Akhilesh yadav: उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर उबाल आ गया है! समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर एक बड़ा और सीधा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि जैसे ही उन्होंने यूपी पुलिस में हुई भर्तियों को लेकर सवाल उठाए और पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की बात की, सरकार ने तुरंत संबंधित आंकड़ों को वेबसाइट से ही हटा दिया!
‘मैं जानता था, ये लोग ऐसा ही करेंगे’
कन्नौज से नवनिर्वाचित सांसद अखिलेश यादव ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा, “मैं जानता था, ये लोग ऐसा ही काम करेंगे। मुझे पता था एक बार ये सूची जब बाहर आएगी तो ये वेबसाइट से चीजों को हटा देंगे।” उन्होंने सरकार को सीधी चुनौती देते हुए कहा, “आप सरकार की वेबसाइट खोलकर देख लीजिए, पुराना अगर डाटा मिल जाए परसों का तो बता दीजिएगा। जब मैंने पीडीए की बात कही तो उससे पहले का डाटा दिखाओ।”
अखिलेश यादव लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा सरकार भर्तियों में पीडीए वर्ग की अनदेखी कर रही है। उनका कहना है कि उनका यह दावा वेबसाइट से डाटा हटाए जाने से और पुख्ता हो गया है।
डीजीपी के बयान पर भी साधा निशाना
हाल ही में यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने भर्तियों पर सफाई दी थी। अखिलेश यादव ने इस पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, “गलती सुधारने के बजाए सरकार ने एक अधिकारी को आगे कर दिया। हमारी जो जिम्मेदारी बनती हमने उसे दिखाया। मैने कोई बात उजागर की तो सच लेकर आते। गलती नहीं सुधार रहे बल्कि एक अधिकारी को आगे करके कह दिया कि हम गलत आंकड़े दे रहे।” उनका कहना था कि जब उन्होंने गलती उजागर की तो सरकार के लोग सामने आने की बजाय अधिकारी को आगे कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल और गोरखपुर मेट्रो पर भी बोले
अखिलेश यादव ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वहां 100 से ज़्यादा लोग गिरफ्तार हुए हैं, लेकिन भाजपा वहां दंगा कराकर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है।
वहीं, जब उनसे राज्य के कई जिलों में मेट्रो की संभावना पर सवाल किया गया, तो उन्होंने गोरखपुर पर चुटकी लेते हुए कहा, “गोरखपुर में मेट्रो नहीं आ पाएगी। वहां नाव लानी पड़ेगी।”
क्या है मायने?
अखिलेश यादव का यह दावा बेहद गंभीर है और सीधे तौर पर सरकारी कामकाज की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है। उनका आरोप है कि सरकार भर्तियों से जुड़े आंकड़े छिपा रही है, खासकर पीडीए से संबंधित। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या वाकई वेबसाइट से कोई डाटा हटाया गया है।