव्यवस्था को विश्व के लिए खोलना उनके कामकाज का हिस्सा था। वित्त मंत्री रहते हुए, उन्होंने 1991 के गंभीर आर्थिक संकट के दौरान, देश को डिफॉल्ट होने से बचाया और भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त किया।

एक शांत व्यक्तित्व

डॉ. मनमोहन सिंह कभी दिखावे में नहीं विश्वास करते थे और शांत और व्यवहारिक नेता के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने अपनी नीतियों को अपने कार्य से स्पष्ट किया। वह ऐसे नेता थे जिन्होंने नीतियों और योजनाओं को बनाने और उन्हें सफलतापूर्वक लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

शिक्षा और ज्ञान का आदर्श

उनका पूरा जीवन शिक्षा और ज्ञान की प्राप्ति और उसे आगे बढ़ाने के लिए समर्पित रहा। वे अकादमिक जगत के अनुभवी और अनुकरणीय व्यक्ति थे, और युवाओं को सदैव शिक्षा के महत्त्व और ज्ञान के महत्व के बारे में प्रेरित करते रहे।

टेक अवे पॉइंट्स

  • डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने पूरे जीवन में देश के आर्थिक विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया।
  • 1991 के आर्थिक संकट के दौरान, उन्होंने अपने कौशल और बुद्धिमत्ता से भारत की अर्थव्यवस्था को संकट से बाहर निकाला।
  • उन्होंने अपने सरल और सभ्य स्वभाव के द्वारा देश की जनता का विश्वास जीता और उन्हें एक प्रिय और सम्मानित नेता के रूप में जाना जाता है।
  • उनकी विरासत भारत के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और युगों-युगों तक उन्हें याद किया जाएगा।