Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) कानून के खिलाफ शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक और चिंताजनक मोड़ ले लिया है। इस हिंसा की आग में अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग घायल हैं। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि स्थानीय पुलिस को शांति बहाली के लिए सीमा सुरक्षा बल (BSF) को बुलाना पड़ा है।
दहशत का माहौल, इंटरनेट पर पाबंदी
हिंसा की लपटें मुर्शिदाबाद तक ही सीमित नहीं हैं। तनाव को देखते हुए और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन ने मुर्शिदाबाद के साथ-साथ जंगीपुर, मालदा और बीरभूम के कुछ हिस्सों में भी मंगलवार (15 अप्रैल) रात 10 बजे तक इंटरनेट सेवाओं पर पूरी तरह रोक लगा दी है। हिंसा के सिलसिले में अब तक 150 से ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक, हर कोई इस नाजुक स्थिति पर पैनी नज़र बनाए हुए है।
“किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं” – राज्यपाल की चेतावनी
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने साफ कहा है कि राजभवन स्थिति पर लगातार नज़र रखे हुए है और मुख्यमंत्री से भी बातचीत जारी है। उन्होंने कहा, “गृह मंत्रालय ने पर्याप्त संख्या में केंद्रीय बलों (BSF की 9 कंपनियां तैनात, CRPF और RAF तैयार) की तैनाती की है। राज्य पुलिस और केंद्रीय बल मिलकर काम कर रहे हैं। उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा। यह हिंसा और अन्याय के खिलाफ लड़ाई है और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।”
“हिंदू परिवार छोड़ रहे घर” – विपक्ष का सनसनीखेज दावा
इस बीच, पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। उनका कहना है कि हिंसा के डर से मुर्शिदाबाद के सुती, समसेरगंज, जंगीपुर, धुलियान और फरक्का जैसे इलाकों से कई हिंदू परिवार पलायन करने को मजबूर हुए हैं और पड़ोसी जिलों में शरण ले रहे हैं।
उन्होंने X पर लिखा, “जो लोग भाग नहीं पाए, वे डरे-सहमे हैं और बुनियादी ज़रूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनके घरों को लूटा गया, तोड़फोड़ की गई, यहाँ तक कि पीने के पानी के कुओं में भी ज़हर मिलाने का आरोप है।” अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन उन्हें राहत सामग्री बांटने की इजाजत नहीं दे रहा है और उन्होंने रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम संघ और इस्कॉन जैसे संगठनों से मदद की अपील की है।
पीड़ितों से मिलेंगे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष
खबर है कि पलायन करने वाले कुछ परिवार मालदा के बैशबनगर के एक स्कूल में रुके हुए हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार आज इन पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे।
“लोग डरे हुए हैं, यह सच है” – BSF ने भी माना
बीएसएफ के डीआईजी (PRO) नीलोत्पल कुमार पांडे ने भी माना कि स्थिति तनावपूर्ण थी और प्रशासन के अनुरोध पर जवानों को तैनात किया गया। उन्होंने कहा, “आज मुर्शिदाबाद के दो थाना क्षेत्रों में हमारी 9 कंपनियां तैनात हैं… लोग डरे हुए हैं, यह सच है।”
राजनीतिक घमासान तेज, ममता बनर्जी पर निशाना
इस हिंसा को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। बीजेपी नेता तरुण चुग ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तुलना मोहम्मद अली जिन्ना से करते हुए कहा कि उनकी पार्टी मुस्लिम लीग की तरह काम कर रही है। उन्होंने ममता बनर्जी की चुप्पी को शर्मनाक बताते हुए उन पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के नाम पर हिंदुओं की सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाया। फिलहाल, हिंसा प्रभावित इलाकों में तनाव बरकरार है और प्रशासन स्थिति को सामान्य बनाने की कोशिशों में जुटा है।