Justice Varma Cash Row: जज के स्टोररूम में लगी आग के बाद कहां तक जाएगी अधजले नोटों की आंच?

Published On: March 25, 2025
Follow Us
Justice Varma Cash Row

Join WhatsApp

Join Now
Justice Varma Cash Row:

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से भारी मात्रा में नकदी मिलने और उसके बाद उनके बंगले के पास जले हुए नोटों के मिलने से देश की न्यायिक व्यवस्था में भूचाल आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है।

कैसे विवादों में आए जस्टिस यशवंत वर्मा?

जस्टिस यशवंत वर्मा का नाम अचानक तब सुर्खियों में आया जब उनके सरकारी बंगले में भारी मात्रा में नकदी की बरामदगी की खबरें आईं। इसके अगले ही दिन उनके घर के पास कूड़े के ढेर में अधजले 500-500 के नोट मिलने से मामला और पेचीदा हो गया। सवाल उठने लगे कि आखिर यह पैसा कहां से आया और क्या इसका संबंध किसी भ्रष्टाचार से है?

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने तुरंत तीन सदस्यीय आंतरिक जांच समिति गठित कर दी। इस बीच, दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें अगले आदेश तक न्यायिक जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया

कौन हैं जस्टिस यशवंत वर्मा?

जस्टिस यशवंत वर्मा का कानूनी सफर काफी लंबा और प्रतिष्ठित रहा है।

  • जन्म: 6 जनवरी 1969, इलाहाबाद

  • शिक्षा: हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.कॉम ऑनर्स, एलएलबी रीवा विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश से

  • कानूनी करियर: 1992 में वकील के रूप में पंजीकरण कराया, इलाहाबाद हाईकोर्ट में कॉरपोरेट कानून, कराधान और संवैधानिक मामलों में विशेषज्ञता हासिल की

  • न्यायिक करियर:

    • 2014: इलाहाबाद हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त

    • 2016: स्थायी न्यायाधीश बने

    • 2021: दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित हुए और बिक्री कर, जीएसटी और अपील मामलों की खंडपीठ का नेतृत्व किया

READ ALSO  Supreme Court : बच्चों ने नहीं रखा ख्याल तो क्या मां-बाप वापस ले सकते हैं गिफ्ट में दी ज़मीन? सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला, जानें क्या हैं आपके अधिकार

जस्टिस वर्मा के चर्चित फैसले

जस्टिस वर्मा का नाम कई बड़े मामलों में उनके दिए गए फैसलों के कारण भी चर्चा में रहा है।

  • शिबू सोरेन के खिलाफ CBI जांच पर रोक

  • स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह को कलानिधि मारन को 579 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश खारिज

  • कांग्रेस के आयकर मूल्यांकन के खिलाफ दायर याचिका खारिज

  • नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज “ट्रायल बाय फायर” पर रोक लगाने से इनकार

इन फैसलों के कारण वे न्यायिक जगत में एक सख्त और निष्पक्ष जज के रूप में जाने जाते थे।

सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई और जांच समिति

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना के निर्देश पर गठित जांच समिति में शामिल हैं:

  1. जस्टिस शील नागु (मुख्य न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट)

  2. जस्टिस जीएस संधवालिया (मुख्य न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट)

  3. जस्टिस अनु शिवरामन (कर्नाटक हाईकोर्ट)

यह समिति जस्टिस वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी।

आरोपों पर जस्टिस वर्मा की प्रतिक्रिया

अब तक जस्टिस वर्मा ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक, वे इस पूरे मामले को “राजनीतिक साजिश” करार दे सकते हैं।

अब आगे क्या होगा?

जांच समिति के निष्कर्ष आने के बाद जस्टिस वर्मा के भविष्य का फैसला होगा। अगर गंभीर कदाचार पाया जाता है, तो:

  • सीजेआई उनसे इस्तीफा मांग सकते हैं

  • अगर वे इस्तीफा नहीं देते, तो सीजेआई राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को रिपोर्ट भेजेंगे।

  • संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाया जा सकता है।

क्या भारत में कभी किसी जज पर महाभियोग चला है?

अब तक भारत में किसी भी जज को महाभियोग के जरिए नहीं हटाया गया है। हालांकि, कई जजों के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया, लेकिन वे इस्तीफा देकर बच निकले।

READ ALSO  Eight years of Yogi government:योगी सरकार के आठ साल: उत्तर प्रदेश बना विकास का इंजन, कानून-व्यवस्था में बड़ा सुधार

कानून मंत्री की प्रतिक्रिया

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि जब तक जांच समिति की रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक सरकार इस पर कोई ठोस टिप्पणी नहीं करेगी।

क्या अधजले नोट किसी बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रहे हैं?

बड़े सवाल यह हैं कि:

  • ये नकदी कहां से आई?

  • क्या यह रिश्वत का पैसा था?

  • क्या इसे सबूत मिटाने के लिए जलाया गया?

अगर जांच में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ, तो यह भारतीय न्यायिक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ा झटका हो सकता है।

अब सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति की रिपोर्ट पर टिकी हैं।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now