Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में लाखों सरकारी कर्मचारियों से जुड़ी एक बड़ी और महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने अपने कामकाज को और ज़्यादा पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने के लिए एक ऐसा कदम उठाया है, जिसके बाद अब कर्मचारियों की कोई भी खास जानकारी छुपी नहीं रहेगी।
दरअसल, यूपी सरकार ने ‘मानव संपदा पोर्टल’ नाम से एक ऑनलाइन सिस्टम बना रखा है, जहाँ अभी तक कर्मचारियों की नौकरी से जुड़ी कुछ बुनियादी जानकारी ही दर्ज होती थी, जैसे नियुक्ति, कहाँ पोस्टिंग है, छुट्टी कब ली, प्रमोशन कब हुआ, वगैरह।
अब क्या नया जुड़ेगा?
अब सरकार ने फैसला किया है कि इस मानव संपदा पोर्टल पर कर्मचारियों से जुड़ी और भी संवेदनशील जानकारी जोड़ी जाएगी। इसमें शामिल होंगी:
-
उनके खिलाफ चल रही कोई भी विभागीय जाँच
-
सतर्कता विभाग द्वारा की जा रही कोई भी जाँच
-
अदालत में चल रहे मुकदमे या अभियोजन
-
उनकी विदेश यात्राओं का रिकॉर्ड
-
और अगर उन्हें कोई सजा मिली है, तो उसकी जानकारी भी।
यह महत्वपूर्ण फैसला उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की सेवा प्रबंधन प्रणाली को और ज़्यादा स्पष्ट और जवाबदेह बनाने के लिए लिया गया है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और प्रक्रियाओं को तेज़ करने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि पहले जब किसी कर्मचारी का प्रमोशन होना होता था या किसी और मामले का निपटारा करना होता था, तो यह पता लगाने में बहुत समय लगता था कि उस कर्मचारी के खिलाफ कहीं कोई जाँच तो नहीं चल रही या कोई केस तो नहीं है। जानकारी न होने से फैसले लेने में देरी होती थी और सिस्टम में अस्पष्टता रहती थी।
अब जब यह सारी जानकारी मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध होगी, तो प्रशासनिक फैसले लेने में तेज़ी आएगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। इससे कर्मचारी प्रबंधन में डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल भी बढ़ेगा।
विभागों को सख्त निर्देश
इस नई व्यवस्था के लिए ज़रूरी तकनीकी तैयारी पूरी कर ली गई है। मुख्य सचिव ने सभी विभागों के प्रमुखों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे अपने यहाँ काम करने वाले सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ चल रही हर तरह की जाँच और मुकदमों का विवरण जल्द से जल्द इस मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करें। इसकी लगातार समीक्षा करने और काम को तेज़ी से पूरा करने के आदेश दिए गए हैं।
सरकार का मानना है कि यह पारदर्शिता और डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में एक बड़ा कदम है। पोर्टल पर जाँचों की जानकारी उपलब्ध होने से अनुशासनात्मक कार्रवाइयों की निगरानी ज़्यादा प्रभावी ढंग से हो पाएगी, जिससे अनियमितताओं और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में भी मदद मिलेगी।
कर्मचारी संगठनों ने इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही यह भी मांग की है कि पोर्टल पर डाली गई व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।