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दिल्ली और बिहार में चुनावी सरगर्मी: क्या जनता का साथ पाएंगे ये नारे?

क्या आप जानते हैं कि दिल्ली और बिहार में चुनावी बिगुल बज चुका है? जी हाँ, नववर्ष की शुरुआत के साथ ही इन राज्यों में चुनावी माहौल गरमा गया है। दिल्ली में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने की संभावना है, जबकि बिहार में अक्टूबर-नवंबर तक चुनाव होने की उम्मीद है। दोनों राज्यों में सियासी दलों के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिलेगा। बीजेपी दिल्ली में तीन दशकों के बाद सत्ता में आने का सपना देख रही है, जबकि बिहार में महागठबंधन नीतीश कुमार को कुर्सी से हटाने की चुनौती का सामना कर रहा है।

बिहार में सियासी उठापटक: नीतीश कुमार का जलवा?

बिहार में नीतीश कुमार का नाम सबसे ऊपर आता है। जेडीयू का नारा “बिहार का बाहुबली कौन?” यही बताता है कि नीतीश कुमार कितने चतुर रणनीतिकार हैं। वो आठ बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और इस बार फिर से ताल ठोंक रहे हैं। भले ही बीजेपी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन सीएम की कुर्सी नीतीश कुमार के पास है। बीजेपी को जेडीयू, लोजपा, और HAM जैसे दलों का साथ लेना पड़ रहा है।

नीतीश कुमार के पाला बदलने की चर्चा तो हर चुनाव से पहले होती ही है। हाल ही में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से अपने दम पर सरकार बनाने का आह्वान किया, जिसका जवाब आरजेडी ने नीतीश को महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव देकर दिया। जेडीयू की सीटें बीजेपी से कम हो सकती हैं, लेकिन नीतीश कुमार का प्रभाव बरकरार है। जेडीयू का नारा यही बताता है कि बिहार में नीतीश कुमार के बिना सरकार बनना नामुमकिन है।

महागठबंधन, आरजेडी के नेतृत्व में सत्ता हासिल करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। तेजस्वी यादव BPSC छात्रों के मुद्दे से लेकर जातीय जनगणना और कानून व्यवस्था पर एनडीए पर हमलावर हैं। चुनाव में नीतीश कुमार जिसके साथ होंगे, उसके पक्ष में पलड़ा भारी होने की संभावना रहती है। लेकिन जनता क्या फैसला सुनाएगी, यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा।

दिल्ली का दिल: केजरीवाल बनाम बीजेपी

दिल्ली में पिछले एक दशक से अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) सत्ता में है। सत्ता बरकरार रखने के लिए AAP महिलाओं और बुजुर्गों को लक्षित योजनाएं चला रही है। AAP की सरकार फ्रीबीज के लिए विपक्ष के निशाने पर रही है, लेकिन यह रणनीति कारगर साबित हुई है और पार्टी दो बार 60 से ज़्यादा सीटें जीत चुकी है।

हाल ही में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद अरविंद केजरीवाल को जेल भी जाना पड़ा, और कई नेता भी जेल की हवा खा चुके हैं। केजरीवाल ने जमानत पर आने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और आतिशी को सीएम नियुक्त किया, लेकिन खुद ही चुनाव लड़ने वाले हैं।

AAP का नया नारा है, 'नहीं बिगड़ने देंगे दिल्ली का हाल, फिर लाएंगे केजरीवाल'। पार्टी बीजेपी पर आरोप लगाती है कि अगर AAP सत्ता से गई, तो बिजली-पानी और अन्य चीजों के दाम बढ़ जाएंगे। यही संदेश AAP अपने नारे से जनता तक पहुँचाने की कोशिश कर रही है।

बीजेपी AAP और केजरीवाल पर भ्रष्टाचार और झूठे वादों का आरोप लगा रही है। बीजेपी केंद्र में 10 साल से सत्ता में है, फिर भी दिल्ली में पिछले तीन दशकों से सत्ता पाने की कोशिश कर रही है, जबकि लोकसभा की सभी सीटें जीत चुकी है। कांग्रेस भी AAP और बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ रही है, जो कि इस चुनाव को और रोचक बना रहा है।

Take Away Points:

  • दिल्ली और बिहार में होने वाले चुनाव बेहद अहम हैं।
  • नीतीश कुमार का बिहार में दबदबा कायम है।
  • दिल्ली में AAP और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला है।
  • जनता का रुख क्या होगा, यह समय ही बताएगा।