National Parks: मानसून में बंद क्यों हो जाते हैं नेशनल पार्क? क्या आप जानते हैं असली वजह?

Published On: June 28, 2025
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National Parks: मानसून में बंद क्यों हो जाते हैं नेशनल पार्क? क्या आप जानते हैं असली वजह?

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National Parks: क्या आपने कभी जुलाई या अगस्त के महीनों में भारत में वाइल्डलाइफ सफारी (Wildlife Safari in India) का रोमांचक प्लान बनाया है, और यह जानकर निराशा हुई हो कि नेशनल पार्क (National Parks) उस समय पर्यटकों के लिए बंद कर दिए जाते हैं? यह एक आम सवाल है जो वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के मन में उठता है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर मानसून आते ही भारत के जिम कॉर्बेट (Jim Corbett National Park), रणथंभौर (Ranthambore National Park), बांधवगढ़ (Bandhavgarh National Park) जैसे प्रतिष्ठित और सबसे बड़े नेशनल पार्क (Largest National Parks in India) और टाइगर रिजर्व क्यों बंद कर दिए जाते हैं (Why National Parks Close In Monsoon)? दरअसल, इस सवाल का जवाब सिर्फ एक नहीं, बल्कि कई बेहद जरूरी और वैज्ञानिक कारणों (Scientific Reasons for Park Closure) में छिपा है, जिनका संबंध वन्यजीव संरक्षण (Wildlife Conservation)पारिस्थितिकी संतुलन (Ecological Balance) और पर्यटकों की सुरक्षा (Tourist Safety) से है। आइए इन महत्त्वपूर्ण कारणों को विस्तार से समझते हैं ताकि अगली बार आप भारत की इस अद्भुत वन्यजीव दुनिया की सैर के लिए सबसे अच्छा समय चुन सकें।

कारण #1: जानवरों का प्रजनन (ब्रीडिंग) सीजन और वन्यजीवों की गोपनीयता (Breeding Season of Animals and Wildlife Privacy)

मानसून का मौसम (Monsoon Season in Jungles) केवल पूरे जंगल में नई हरियाली (Fresh Greenery) ही नहीं लाता, बल्कि यह वन्यजीव (Wildlife) और संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) के लिए एक नई जिंदगी की शुरुआत का समय भी होता है। इस मौसम में, बाघ (Tigers), तेंदुआ (Leopards), हाथी (Elephants), और विभिन्न प्रकार के पक्षियों (Birds), सरीसृप, और हिरणों (Deer) समेत तमाम जानवरों का ब्रीडिंग सीजन (Breeding Season of Wild Animals) या प्रजनन काल शुरू होता है। भारी बारिश के चलते जंगल में घास और वनस्पति (Lush Vegetation) खूब बढ़ती है, जो नवजात शावकों (Newborn Cubs) और वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित (Safe Environment), एकांत और पोषण से भरपूर माहौल (Nutrient-Rich Environment) बनाती है।

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ऐसे संवेदनशील समय में, इंसानों की अत्यधिक आवाजाही (Human Traffic) जानवरों की प्राकृतिक गतिविधियों (Natural Activities) में गंभीर बाधा डाल सकती है, जिससे नवजात शावकों के जीवन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसलिए, पार्क प्रशासन (Park Administration) मानसून के दौरान नेशनल पार्क को बंद (National Park Closure during Monsoon) कर देता है (National Park Rules India) ताकि वन्यजीव बिना किसी बाहरी खलल के अपनी प्राकृतिक प्रजनन चक्र (Natural Breeding Cycle) को पूरा कर सकें, उनकी गोपनीयता बनी रहे, और उनकी प्रजातियों की संख्या बढ़ सके। यह वन्यजीव प्रबंधन (Wildlife Management) और बायोडायवर्सिटी संरक्षण (Biodiversity Conservation) का एक महत्वपूर्ण पहलू है।

कारण #2: पार्क के बुनियादी ढांचे की मरम्मत और सुधार का समय (Park Infrastructure Repair and Improvement)

मानसून (Monsoon) का दूसरा बड़ा फायदा पार्क प्रशासन (Park Administration Benefits) के लिए होता है। भारी और लगातार बारिश से जंगल के भीतर स्थित सड़कें (Forest Roads)साइनबोर्ड्स (Signboards), पर्यटकों के लिए बने वॉच टावर (Watch Towers) और कैंप एरिया को काफी नुकसान पहुंच सकता है। इस कारण मिट्टी का कटाव होता है और कुछ कच्चे रास्ते पूरी तरह से टूट जाते हैं। पार्क बंद होने के इस समय को प्रशासन इस बुनियादी ढांचे की मरम्मत और सुधार (Repair and Renovation) के लिए इस्तेमाल करता है।

इस दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक (Road Repair) किया जाता है, निगरानी टावरों को मजबूत (Watch Tower Strengthening) किया जाता है, और नई संरचनाएं भी बनाई जा सकती हैं, ताकि आने वाले पर्यटन सीजन (Tourism Season) में पार्क बेहतर और सुरक्षित स्थिति में खुल सके। यह तैयारी सुनिश्चित करती है कि जब पार्क फिर से खुलें तो पर्यटकों को एक सुगम और सुरक्षित अनुभव (Safe Tourist Experience) मिले, जिससे इकोटूरिज्म (Ecotourism) को बढ़ावा मिले। यह वन्यजीव पर्यटन (Wildlife Tourism) के दीर्घकालिक विकास के लिए आवश्यक है।

