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Join NowUP : क्या यूपी अब भारत का नया “हाईवे हब” बनने वाला है? योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार को एक और नई दिशा देने की तैयारी कर ली है। बुंदेलखंड को आर्थिक और औद्योगिक रूप से नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से, सरकार ने जालौन से झांसी तक 115 किलोमीटर लंबे एक नए लिंक एक्सप्रेसवे (UP Link Expressway) के निर्माण की घोषणा की है। यह खबर न सिर्फ सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी, बल्कि ग्रामीण भारत के विकास का एक नया अध्याय भी लिखने वाली है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा नया लिंक, ग्रामीण बनेंगे मालामाल!
यह बहुप्रतीक्षित यूपी लिंक एक्सप्रेसवे (UP Link Expressway Updates) बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को झांसी के पास तेजी से विकसित हो रहे औद्योगिक शहर से जोड़ेगा। इस लिंक के बनने से बुंदेलखंड क्षेत्र की कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व सुधार होगा। यह सिर्फ सड़कों का जाल नहीं बिछाएगा, बल्कि रक्षा कॉरिडोर (Defence Corridor) और फार्मा पार्क (Pharma Park) जैसे महत्वपूर्ण उद्योगों को भी बढ़ावा देगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को जबरदस्त गति (UP Economic Growth) मिलेगी।
63 गांवों के लिए यह एक्सप्रेसवे (UP Expressway News) एक वरदान साबित होगा, क्योंकि यह सीधे तौर पर इन गांवों से होकर गुजरेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा ग्रामीणों (Rural Development), किसानों (Farmer Benefits) और स्थानीय रोजगार (Employment Opportunities) के अवसरों को मिलेगा। सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) के लिए चार गुना मुआवजा (Four Times Compensation) देने की योजना बनाई जा रही है, जो किसानों की आर्थिक स्थिति (Farmer Economic Stability) को मजबूती प्रदान करेगी।
कौन से 63 गांवों को मिलेगा सीधा लाभ?
इस महत्वपूर्ण परियोजना के तहत 63 गांवों को सीधा लाभ मिलेगा। इनमें नंदसिया, देवरा, निबि, खिरियाराम, मुडई, बिरथारी, मुड़गांव, गंगावली, दिनेरा, फूलखिरिया, कल्याणपुरा स्टेट, बिलाटी खेर, रौतनपुरा, टेहरका, गरौठा-गोगल, कुडरी, डुंडी, मलहेटा, अहरौरा, अंडोल, भदरवारा बुजुर्ग, मेढ़का, चक मेढ़का, स्किल बुजुर्ग, नया केरा, लभेरा, गोरा, जुझारपुरा, टहरौली शमशेरपुरा, सुरवई, परगाना, रावतपुरा, पथरेंदी, कलौथरा घाट, मोंठ बरहेटा, डबरी, पुराचीर, मुसावली, रामनगर, करगुवां, बरल, मोंठ खुर्द, नरी, सिमथरी, परासार, पाली परासार, खिरिया पाली, मवई गिर्द, बरगढ़, आरी, कोट, लकरा, रोनिजा, चंद्रा, अंबाबाय, कलोथरा, सारमऊ, सिमरा, पुनावली कला, रक्सा, डगरवाहा, उरई-फूलपूरा, टिमरौन, गोरन, जैसारी कला, किशोरा, कोटरा और हिलगना जैसे महत्वपूर्ण गांवों का नाम शामिल है। इन गांवों के ग्रामीणों के जीवन स्तर (Rural Standard of Living) में निश्चित रूप से सुधार आएगा।
कनेक्टिविटी से आर्थिक विकास तक: क्या हैं उम्मीदें?
इस नए यूपी एक्सप्रेसवे (UP Expressway Project) के निर्माण से न केवल सड़कों की बेहतर कनेक्टिविटी (Improved Road Connectivity) मिलेगी, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास (Regional Economic Development) की राह भी प्रशस्त होगी। किसानों को अपने उत्पादों को बाजारों तक पहुंचाने में आसानी होगी, जिससे उनकी आय बढ़ेगी। औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर (New Job Opportunities) मिलेंगे, जिससे बेरोजगारी (Unemployment Reduction) की समस्या से निपटा जा सकेगा।
यूपी के विकास में एक और मील का पत्थर साबित होने वाले इस एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPDA) द्वारा तेजी से किया जा रहा है। ड्रोन सर्वे (Drone Survey) के बाद, एक महीने के भीतर रूट फाइनल होने की उम्मीद है। यह पहल बुंदेलखंड के औद्योगिक और आर्थिक परिदृश्य (Bundelkhand Industrial and Economic Landscape) को पूरी तरह से बदलने की क्षमता रखती है।
कितना होगा निवेश और कितने लेन का होगा ये एक्सप्रेसवे?
फिलहाल, यह यूपी लिंक एक्सप्रेसवे (New UP Expressway) चार लेन (Four Lane Expressway) का बनने वाला है, लेकिन भविष्य में इसे छह लेन (Six Lane Expressway) तक विस्तारित करने की योजना है। झांसी से जालौन (Jhansi to Jalaun Expressway) तक इस नए लिंक एक्सप्रेसवे की अनुमानित लागत 1300 करोड़ रुपये के आसपास आने की संभावना है। इसमें से 228 करोड़ रुपये अकेले जमीनों के अधिग्रहण (Land Acquisition Cost) में खर्च होने की उम्मीद है। यह निवेश यूपी के बुनियादी ढांचे (UP Infrastructure Development) को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।