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Join NowUP Minister: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में ऊर्जा मंत्री और अपने सख्त प्रशासनिक अंदाज के लिए जाने जाने वाले एके शर्मा एक बार फिर अपने ही विभाग के अधिकारियों पर बिजली बनकर टूटे हैं। विभागीय लापरवाही, संवेदनहीनता और जनता की शिकायतों की अनदेखी से नाराज मंत्री ने न सिर्फ अधिकारियों को सार्वजनिक रूप से कड़ी फटकार लगाई, बल्कि एक वरिष्ठ अधिकारी और उपभोक्ता के बीच हुई बातचीत की शर्मनाक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर साझा कर दी, जिससे पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है।
यह ‘ऑडियो बम’ उन्हें एक वरिष्ठ नेता और कई बार सांसद रह चुके व्यक्ति ने भेजा था, जिसमें दावा किया गया था कि बिजली विभाग के अफसर जनता की शिकायतें सुनने के बजाय उनसे बेहद असंवेदनशील और अपमानजनक लहजे में बात कर रहे हैं। इस घटना के बाद मंत्री ने सिर्फ चेतावनी ही नहीं दी, बल्कि 24 घंटे के भीतर जिम्मेदार अधिकारी को निलंबित कर एक कड़ा संदेश भी दिया।
क्या है ऑडियो में जिसने मंत्री को किया आगबबूला?
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा, “कई बार सांसद रह चुके एक वरिष्ठ नेता ने अपने क्षेत्र से एक पढ़े-लिखे नागरिक की बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी से हुई बातचीत का ऑडियो मुझे भेजा है और इस पर कार्रवाई की मांग की है।”
उन्होंने अपने गुस्से को जाहिर करते हुए आगे लिखा, “यही बात मैंने तीन दिन पहले UPPCL के चेयरमैन, एमडी और अन्य अधिकारियों को कही थी। कड़े शब्दों में यह भी कहा था कि 1912 की टोल फ्री व्यवस्था या अन्य टेक्नोलॉजी आधारित व्यवस्था, मानवीय व्यवस्था की पूरक हो सकती है, विकल्प नहीं।”
अफसरों की कार्यशैली पर मंत्री का फूटा गुस्सा: “तितलौकी तो थी ही, अब नीम पर चढ़ गई”
अधिकारियों के रवैये से मंत्री एके शर्मा इस कदर नाराज थे कि उन्होंने लोकभाषा के मुहावरे का प्रयोग करते हुए अफसरों की कार्यशैली पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “अधिकारियों ने तो फोन उठाना ही बंद कर दिया है। तितलौकी तो थी ही, अब नीम पर चढ़ गई। (यानी स्थिति पहले से खराब थी, अब और बदतर हो गई है)।” उन्होंने यह भी कहा कि उनके बार-बार लिखित और मौखिक रूप से मना करने के बावजूद विभाग में कई गलत, असामयिक और अव्यवहारिक निर्णय लिए गए हैं, जिनकी वजह से आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
“बैठक में मुझसे झूठ बोला गया” – मंत्री का बड़ा दावा
एके शर्मा ने अपने विभाग के शीर्ष अधिकारियों पर उन्हें गुमराह करने और बैठक में झूठ बोलने का भी सनसनीखेज दावा किया। उन्होंने लिखा, “मीटिंग में सबने कहा कि 1912 (हेल्पलाइन) पर ही शिकायत दर्ज कराने का कोई विशेष निर्देश नहीं दिया गया, लेकिन मुझे उन पर विश्वास नहीं हुआ। मैंने कई बार पूछा, हर बार असत्य ही सुनने को मिला। अब आप स्वयं ऑडियो सुनिए और वास्तविकता समझिए।”
अधिकारियों को खुली चेतावनी- “परिणाम भयंकर होंगे”
ऊर्जा मंत्री ने किसी लाग-लपेट के बिना साफ और कड़े शब्दों में अधिकारियों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें। समस्याओं का त्वरित समाधान करें, शालीन भाषा में संवाद करें। अन्यथा परिणाम भयंकर होंगे।”
वरिष्ठ नेता का वो व्हाट्सएप मैसेज जिसने खोली पोल
ऊर्जा मंत्री ने उस व्हाट्सएप मैसेज को भी सार्वजनिक किया, जो उन्हें वरिष्ठ नेता ने भेजा था। उसमें लिखा था:
“माननीय मंत्री जी, बस्ती शहर के एक बड़े मोहल्ले में सुबह 10 बजे से बिजली नहीं है। रात 8 बजे तक कोई अधिकारी फोन नहीं उठा रहा था। जब अधीक्षण अभियंता (SE) को कॉल किया गया तो उनका व्यवहार बेहद असंवेदनशील था। जिस तरीके से बात की, उसको सुनकर आप खुद जान जाएंगे कि Public Grievance (जन शिकायतों) के प्रति ये कितने संवेदनहीन हैं और इनके अपने संबंधों से यह स्पष्ट होता है कि ये सरकार की छवि जानबूझ कर खराब करने में लगे हुए हैं।”
24 घंटे में एक्शन: अफसर सस्पेंड!
अपनी चेतावनी को सिर्फ शब्दों तक सीमित न रखते हुए, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने रविवार सुबह पोस्ट कर बड़ी कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बस्ती के अधीक्षण अभियंता (SE) प्रशांत सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspended) कर दिया गया है।
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “उपभोक्ता देवो भव:… बिजली उपभोक्ता की शिकायत के प्रति असंवेदनशीलता एवं अमर्यादित व्यवहार की घटना पर बस्ती के SE प्रशांत सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। अन्य समस्त विद्युत अधिकारियों एवं कर्मियों को उपभोक्ता समस्याओं के प्रभावी एवं त्वरित समाधान हेतु पुनः निर्देशित किया गया है। सभी लोग जनसेवा में तत्पर रहें।”
यह घटना दिखाती है कि कैसे योगी सरकार में मंत्री अब अफसरशाही की सुस्ती और लापरवाही को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं और जनता की शिकायतों पर सीधी और कठोर कार्रवाई कर रहे हैं।