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दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर ग्रैफिटी: जमिया के छात्र की गिरफ्तारी ने मचाई हलचल!

क्या आप जानते हैं कि दिल्ली के मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन पर एक हैरान करने वाली घटना घटी है? जमिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से फाइन आर्ट्स के छात्र राजीव कुमार सिंह ने स्टेशन की दीवार पर एक विवादास्पद ग्रैफिटी बना दी है, जिसके चलते वह अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। इस मामले में कई सवाल उठ रहे हैं, और हम आपको पूरी कहानी बताएंगे, जिसमें राजीव का बयान और पुलिस की कार्रवाई शामिल है। तैयार हो जाइए एक दिलचस्प कहानी के लिए!

ग्रैफिटी का रहस्य: "PM Earthworms are better than you POPA"

23 जनवरी की रात को, राजीव ने मेट्रो स्टेशन पर एक ऐसा संदेश लिखा, जिसने सबको चौंका दिया। "PM Earthworms are better than you POPA"। यह संदेश सिर्फ ग्रैफिटी नहीं था, बल्कि एक बड़ा सवालिया निशान था जिसने सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी। सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने राजीव की पहचान की और उत्तर प्रदेश से उसे गिरफ्तार कर लिया। लेकिन क्या यह सिर्फ एक साधारण हरकत थी या इसके पीछे कोई गहरा राज है?

राजीव का बचाव और पुलिस की कार्रवाई

गिरफ्तारी के बाद, राजीव ने पुलिस को बताया कि उसने एक कविता पढ़ी थी जो मिट्टी के केंचुओं के बारे में थी। यह कविता उसे इतना प्रभावित करती है कि उस ने इसे ग्रैफिटी के रूप में व्यक्त किया। उसने यह भी स्वीकार किया कि वह अक्सर सड़क के खम्बों और अन्य जगहों पर ग्रैफिटी बनाता है, और अपने सिग्नेचर के तौर पर "POPA" लिखता है। पुलिस ने उसे दिल्ली प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन एक्ट और भारतीय दंड संहिता के तहत आरोप लगाए हैं।

एक कलाकार की अभिव्यक्ति या गैरकानूनी कृत्य?

यह सवाल उठता है कि क्या राजीव का काम कलात्मक अभिव्यक्ति का एक रूप है या एक गैरकानूनी कृत्य? अपनी कला के ज़रिये अपनी बात रखना एक बात है, परंतु क्या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना उचित है? यह मुद्दा एक व्यापक बहस का विषय बन गया है। क्या राजीव को अपनी कला को प्रदर्शित करने का एक और उचित तरीका नहीं मिल सकता था?

सामाजिक मीडिया का रिएक्शन

इस घटना ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया है। कई लोगों ने राजीव के काम की प्रशंसा की, जबकि कई लोगों ने उसकी निंदा की। कुछ लोगों का कहना है कि उसकी अभिव्यक्ति का अधिकार है, तो दूसरों का मानना है कि उसने कानून तोड़ा है। यह बहस आज भी जारी है।

कानूनी पहलू और आगे की कार्यवाही

राजीव पर दिल्ली प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन एक्ट और भारतीय दंड संहिता के तहत कई आरोप लगाए गए हैं। अब देखना यह होगा कि अदालत इस मामले में क्या फैसला सुनाती है। क्या राजीव को सजा मिलेगी, या उसे उसकी कलात्मक अभिव्यक्ति के लिए छूट मिलेगी?

सवाल बना हुआ है…

राजीव की गिरफ्तारी एक अहम मुद्दा उठाती है: कला और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का क्या दायरा है? क्या यह सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का औचित्य प्रदान करता है? यह एक जटिल सवाल है जिसका जवाब तलाशने की जरूरत है।

टेक अवे पॉइंट्स

  • दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर ग्रैफिटी एक बहस का विषय बन गया है।
  • राजीव कुमार सिंह पर कई आरोप लगाए गए हैं।
  • यह घटना कला और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक सवालिया निशान खड़ा करती है।
  • सामाजिक मीडिया पर इस घटना की प्रतिक्रियाएं बंटी हुई हैं।
  • इस मामले के न्यायिक परिणाम को देखा जाना बाकी है।