Uttar Pradesh News : यूपी में बनेगा रिकॉर्ड तोड़ 1989 किलोमीटर लंबा 'दक्षिण कॉरिडोर' 8 अहम रास्तों को जोड़ेगा, 30 जिलों को मिलेगी रफ्तार और गंगा एक्सप्रेसवे से भी होगा सीधा कनेक्ट

Uttar Pradesh News : यूपी में बनेगा रिकॉर्ड तोड़ 1989 किलोमीटर लंबा ‘दक्षिण कॉरिडोर’ 8 अहम रास्तों को जोड़ेगा, 30 जिलों को मिलेगी रफ्तार और गंगा एक्सप्रेसवे से भी होगा सीधा कनेक्ट

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाकर कनेक्टिविटी को एक नया आयाम दे रही है। इसी दिशा में एक बहुत बड़ी और बेहद महत्वाकांक्षी योजना सामने आई है। प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर और आवागमन को पूरी तरह से बदलने के लिए अब एक विशाल ‘दक्षिण कॉरिडोर’ का निर्माण किया जाएगा। यह कॉरिडोर प्रदेश के आठ अलग-अलग सड़क मार्गों को आपस में जोड़ेगा और इसकी कुल लंबाई 1989 किलोमीटर होगी!

यह परियोजना उत्तर प्रदेश की रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से एक गेमचेंजर साबित हो सकती है। इसका मकसद राज्य के दक्षिणी हिस्सों और नेपाल सीमा से लगे उत्तरी जिलों के बीच सीधी और तेज़ कनेक्टिविटी स्थापित करना है।

क्या है यह ‘दक्षिण कॉरिडोर’ परियोजना?

यह कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के आठ महत्वपूर्ण सड़क मार्गों को मिलाकर बनाया जाएगा। इस 1989 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर में से 1250 किलोमीटर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा विकसित किया जाएगा, जबकि शेष 739 किलोमीटर का काम उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (UP PWD) संभालेगा।

इस कॉरिडोर के बनने से उत्तर प्रदेश के लगभग 30 जिलों की आपस में कनेक्टिविटी बहुत बेहतर हो जाएगी। सबसे खास बात यह है कि यह सीधा गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा, जिससे पूरे राज्य में पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण दिशाओं में यात्रा करना बेहद सुविधाजनक हो जाएगा।

उत्तर-दक्षिण कनेक्टिविटी और व्यापार को बढ़ावा

फिलहाल उत्तर प्रदेश में जितने भी बड़े एक्सप्रेसवे और हाईवे बने हैं, वे ज़्यादातर पूरब से पश्चिम दिशा में हैं। इस ज़रूरत को महसूस करते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ एक बैठक में उत्तर-दक्षिण राजमार्ग बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे अब मूर् रूप दिया जा रहा है।

यह ‘दक्षिण कॉरिडोर’ नेपाल की सीमा से लेकर यूपी के दक्षिणी छोर तक फैले जिलों को जोड़ेगा। इसका सीधा फायदा सीमावर्ती क्षेत्रों में व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में मिलेगा। यह कॉरिडोर उत्तर प्रदेश को तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे चार अन्य राज्यों से भी बेहतर ढंग से कनेक्ट करेगा, जिससे अंतरराज्यीय आवागमन (Interstate Travel) और माल ढुलाई (Logistics) आसान होगी।

कौन से जिले होंगे लाभान्वित?

यह विशाल कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के इन प्रमुख जिलों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा: अमरोहा, इटावा, ललितपुर, काशीपुर, मुरादाबाद, हाथरस, मथुरा, पीलीभीत, शाहजहांपुर, कानपुर, हमीरपुर, ककरहवा (नेपाल बॉर्डर) से बांसी, बस्ती, जौनपुर, औरेया, कन्नौज, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, पडरौना, देवरिया, मऊ, गाजीपुर, श्रावस्ती, गोंडा, अयोध्या, प्रयागराज, चाकघाट, ऊंचाहार और चित्रकूट। इन जिलों के निवासियों और व्यापारियों को इस कॉरिडोर का सीधा फायदा मिलेगा।

लागत और निर्माण का स्वरूप:

इस महत्वाकांक्षी ‘दक्षिण कॉरिडोर’ परियोजना पर 18 हजार करोड़ रुपये से ज़्यादा खर्च होने का अनुमान है।

  • कुल लंबाई: 1989 किलोमीटर

  • NHAI का हिस्सा: 1250 किलोमीटर

  • UP PWD का हिस्सा: 739 किलोमीटर

इस परियोजना में 552 किलोमीटर बिल्कुल नए ग्रीनफील्ड मार्ग बनाए जाएंगे, यानी इसके लिए नई भूमि का अधिग्रहण करके बिल्कुल नई सड़कें तैयार होंगी। शेष हिस्सों में मौजूदा सड़कों को मज़बूत (strengthening) किया जाएगा और उनका चौड़ीकरण (widening) किया जाएगा ताकि वे कॉरिडोर का हिस्सा बन सकें और तेज़ गति वाले यातायात को संभाल सकें। यह विशाल कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के परिवहन ढांचे में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने और राज्य को देश के अन्य हिस्सों से और मज़बूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।