Operation Sindoor: सैन्य ताकत के मामले में कौन कितना आगे है, ये जानना हमेशा दिलचस्प होता है। और जब बात भारत जैसे देश की हो, जिसकी गिनती दुनिया की बड़ी सैन्य शक्तियों में होती है, तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। हालिया क्षेत्रीय समीकरणों और कुछ देशों के रुख को देखते हुए, अगर भारत का सामना तुर्किए से होता है तो क्या होगा, यह सवाल उठ रहा है। आंकड़े इस सवाल का बड़ा साफ जवाब देते हैं, और यह जवाब तुर्किए के पक्ष में बिलकुल नहीं है। यहां तक कि पाकिस्तान भी इस स्थिति में तुर्किए की खास मदद नहीं कर पाएगा।
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स क्या कहता है?
दुनियाभर की सैन्य ताकतों को रैंक करने वाले ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स (Global Firepower Index) के मुताबिक, भारत दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना है। वहीं, तुर्किए इस लिस्ट में नौवें पायदान पर है। यह रैंकिंग सिर्फ सैनिकों की संख्या नहीं, बल्कि हथियारों की गुणवत्ता, अर्थव्यवस्था, भौगोलिक स्थिति और कई अन्य फैक्टर्स को ध्यान में रखकर तैयार की जाती है। रैंकिंग में यह बड़ा अंतर अपने आप में भारत की श्रेष्ठता दिखाता है।
विस्तार से समझें सैन्य क्षमता का अंतर
अगर हम भारत और तुर्किए की आर्मी, एयरफोर्स और नेवी की ताक़त का विस्तार से विश्लेषण करें, तो स्थिति और भी साफ हो जाती है:
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हवाई ताक़त (Air Power): वायुसेना किसी भी आधुनिक युद्ध में बहुत निर्णायक भूमिका निभाती है। इस मामले में तुर्किए भारत के मुकाबले काफी पीछे है।
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भारत के पास कुल 2229 एयरक्राफ्ट हैं, जबकि तुर्किए के पास लगभग आधे यानी 1083 एयरक्राफ्ट ही हैं।
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लड़ाकू विमानों (Fighter Aircraft) की संख्या में भी बड़ा अंतर है। भारत के पास 513 फाइटर जेट हैं, वहीं तुर्किए के पास सिर्फ 201।
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हमलावर विमानों (Attack Aircraft) के मामले में तो भारत के पास 130 डेडीकेटेड अटैक एयरक्राफ्ट हैं, जबकि तुर्किए के पास ऐसा कोई भी समर्पित विमान नहीं है।
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हेलीकॉप्टरों की संख्या में भी भारत आगे है – 899 हेलीकॉप्टर भारत के पास, जबकि तुर्किए के पास 508।
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नौसेना की ताक़त (Naval Power): समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और युद्ध की स्थिति में समुद्र से हमला करने या बचाव करने के लिए नौसेना की ताकत बेहद ज़रूरी है।
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भारत के पास 2 एयरक्राफ्ट कैरियर हैं, जो समुद्र में एक चलती-फिरती हवाई पट्टी की तरह काम करते हैं और नौसेना को लंबी दूरी तक ताकत प्रोजेक्ट करने की क्षमता देते हैं। तुर्किए के पास एक भी एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं है।
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पनडुब्बियों (Submarines) के मामले में भी भारत (18 पनडुब्बियां) तुर्किए (13 पनडुब्बियां) से आगे है, जो समुद्री युद्ध में चुपके से हमले करने के लिए महत्वपूर्ण होती हैं।
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ज़मीनी ताक़त और जवान (Army & Personnel): सैनिकों की संख्या और उनकी तैनाती भी युद्ध का रुख तय करती है।
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भारत की पैरामिलिट्री फोर्स (Paramilitary Force) दुनिया में दूसरे नंबर पर है, जिसमें 25 लाख से ज़्यादा जवान शामिल हैं। तुर्किए इस लिस्ट में 12वें नंबर पर है और उसके पास महज़ 1.5 लाख पैरामिलिट्री जवान हैं।
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सक्रिय सैनिकों (Active Personnel) की बात करें तो भारतीय सेना में 14 लाख से ज़्यादा जवान हर वक़्त ड्यूटी पर तैनात रहते हैं, जो दुनिया में सबसे बड़ी सक्रिय सेनाओं में से एक है। वहीं तुर्किए के पास यह संख्या सिर्फ़ 3 लाख 55 हजार के आसपास है।
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कुछ ही दिनों में साफ हो जाएगा नतीजा
ऊपर दिए गए आंकड़े और ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स की रैंकिंग साफ तौर पर दिखाती है कि सैन्य शक्ति के मामले में भारत तुर्किए से कहीं ज़्यादा मज़बूत और सक्षम है। आर्मी, एयरफोर्स, नेवी, हथियारों की संख्या और सैनिकों की ताक़त – हर पैमाने पर भारत की स्थिति तुर्किए से बहुत बेहतर है।
ऐसी स्थिति में, अगर तुर्किए ने भारत से सीधी सैन्य टक्कर लेने की गलती की, तो उसकी सेना ज़्यादा देर टिक नहीं पाएगी। सैन्य क्षमता में इतना बड़ा अंतर है कि कुछ ही दिनों के भीतर युद्ध का नतीजा साफ हो जाएगा। और इस परिदृश्य में, पाकिस्तान चाहकर भी तुर्किए को कोई प्रभावी मदद नहीं दे पाएगा क्योंकि भारत की विशाल और आधुनिक सैन्य ताकत का मुकाबला करना उसके लिए भी बेहद चुनौतीपूर्ण होगा। आंकड़े इस कड़वी सच्चाई की गवाही देते हैं।