Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश [Uttar Pradesh], देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य के तौर पर, विकास [Development] की दौड़ में लगातार आगे बढ़ रहा है। खासकर आवागमन और परिवहन कनेक्टिविटी [Transportation Connectivity] को आसान बनाने पर योगी सरकार [Yogi Sarkar] का विशेष ध्यान रहा है। यही वजह है कि आज प्रदेश में सड़कों का जाल [Road Network] बिछ रहा है और रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर [Railway Infrastructure] भी लगातार मजबूत हो रहा है। लेकिन अब, इस विकास यात्रा में एक और बड़ा अध्याय जुड़ने जा रहा है।
उत्तर प्रदेश से लेकर पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश [Madhya Pradesh] के बीच रेल कनेक्टिविटी [Rail Connectivity] और भी शानदार होने वाली है, जिससे दोनों राज्यों के लोगों को ट्रेनों से बेहद आसान और तेज़ यात्रा [Easy Train Travel] का अनुभव मिलेगा। यह संभव होगा एक महत्वाकांक्षी 520 किलोमीटर लंबे हाई स्पीड रेलवे ट्रैक (High Speed Railway Track) के निर्माण से, जो दोनों राज्यों की सीमाओं को जोड़ेगा और सफर को रफ्तार देगा।
रेलवे ट्रैक बनने से जमीनों की कीमतों में आएगा उछाल!
किसी भी इलाके में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर [Infrastructure], खासकर रेलवे लाइन (Railway Line) या एक्सप्रेसवे (Expressway) के बनने से, वहां की सूरत बदल जाती है। इस 520 किलोमीटर लंबे हाई स्पीड रेलवे ट्रैक (520 KM Railway Line) के बनने के बाद, इसके आसपास के इलाकों में जमीनों की कीमतों [Land Prices] में ज़बरदस्त उछाल (Price Hike) देखने को मिलेगा। प्रॉपर्टी (Property) में निवेश करने वालों के लिए यह एक सुनहरा मौका (Investment Opportunity) साबित हो सकता है। जमीनों के दाम बढ़ने के अलावा, इस विशाल निर्माण परियोजना [Construction Project] से स्थानीय लोगों के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के नए अवसर [Employment Opportunities] भी पैदा होंगे।
9 हजार करोड़ रुपये से अधिक की निर्माण लागत
मध्य प्रदेश (MP) के इटारसी (Itarsi) से शुरू होकर उत्तर प्रदेश (UP) के मानिकपुर (Manikpur) तक जाने वाला यह 520 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक (520 KM Railway Track) दोनों राज्यों के बीच ट्रेन से यात्रा (Train Travel) को अभूतपूर्व रूप से आसान बना देगा। इस महत्वपूर्ण हाई स्पीड रेल लाइन (High Speed Rail Line) के निर्माण के लिए शुरुआती सर्वे (Survey) का काम पहले ही शुरू हो चुका है, जो परियोजना का पहला चरण है।
इस नई रेलवे लाइन (New Railway Line) के निर्माण पर अनुमानित लागत (Estimated Cost) 9 हजार करोड़ रुपये से अधिक आएगी। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस पूरे प्रोजेक्ट पर कुल ₹9,275 करोड़ का भारी भरकम खर्च आएगा। इतनी बड़ी लागत अपने आप में इस परियोजना के पैमाने और महत्व को दर्शाती है। एक बार यह नई रेल लाइन (New Rail Line) बनकर तैयार हो जाने के बाद, इस पर ट्रेनों की स्पीड (Train Speed) में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
वर्तमान में, इटारसी-मानिकपुर मौजूदा रेल मार्ग (Itarsi-Manikpur Rail Route) पर ट्रेनें आमतौर पर 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती हैं। लेकिन इस नए हाई स्पीड ट्रैक (High Speed Track) पर ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक की रफ्तार से दौड़ सकेंगी। स्पीड में यह बढ़ोतरी यात्रियों के यात्रा समय (Travel Time) को काफी कम कर देगी।
यह सिर्फ यूपी और एमपी के लिए ही फायदेमंद नहीं है, बल्कि दोनों राज्यों को इस तीसरी लाइन (Third Line) के निर्माण से सीधा लाभ मिलेगा। भारतीय रेलवे (Indian Railways) के पश्चिम मध्य रेल प्रशासन (West Central Railway) ने इस फिजिबिलिटी सर्वे (Feasibility Survey) की शुरुआत कर दी है। सर्वे पूरा होने और इसकी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड (Railway Board) को मिलने के बाद अगली प्रक्रिया (Next Process) शुरू की जाएगी, जिसमें विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (Detailed Project Report) तैयार करना और निर्माण कार्य (Construction Work) शुरू करना शामिल होगा।