कारण #3: पर्यटकों की सुरक्षा भी है एक बड़ी वजह (Tourist Safety: A Major Concern)

बरसात के दौरान (During Rainy Season) जंगल के अंदरूनी इलाकों में पहुंचना और वहां घूमना बेहद मुश्किल हो जाता है। कच्ची सड़कों पर फिसलन बहुत बढ़ जाती है (Slippery Roads), रास्ते पानी और कीचड़ से भर जाते हैं, और घना कोहरा छाने या भारी बारिश के कारण दृश्यता (Visibility) कम हो सकती है, जिससे हादसों का खतरा (Risk of Accidents) बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त, तेज बारिश के कारण भूस्खलन (Landslides) या नदियों-नालों में अचानक बाढ़ (Flash Floods) आने की संभावना बनी रहती है, जो पर्यटकों (Tourists) और पार्क स्टाफ दोनों के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है।

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ऐसे में, जंगल सफारी (Jungle Safari) न सिर्फ अत्यधिक मुश्किल (Difficult Safari) हो जाती है, बल्कि पर्यटकों के लिए प्राणघातक भी साबित हो सकती है। इसलिए, इस मौसम में पार्क बंद कर देना (Park Closure for Safety) एक अनिवार्य और अहम एहतियात (Necessary Precaution) होता है, ताकि मानव जीवन (Human Safety) और वन्यजीव दोनों को सुरक्षित रखा जा सके। यह जोखिम प्रबंधन (Risk Management) का एक महत्वपूर्ण पहलू है।

कौन-कौन से राष्ट्रीय उद्यान मानसून में बंद रहते हैं? (Which National Parks Remain Closed in Monsoon?)

भारत के अधिकांश प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान (National Parks of India) और टाइगर रिजर्व (Tiger Reserves) मानसून के दौरान आंशिक या पूर्ण रूप से बंद रहते हैं:

  • जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, उत्तराखंड (Jim Corbett National Park, Uttarakhand): इस पार्क के कुछ जोन जैसे झिरना और ढेला साल भर खुले रह सकते हैं, लेकिन इसके सबसे प्रसिद्ध और कोर जोन – ढिकाला (Dhikala) और बिजरानी (Bijrani) – आमतौर पर जून से लेकर अक्टूबर/नवंबर तक बंद रहते हैं। यह उत्तराखंड पर्यटन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • रणथंभौर नेशनल पार्क, राजस्थान (Ranthambore National Park, Rajasthan): यहां आमतौर पर 1 जुलाई से 30 सितंबर तक सफारी पर पूरी तरह से रोक लगाई जाती है। हालांकि, रणथंभौर के कुछ बाहरी जोन (जैसे जोन 6 से 10 तक) मानसून के दौरान भी कुछ सीमित अवधि के लिए खुले रह सकते हैं। यह राजस्थान पर्यटन का प्रमुख आकर्षण है।
  • दुधवा टाइगर रिजर्व, उत्तर प्रदेश (Dudhwa Tiger Reserve, Uttar Pradesh): उत्तर प्रदेश का यह प्रमुख टाइगर रिजर्व भी मानसून की शुरुआत के साथ ही बंद हो जाता है, जिससे यहां के वन्यजीवों को शांति मिल सके।
  • काजीरंगा नेशनल पार्क, असम (Kaziranga National Park, Assam): एक सींग वाले गैंडे (One-Horned Rhinoceros) के लिए विश्व प्रसिद्ध यह पार्क आमतौर पर मई से अक्टूबर तक ब्रह्मपुत्र नदी में बाढ़ (Brahmaputra Flood) की संभावना के चलते पूरी तरह से बंद रहता है, जिससे वन्यजीवों को सुरक्षित रहने का मौका मिले। यह असम वन्यजीव संरक्षण का प्रतीक है।
  • बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश (Bandhavgarh National Park, Madhya Pradesh): मध्य प्रदेश के प्रमुख टाइगर रिजर्व में से एक, बांधवगढ़ भी मानसून में कुछ जोन के साथ बंद हो जाता है, हालांकि इसका ताला जोन कुछ दिनों तक खुला रह सकता है।
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दोबारा कब खुलते हैं नेशनल पार्क? (When Do National Parks Reopen?)

जैसे ही अक्टूबर (October End) के बाद भारी बारिश रुकती है और जंगल की जमीन (Forest Floor) फिर से सुरक्षित और सूखने लगती है, लगभग सभी नेशनल पार्क (National Parks Reopening) और टाइगर रिजर्व (Tiger Reserves Reopen) एक बार फिर से पर्यटकों का स्वागत (Welcome Tourists Again) करने लगते हैं। यह आमतौर पर अक्टूबर के अंत से नवंबर की शुरुआत तक होता है। बारिश के बाद की बढ़ी हुई हरियाली (Post-Monsoon Greenery) और वन्यजीव गतिविधि (Increased Wildlife Activity) सफारी के एक्सपीरिएंस (Safari Experience) को और भी खास बना देती है। जंगल एकदम ताजा, हरा-भरा और वन्यजीवों से भरा रहता है, जिससे तस्वीरें लेने का शानदार मौका (Great Photography Opportunities) मिलता है। यह वन्यजीव प्रेमियों (Wildlife Enthusiasts) के लिए साल का सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit National Parks) माना जाता है। तो अपनी अगली सफारी प्लान करते समय इन बातों का जरूर ध्यान रखें!

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