Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश इस वक्त तेज़ी से बदल रहा है और इसका श्रेय योगी सरकार की महत्वाकांक्षी सड़क परियोजनाओं को जाता है। ये सिर्फ सड़कें नहीं हैं, बल्कि ये प्रदेश की आर्थिक तरक्की की नई राहें खोल रही हैं। आवागमन तो आसान हो ही रहा है, साथ ही उद्योगों को भी नया रास्ता मिल रहा है। इसी कड़ी में एक बेहद ख़ास प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है – एक हाई-स्पीड लिंक एक्सप्रेसवे, जो यूपी की ‘रीढ़ की हड्डी’ माने जाने वाले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) को सीधे गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा।
ये सिर्फ दो बड़ी सड़कों का मेल नहीं है, बल्कि ये उन इलाकों की किस्मत बदलने वाला है जहां से ये गुज़रेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए 54 गांवों की ज़मीन अधिग्रहित की जाएगी, और इन गांवों के लोगों के लिए ये एक तरह से ‘लॉटरी’ साबित हो सकता है।
क्या है ये ख़ास लिंक एक्सप्रेसवे?
ये नया लिंक एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे गंगा एक्सप्रेसवे को सीधे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर से जोड़ेगा। यह उत्तर प्रदेश की सबसे लंबी एक्सप्रेसवे परियोजनाओं में से एक है। इस लिंक एक्सप्रेसवे की लंबाई करीब 74.3 किलोमीटर होगी और इसे 120 मीटर चौड़ा बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में ट्रैफिक कितना भी बढ़ जाए, जाम की समस्या न हो।
इस पूरे लिंक एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट पर लगभग 4000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। सबसे बड़ी बात ये है कि इस रास्ते के किनारे-किनारे नए औद्योगिक क्लस्टर (Industrial Clusters) बसाए जाएंगे। इससे उन इलाकों में रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे और औद्योगिक विकास को तेज़ी मिलेगी।
किन गांवों की चमकेगी किस्मत?
इस ग्रीनफील्ड लिंक एक्सप्रेसवे के लिए कुल 54 गांवों की ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इनमें बुलंदशहर ज़िले के 45 गांव और गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) ज़िले के 9 गांव शामिल हैं। प्रशासन ने इन गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज़ कर दी है, खासकर गौतमबुद्ध नगर के 9 गांवों में काम जल्द शुरू होने वाला है। बुलंदशहर के खुर्जा, शिकारपुर, सियाना और बुलंदशहर तहसील क्षेत्रों के गांवों की ज़मीन ली जाएगी।
बड़ी कनेक्टिविटी का हिस्सा
ये लिंक एक्सप्रेसवे सिर्फ गंगा एक्सप्रेसवे और नोएडा एयरपोर्ट को ही नहीं जोड़ेगा, बल्कि इसका एक बड़ा विज़न है। भविष्य में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को भी गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने की योजना है। सोचिए, जब ये सारे बड़े एक्सप्रेसवे आपस में जुड़ जाएंगे, तो नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाला कार्गो (माल) कितनी तेज़ी से देश के किसी भी कोने में पहुँच सकेगा! यह वाकई में यूपी की लॉजिस्टिक्स (Logistics) और व्यापारिक क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा।
इस प्रोजेक्ट को यूपीडा (Uttar Pradesh Expressways Industrial Development Authority) द्वारा बनाया जा रहा है। यमुना प्राधिकरण ने भी इस परियोजना के लिए ज़मीन अधिग्रहण की अनुमति (NOC) दे दी है।
प्रोजेक्ट की मुख्य बातें एक नज़र में:
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किसको जोड़ेगा: गंगा एक्सप्रेसवे को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) से।
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लंबाई: 74.3 किलोमीटर।
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चौड़ाई: 120 मीटर (ट्रैफिक जाम से राहत)।
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शामिल गांव: कुल 54 (बुलंदशहर – 45, गौतमबुद्ध नगर – 9)।
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शुरुआत: सियाना क्षेत्र, बुलंदशहर (गंगा एक्सप्रेसवे पर)।
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अंत: यमुना एक्सप्रेसवे/सेक्टर-21/फिल्म सिटी के पास (जेवर एयरपोर्ट के करीब)।
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अनुमानित लागत: ₹4000 करोड़।
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बड़ा फायदा: रास्ते में बनेंगे औद्योगिक क्लस्टर, बढ़ेंगे रोज़गार के अवसर।
योगी सरकार के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट से न सिर्फ लोगों का सफर आसान होगा, बल्कि ये उत्तर प्रदेश को एक औद्योगिक हब (Industrial Hub) बनाने में भी मील का पत्थर साबित होगा। जिन 54 गांवों से ये एक्सप्रेसवे गुज़रेगा, उनकी तस्वीर आने वाले समय में पूरी तरह बदल सकती है।