PRIVATISATION IN UPSRTC: यूपी रोडवेज में निजीकरण; पहली बार आउटसोर्स डिपो इंचार्ज की हुई भर्ती, निजी हाथों में बस स्टेशन और वर्कशॉप

Published On: April 2, 2025
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PRIVATISATION IN UPSRTC
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 PRIVATISATION IN UPSRTC: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) में निजीकरण की प्रक्रिया लगातार बढ़ रही है। अब ड्राइवर-कंडक्टर निजी फर्मों के माध्यम से भर्ती किए जा रहे हैं, वर्कशॉप निजी कंपनियों को सौंपे जा रहे हैं, और बस स्टेशनों का प्रबंधन भी निजी हाथों में दिया जा रहा है। यही नहीं, अब कंसल्टेंट भी बाहरी एजेंसियों से नियुक्त किए जा रहे हैं।

डिपो इंचार्ज की भर्ती भी निजी फर्म से
परिवहन निगम में पहली बार डिपो इंचार्ज भी निजी फर्म के माध्यम से भर्ती किए गए हैं। डिपो इंचार्ज और विधि अधिकारियों की भर्ती का कार्य “वंशिका” नामक फर्म को सौंपा गया था। यूपी रोडवेज में अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या लगातार घट रही है, जिससे डिपो और बस स्टेशनों का संचालन प्रभावित हो रहा है। लंबे समय से सीधी भर्ती बंद होने के कारण अब बाहरी स्रोतों से कर्मियों की नियुक्ति की जा रही है।

68 डिपो इंचार्ज और 6 विधि अधिकारियों की नियुक्ति
परिवहन निगम प्रशासन ने हाल ही में एक निजी फर्म के माध्यम से साक्षात्कार लेकर 68 डिपो इंचार्ज की नियुक्ति की है। इसके अलावा, 6 विधि अधिकारियों को भी आउटसोर्सिंग के तहत रखा गया है। इनकी श्रेणियों का विवरण इस प्रकार है:

  • सामान्य वर्ग (General Category) – 26

  • अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) – 16

  • अनुसूचित जाति (SC) – 12

  • अनुसूचित जनजाति (ST) – 1

  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) – 3

19 वर्कशॉप भी निजी हाथों में सौंपी गईं
परिवहन निगम प्रशासन ने अपनी 19 कार्यशालाओं (वर्कशॉप) को भी निजी कंपनियों के हवाले कर दिया है। इनमें प्रमुख वर्कशॉप इस प्रकार हैं:

  • सोहराब गेट डिपो (मेरठ)

  • छुटमलपुर डिपो (सहारनपुर)

  • एटा डिपो (अलीगढ़)

  • विकास नगर डिपो (कानपुर)

  • नजीराबाद डिपो

  • हरदोई डिपो

  • अवध डिपो

  • जीरो रोड डिपो

  • ताज डिपो

  • साहिबाबाद डिपो

  • बदायूं डिपो

  • इटावा डिपो

  • झांसी डिपो

  • कैंट डिपो

  • बांदा डिपो

  • बलरामपुर डिपो

पीपीपी मॉडल पर 23 बस स्टेशनों का निजीकरण
परिवहन निगम ने अपने 23 बस स्टेशनों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर विकसित करने का निर्णय लिया है। इन बस स्टेशनों का निर्माण निजी कंपनियां करेंगी और 90 वर्षों तक इन्हें संचालित करेंगी। इनमें शामिल प्रमुख बस स्टेशन हैं:

  • चारबाग (लखनऊ)

  • सोहराबगेट (मेरठ)

  • जीरो रोड (प्रयागराज)

  • अमौसी (लखनऊ)

  • अयोध्याधाम

  • रायबरेली

  • कौशाम्बी (गाजियाबाद)

  • नोएडा बस स्टेशन

  • बुलंदशहर बस स्टेशन

  • साहिबाबाद डिपो कार्यशाला

  • फाउंड्री नगर बस स्टेशन (आगरा)

यूपी रोडवेज प्रशासन का पक्ष
यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक एवं प्रवक्ता अमरनाथ सहाय ने कहा कि अधिकारियों की कमी को पूरा करने के लिए डिपो इंचार्ज और विधि अधिकारियों की भर्ती की गई है। इनकी नियुक्ति साक्षात्कार के आधार पर हुई है और परिणाम घोषित किए जा चुके हैं। इन नियुक्तियों से रोडवेज की व्यवस्थाएं अधिक सुचारू रूप से संचालित होंगी।

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