200 अंडर ब्रिज और ओवरब्रिज का निर्माण
यह 520 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन (New Rail Line) केवल ट्रैक बिछाने तक सीमित नहीं होगी। इस पूरे मार्ग पर सुरक्षित और सुगम आवागमन सुनिश्चित करने के लिए, लगभग 200 अंडर ब्रिज (Under Bridge) और ओवरब्रिज (Overbridge) भी बनाए जाएंगे। ये ब्रिज क्रॉसिंग पर होने वाले हादसों को रोकने और सड़क यातायात को बाधित किए बिना ट्रेनों की आवाजाही बनाए रखने में मदद करेंगे।
भविष्य में, इस मार्ग पर ट्रेनों की संख्या (Number of Trains) में भी काफी बढ़ोतरी होने की संभावना है, खासकर मालगाड़ियों (Freight Trains) की।
आर्थिक विकास और लॉजिस्टिक्स को मिलेगा बढ़ावा
यह रेल मार्ग [Railway Route] देश के कुछ सबसे महत्वपूर्ण खनन क्षेत्रों [Mining Areas] से होकर गुजरता है और इस पर भारी मात्रा में कोयला [Coal], बॉक्साइट [Bauxite], सीमेंट [Cement] और अन्य खनिजों [Minerals] का परिवहन (Transportation) होता है। वर्तमान में, दोहरी लाइन (Double Line) होने के कारण अक्सर पैसेंजर ट्रेनों (Passenger Trains) और मालगाड़ियों (Freight Trains) दोनों को delays का सामना करना पड़ता है।
इस तीसरी लाइन (Third Line) के निर्माण से ट्रैक क्षमता (Track Capacity) बढ़ेगी, जिससे सीमेंट (Cement), कोयला (Coal) और अन्य औद्योगिक सामग्री (Industrial Material) का परिवहन (Transportation) बहुत तेज़ और कुशल (Faster and Efficient) हो जाएगा। माल ढुलाई (Freight Movement) में यह तेज़ी सीधे तौर पर औद्योगिक विकास (Industrial Development) को गति देगी, खासकर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के उन क्षेत्रों में जो इस रेल मार्ग के आसपास स्थित हैं। लॉजिस्टिक्स (Logistics) और व्यापार (Trade) भी इस बेहतर कनेक्टिविटी (Connectivity) से मजबूत होंगे।
यह रेल मार्ग देश के सबसे व्यस्त दिल्ली-मुंबई रेल कॉरिडोर (Delhi-Mumbai Rail Corridor) से भी जुड़ा हुआ है। इस कॉरिडोर पर पहले से ही यात्री और मालगाड़ियों (Passenger and Freight Trains) की भारी भीड़ (Traffic Congestion) है, जिससे ट्रेनों के संचालन (Train Operations) पर दबाव बना रहता है। इटारसी-मानिकपुर थर्ड लाइन (Itarsi-Manikpur Third Line) बनने से मौजूदा नेटवर्क (Existing Network) पर ट्रैफिक दबाव (Traffic Pressure) कम होगा, जिससे पूरे कॉरिडोर पर ट्रेनों का संचालन (Train Operations) बेहतर तरीके से काम करेगा।
मध्य प्रदेश के इन क्षेत्रों से गुजरेगा रेलमार्ग
यह महत्वपूर्ण रेल लाइन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कई प्रमुख शहरों और क्षेत्रों से होकर गुजरेगी, जिनमें इटारसी (Itarsi), पिपरिया (Pipariya), गाडरवारा (Gadarwara), करेली (Kareli), नरसिंहपुर (Narsinghpur), श्रीधाम (Shridham), जबलपुर (Jabalpur), कटनी (Katni), मैहर (Maihar) और सतना (Satna) शामिल हैं। यह ट्रैक इन सभी स्टेशनों को जोड़ता हुआ उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मानिकपुर (Manikpur) तक पहुंचेगा।
जबलपुर (Jabalpur) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO), हर्षित श्रीवास्तव (Harshit Srivastava) ने बताया है कि इस नई तीसरी रेल लाइन (Third Rail Line) के लिए ट्रैक सर्वे (Track Survey) का काम शुरू हो गया है। सर्वे रिपोर्ट (Survey Report) जल्द ही रेलवे बोर्ड (Railway Board) को प्राप्त होगी। तीसरी लाइन (Third Line) के चालू होने से ट्रेनों के फेरे (Train Frequency) बढ़ेंगे और यात्रियों को निश्चित रूप से बेहतर यात्री सुविधाएं (Passenger Amenities) मिलेंगी।
यह परियोजना उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच कनेक्टिविटी [UP MP Connectivity] और आर्थिक गलियारे [Economic Corridor] को मजबूत करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी, जिससे करोड़ों लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।