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Join NowCM : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के मुख्य सचिव (Chief Secretary), आईएएस मनोज कुमार सिंह (IAS Manoj Kumar Singh) को एक साल का सेवा विस्तार (service extension) देने की सिफारिश की है। इस संबंध में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार (Central Government) को औपचारिक पत्र भेज दिया है। यह कदम तब उठाया गया है जब मनोज कुमार सिंह इसी माह, 31 जुलाई 2025, को सेवानिवृत्त (retire) होने वाले थे। सरकार का यह प्रस्ताव उनके अनुभव और राज्य के विकास में उनके योगदान को देखते हुए लिया गया है।
10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य: मुख्य सचिव के अनुभव का महत्व!
सेवा विस्तार के प्रस्ताव के साथ भेजे गए पत्र में राज्य सरकार ने मनोज कुमार सिंह के कार्यकाल के दौरान किए गए महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डाला है। पत्र में कहा गया है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में औद्योगिक वातावरण को सशक्त (strengthen industrial environment) करने, निवेश आकर्षित करने (attract investment) और राज्य की अर्थव्यवस्था को 10 ट्रिलियन डॉलर (10 Kharab Dollar) की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मनोज कुमार सिंह, जो 1988 बैच के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, वर्तमान में मुख्य सचिव के पद के साथ-साथ आईआईडीसी (Industrial and Infrastructure Development Corporation – IIDC) और पिकप (PICUP – Pradeshik Investment Co-operative Union Limited) के अध्यक्ष का कार्यभार भी संभाल रहे हैं। उन्हें यह जिम्मेदारी 30 जून 2024 को दुर्गा शंकर मिश्र (Durga Shanker Mishra) के सेवा विस्तार के बाद सौंपी गई थी, जिन्हें ढाई साल का सेवा विस्तार मिला था। अब राज्य सरकार की निगाहें केंद्र सरकार के फैसले पर टिकी हैं। यदि केंद्र सरकार से अनुमति मिल जाती है, तो मनोज कुमार सिंह 2026 तक मुख्य सचिव के पद पर बने रह सकते हैं, जिससे प्रशासनिक कार्यों में निरंतरता बनी रहेगी।
कौन बनेगा नया मुख्य सचिव? जानिए रेस में कौन?
फिलहाल मनोज कुमार सिंह का कार्यकाल 31 जुलाई तक है। इसके बाद या तो उन्हें सेवा विस्तार मिलेगा या फिर राज्य को एक नया मुख्य सचिव नियुक्त किया जाएगा। अगर मनोज सिंह को सेवा विस्तार नहीं मिलता है, तो आईएएस एसपी गोयल (SP Goyal), आईएएस दीपक कुमार (Deepak Kumar) और आईएएस दीपक चतुर्वेदी (Deepak Chaturvedi) में से कोई एक अगला मुख्य सचिव बन सकता है।
संभावित दावेदार और उनकी पृष्ठभूमि:
- एसपी गोयल: इन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करीबी अधिकारी माना जाता है और नौकरशाही में इनका खासा दखल है। सेवा विस्तार न मिलने की स्थिति में ये एक मजबूत दावेदार हो सकते हैं।
- दीपक कुमार: वरिष्ठता क्रम में ये भी मुख्य सचिव पद की दौड़ में शामिल हैं। इनका अनुभव भी ब्यूरोक्रेसी में महत्वपूर्ण है।
- देवेश चतुर्वेदी: फिलहाल ये केंद्रीय प्रतिनियुक्ति (Central Deputation) पर दिल्ली में तैनात हैं। ऐसे में यह कम संभावना है कि वे इस दौड़ में शामिल हों, हालांकि यूपी ब्यूरोक्रेसी में वरिष्ठता के हिसाब से इनका नाम भी चर्चा में है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार क्या निर्णय लेती है और क्या उत्तर प्रदेश को एक बार फिर एक अनुभवी अधिकारी के नेतृत्व में काम करने का मौका मिलता है, या फिर ब्यूरोक्रेसी में एक नया अध्याय लिखा जाता है।