Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश वासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है! प्रदेश में सड़कों का जाल और मजबूत होने जा रहा है, जिससे सफर न सिर्फ आसान होगा बल्कि रफ्तार भी भरेगा। योगी सरकार राज्य के कोने-कोने को बेहतरीन एक्सप्रेसवे और हाईवे से जोड़ने के मिशन पर तेजी से काम कर रही है। इसी कड़ी में, अब प्रयागराज और मिर्जापुर के बीच के महत्वपूर्ण सड़क मार्ग को 6-लेन हाईवे में बदलने की महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम शुरू हो गया है।
क्यों खास है यह प्रोजेक्ट? जाम से मिलेगी मुक्ति, सफर होगा सुहाना!
प्रयागराज और मिर्जापुर के बीच की दूरी लगभग 100 किलोमीटर है। मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग 35 (NH-35), जो इन दो शहरों को जोड़ता है, अभी मुख्यतः दो/तीन लेन का है। पिछले कुछ सालों में इस रूट पर वाहनों का दबाव बेतहाशा बढ़ा है, जिसके चलते अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है और सफर में काफी समय बर्बाद होता है। लोगों की इसी परेशानी को दूर करने और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस हाईवे को 6-लेन में बदलने का फैसला किया है, जिसकी घोषणा बजट सत्र के दौरान की गई थी।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने भी इस परियोजना को हरी झंडी दिखाते हुए अधिकारियों को तेजी से काम करने के निर्देश दिए हैं।
सर्वे का काम शुरू, जल्द आकार लेगी योजना
घोषणा के बाद अब जमीन पर काम दिखने लगा है। हाईवे के चौड़ीकरण के लिए सर्वे का कार्य जोर-शोर से शुरू कर दिया गया है। विशेषज्ञों की चार अलग-अलग टीमें भूमि अधिग्रहण, तकनीकी पहलुओं और रूट का बारीकी से अध्ययन कर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने में जुट गई हैं।
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सर्वे की समय सीमा: अधिकारियों का अनुमान है कि सर्वे का काम अगले 1-2 महीने में पूरा हो जाएगा।
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DPR तैयारी: इसके बाद DPR बनाने में लगभग 3 महीने का समय लगेगा।
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मुआवजा और निर्माण: DPR फाइनल होने और मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण और मुआवजे की प्रक्रिया शुरू होगी। मिर्जापुर शहर के घनी आबादी वाले बथुआ जैसे इलाकों में यह प्रक्रिया थोड़ी चुनौतीपूर्ण हो सकती है। मुआवजा राशि जारी होते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
सिर्फ हाईवे नहीं, कनेक्टिविटी का बनेगा नया कॉरिडोर
यह 6-लेन हाईवे सिर्फ प्रयागराज और मिर्जापुर के बीच की दूरी और समय ही कम नहीं करेगा, बल्कि यह आगे जाकर वाराणसी-रीवा राजमार्ग से भी जुड़ेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि प्रयागराज की ओर से आने वाले वाहन बिना शहर के जाम में फंसे सीधे वाराणसी या रीवा की ओर निकल सकेंगे। इससे न केवल समय बचेगा, बल्कि ईंधन की भी बचत होगी और यात्रा बेहद सुगम हो जाएगी। यह परियोजना उत्तर प्रदेश के रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी, जिससे न केवल आम लोगों का सफर आसान होगा बल्कि व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जो क्षेत्र के आर्थिक विकास को नई गति देगा।