डेस्क। Movements in India after 1947: अक्सर जब भारत के इतिहास की बात होती है तो लोग 1947 के पहले के स्वतंत्रता आंदोलन का जिक्र करते हैं। पर क्या आप जानते हैं उससे भिन्य एक इतिहास उसके बाद का भी है। कई आंदोलन भारत की स्वतंत्रता के बाद भी हुए। अब इसमें चाहें राज्यों की स्वतंत्रता को लेकर हो, कृषि उत्पाद या अधिकारों को लेकर पर इसकी जानकारी होना काफी जरुरी हैं।
भारत के इतिहास में 1947 के बाद के सभी आंदोलनों के नाम और उनके कारण इस प्रकार हैं:
1. भूदान आंदोलन (1951) – विनोबा भावे द्वारा शुरू किया गया यह आंदोलन भूमि सुधार और किसानों के अधिकार के लिए किया गया था।
2. तेलंगाना आंदोलन (1969) – तेलंगाना की आजादी के लिए किया गया यह आंदोलन कांग्रेस पार्टी के खिलाफ किया गया था।
3. नक्सलवादी आंदोलन (1967) – माओवादी विचारधारा के प्रभावित इस आंदोलन का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन लाना था।
4. चिपको आंदोलन (1973) – पर्यावरण और वन सुरक्षा के लिए किया गया यह आंदोलन महिलाओं द्वारा शुरू किया गया था।
5. जयप्रकाश नारायण आंदोलन (1974) – जेपी द्वारा शुरू किया गया यह आंदोलन राजनीति में सुधार लाना चाहता था।
6. मंदिर आंदोलन (1984) – राम मंदिर निर्माण के लिए किया गया यह आंदोलन हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिकता के मुद्दों को लेकर किया गया था।
7. मंडल आंदोलन (1990) – मंडल आयोग की अनुशंसित योजना के खिलाफ किया गया यह आंदोलन आरक्षण के मुद्दों को लेकर किया गया था।
8. अन्ना आंदोलन (2011) – अन्ना हजारे द्वारा शुरू किया गया यह आंदोलन भ्रष्टाचार के खिलाफ किया गया था।