Toll Tax : रोजाना हज़ारों लोग नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर सफर करते हैं, और हर टोल प्लाज़ा पर रुकना या FASTag से पैसे कटने का मैसेज देखना थोड़ा थकाऊ हो सकता है। बार-बार टोल देने की इस झंझट से जल्द ही छुटकारा मिल सकता है! खबर है कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय एक नई टोल नीति लाने पर विचार कर रहा है, जिससे आपकी यात्रा और भी आसान हो सकती है।
टोल का झंझट होगा खत्म?
जी हाँ, मंत्रालय टोल वसूलने के तरीके को और सरल बनाने पर काम कर रहा है। हालाँकि, अभी तक इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, जल्द ही एक ऐसी व्यवस्था आ सकती है जिससे बार-बार टोल कटने की चिंता दूर हो जाएगी।
क्या है सरकार का संभावित प्लान? (₹3000 का सालाना पास?)
खबरों के अनुसार, सरकार FASTag यूजर्स के लिए एक खास सुविधा लाने पर विचार कर रही है। इस संभावित योजना के तहत, आप शायद ₹3000 का एकमुश्त रिचार्ज करवा पाएंगे। इस रिचार्ज के बाद, आप पूरे एक साल तक देश के किसी भी टोल प्लाज़ा से बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के गुजर सकेंगे!
सोचिए, एक बार पेमेंट और साल भर की छुट्टी! इससे न केवल बार-बार पैसे कटने की टेंशन खत्म होगी, बल्कि FASTag में मिनिमम बैलेंस बनाए रखने की चिंता से भी मुक्ति मिल सकती है। यह आपकी यात्रा को वाकई में सुगम बना देगा।
(एक और आईडिया जो नहीं बन पाया)
रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि सरकार ने एक और विकल्प पर भी विचार किया था – नई कार खरीदते समय ही ₹30,000 जमा करने पर 15 साल तक टोल फ्री यात्रा। लेकिन, इस ‘लाइफटाइम पास’ वाले आईडिया पर सभी पक्षों की सहमति नहीं बन पाई, इसलिए इसे फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
किसे मिलेगा सबसे ज़्यादा फायदा?
अगर यह ₹3000 सालाना पास वाला नियम लागू होता है, तो इसका सबसे ज़्यादा फायदा उन लोगों को मिलेगा जो नौकरी, व्यापार या अन्य कारणों से अक्सर नेशनल हाईवे या एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करते हैं और महीने में कई बार एक शहर से दूसरे शहर जाते हैं। उनके लिए यह न केवल सुविधाजनक होगा, बल्कि शायद सस्ता भी पड़े!
टोल कंपनियों के नुकसान का क्या होगा?
ज़ाहिर है, इस तरह के कदम से टोल वसूलने वाली कंपनियों (कंसेसनरों और कॉन्ट्रैक्टर्स) को सीधे तौर पर मिलने वाले पैसे में कमी आ सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इसके लिए भी एक फॉर्मूला तैयार कर रही है। टोल प्लाज़ा से गुजरने वाली गाड़ियों का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाएगा और कंपनियों के दावे और वास्तविक वसूली के बीच के अंतर की भरपाई एक खास तरीके से की जाएगी।
फिलहाल यह सब प्लानिंग के स्तर पर है और आधिकारिक घोषणा का इंतज़ार है। लेकिन अगर यह ₹3000 सालाना पास वाली योजना हकीकत बनती है, तो यह निश्चित रूप से हाईवे पर सफर करने वाले लाखों लोगों के लिए एक बड़ी राहत होगी और टोल टैक्स जमा करने की प्रक्रिया को काफी सरल बना देगी।