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Uttar Pradesh News : प्रयागराज की बदलेगी तस्वीर! बनने जा रहा नया ‘इनर रिंग रोड’, 35 गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण, जानें पूरा प्लान और कब मिलेगी जाम से राहत?

Uttar Pradesh News :  प्रयागराजवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी! उत्तर प्रदेश में योगी सरकार जिस तरह सड़कों का जाल बिछा रही है, उसी कड़ी में अब संगम नगरी प्रयागराज को एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। शहर को जाम से मुक्ति दिलाने और विकास को नई रफ्तार देने के लिए महत्वाकांक्षी ‘इनर रिंग रोड’ परियोजना पर काम तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। इस बड़े प्रोजेक्ट के लिए जल्द ही ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने वाली है, जिससे करीब 35 गांवों की ज़मीन ली जाएगी।

क्यों ख़ास है यह रिंग रोड परियोजना?

उत्तर प्रदेश आज सड़कों के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है, और योगी सरकार इस इंफ्रास्ट्रक्चर को लगातार बेहतर बनाने के लिए क्रांतिकारी कदम उठा रही है। प्रयागराज का यह इनर रिंग रोड प्रोजेक्ट इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके बनने से:

  • शहर को मिलेगी जाम से राहत: हाईवे से आने-जाने वाले भारी वाहन शहर में प्रवेश किए बिना सीधे रिंग रोड से निकल जाएंगे, जिससे शहर के अंदर ट्रैफिक का दबाव काफी कम होगा।

  • बेहतर कनेक्टिविटी: शहर के कई बाहरी और अंदरूनी हिस्से आपस में सीधे जुड़ जाएंगे, जिससे आवाजाही आसान होगी।

  • किसानों को फायदा: किसानों को अपनी उपज मंडियों और बाज़ारों तक ले जाने के लिए सीधा और सुगम रास्ता मिलेगा।

  • आर्थिक विकास को रफ्तार: बेहतर कनेक्टिविटी से व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

क्या है प्रोजेक्ट का प्लान और मौजूदा स्थिति?

यह पूरी रिंग रोड परियोजना कई चरणों में पूरी होगी। फिलहाल, पहले चरण (जिसे तीन फेज में बांटा गया है) पर काम चल रहा है और इसके अगले हिस्सों के लिए तैयारी ज़ोरों पर है।

  • ज़मीन अधिग्रहण जल्द: परियोजना के अगले चरणों के लिए ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द ही (संभवतः अगले कुछ हफ्तों या महीनों में) शुरू होने की उम्मीद है। इसके तहत करीब 35 गांवों की ज़मीन ली जाएगी। अनुमान है कि मुआवजे के तौर पर लगभग ₹500 करोड़ खर्च होंगे।

  • पहला चरण (लगभग 31.4 किमी): इस चरण में सड़क निर्माण के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण ढांचे बनाए जा रहे हैं:

    • 7 अंडरपास: ट्रैफिक को सुगम बनाने के लिए।

    • 2 रेलवे ओवरब्रिज (ROB): रेलवे लाइनों पर ट्रैफिक जाम खत्म करने के लिए।

    • 3 बड़े पुल: एक गंगा पर (झूंसी के पास), दूसरा यमुना पर (नैनी के पास), और एक अन्य पुल यमुना पर (बख्शी गांव के पास)। झूंसी और नैनी के बीच भी एक पुल प्रस्तावित है।

  • कितना काम हुआ?: पहले चरण में लगभग 15 किलोमीटर सड़क, एक रेलवे ओवरब्रिज और चार अंडरपास का काम पूरा हो चुका है। बाकी हिस्से पर काम ज़मीन अधिग्रहण के बाद शुरू होगा।

  • सिक्स-लेन पुल: गंगा और यमुना पर बनने वाले मुख्य पुल सिक्स-लेन के होंगे, जिससे मौजूदा नए यमुना पुल और शास्त्री ब्रिज पर वाहनों का दबाव काफी कम हो जाएगा। इन पुलों को मई-जून 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

  • कुल लागत: पूरी रिंग रोड (लगभग 65 किमी) के सिर्फ पहले चरण (तीनों फेज मिलाकर) पर ही करीब ₹3100 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।

आगे क्या?

ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही परियोजना के बाकी हिस्सों पर भी निर्माण कार्य रफ्तार पकड़ेगा। सरकार का लक्ष्य इस परियोजना को समय पर पूरा करना है ताकि महाकुंभ से पहले और उसके बाद प्रयागराज वासियों को एक बेहतर और सुगम यातायात व्यवस्था मिल सके। यह रिंग रोड न सिर्फ ट्रैफिक जाम से निजात दिलाएगी, बल्कि प्रयागराज के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।