क्या माता-पिता और बच्चों के बीच बढ़ती दूरियों का कोई समाधान है?
यह सवाल आजकल हर परिवार में गूंज रहा है। क्या आप भी अपने बच्चों से दूर होते हुए महसूस करते हैं? क्या आप चाहते हैं कि आपके बच्चे आपके साथ खुलकर बात करें, वक़्त बिताएँ? अगर हाँ, तो यह लेख आपके लिए है! हम जानेंगे कि कैसे पाकिस्तानी अभिनेता नौमान इजाज़ ने इस मुश्किल को समझा और कैसे हम अपने बच्चों के साथ जुड़ सकते हैं।
बच्चों को समझने की कला: नौमान इजाज़ का अनुभव
प्रसिद्ध पाकिस्तानी अभिनेता नौमान इजाज़ ने हाल ही में एक टॉक शो में अपने दिल की बात रखी। उन्होंने बताया कि कैसे काम की भागमभाग में उन्होंने अपने बच्चों को जानने में 6-8 साल गँवा दिए। उनका कहना है कि वे अपने काम में इतने व्यस्त थे कि बच्चों के साथ वक़्त बिताने की बजाय, काम ही उनका सब कुछ बन गया। बेशक, काम की जिम्मेदारी हर माता-पिता पर होती है परंतु बच्चे ही तो जिंदगी के असली नज़ारे हैं! यह सब उनकी व्यस्त जीवनशैली और बच्चों से दूरी का अहसास केवल तब हुआ जब उनके बच्चे पढ़ाई के लिए विदेश गए। इस घटना ने उन्हें झकझोर कर रख दिया, जिससे उन्होंने बच्चों को समझने की ओर रुख किया। उन्होंने स्वीकारा कि कैसे उन्होंने अपने बच्चों के लिए कभी समय नहीं निकाला। वे अपने बच्चों की परवरिश के समय के साथ-साथ यादगार पल मिस करने का एहसास भी रखते हैं। यहाँ एक खास बात का ध्यान रखना ज़रूरी है, अपने बच्चों को समझने के लिए उन्हें वक़्त देना अतिआवश्यक है, नहीं तो आप केवल उनके कामयाब होने पर गर्व कर सकते हैं!
समझदारी से निभाएँ काम और परिवार दोनों का काम
आज की भागमभाग भरी दुनिया में यह सबसे बड़ी चुनौती बन गई है. कार्य और पारिवारिक जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना अति आवश्यक है ताकि बच्चों को नज़रअंदाज़ न किया जाए। नौमान इजाज ने अपने काम को महत्व देते हुए, बच्चों को समय न दे पाने पर पछतावा व्यक्त किया। इस प्रकार, अगर आप अपने बच्चों को उतना वक़्त नहीं दे पाते जितना की वो चाहते हैं, तो अपने परिवार के लिए अतिरिक्त समय निर्धारित करना सीखे।
गिफ्ट से नहीं, समय से मिटाएँ दूरियाँ
नौमान ने एक ज़रूरी बात कही - बच्चों के बीच की दूरियाँ महंगे तोहफ़ों से नहीं मिटतीं, बल्कि साथ बिताए वक़्त से। कई माता-पिता बच्चों को खुश करने के लिए उन्हें गिफ्ट देते रहते हैं, लेकिन ये दूरियाँ पाटने का सही तरीका नहीं है। मात्र भौतिक वस्तुओं से ख़ुशी की भावना नहीं आती. बच्चों को प्यार और अपने माता-पिता से ज़्यादा वक़्त चाहिए। बच्चे केवल भौतिक वस्तुओं से नहीं, बल्कि माता-पिता से मानसिक समर्थन की उम्मीद रखते हैं। इस समय माता-पिता द्वारा बच्चों को ध्यान में रखकर उनके मानसिक विकास में मदद करनी चाहिए। एक माता-पिता के तौर पर अपने बच्चे को समय देना सीखे!
कैसे बढ़ाएं बच्चों के साथ समय
क्या आप अपने बच्चों के साथ ज्यादा वक्त नहीं बिता पा रहे हैं? चिंता मत कीजिए। रोज़ के काम में कुछ मिनट निकालकर अपने बच्चों के साथ खेलने, बात करने, या साथ समय बिताने के तरीके खोजें। शाम को बच्चों के साथ पारिवारिक गतिविधि शामिल करें। रविवार की सुबह किसी मज़ेदार गतिविधि के लिए परिवार का प्लान बनाएं. अपनी व्यस्तता में संतुलन बिठाएँ. इससे बच्चों और माता पिता के बीच जुड़ाव और ख़ुशी दोनों में बढ़ोतरी होगी।
माफी माँगना और आगे बढ़ना
नौमान ने अपने बच्चों से माफी मांगी कि उन्होंने उनके साथ पर्याप्त वक़्त नहीं बिताया। उन्होंने अपने बच्चों को आगे बढ़ने की स्वतंत्रता भी दी, लेकिन उन्हें यह भी समझाया कि काम ऐसा चुनें जो उनकी दिलचस्पी का भी हो। उन्होंने अपने बच्चों को समझा और उनके निर्णयों का सम्मान किया. माता-पिता के तौर पर बच्चे से माफ़ी मांगना बहुत आवश्यक है और यह आपको उनके साथ एक नया अध्याय शुरू करने में मदद करेगा।
माफ़ी माँगने की कला: बच्चे से कैसे जुड़े?
अपनी गलतियों को स्वीकार करके आप अपने बच्चे के साथ जुड़ाव और ख़ुशी ला सकते हैं। माफी माँगते समय ईमानदार और भावुक हों. समझाएं कि आपको अपने बच्चों के लिए ज़्यादा वक्त निकालने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि वो आपके साथ बिता सकें और समझ सकें कि उनके लिए आप कितना कुछ कर सकते हैं. इस तरह माफ़ी मांगने और बच्चे के साथ समय बिताने से, दोनों के बीच विश्वास बढ़ेगा और उनके भावनात्मक विकास को बल मिलेगा।
Take Away Points
- बच्चों के साथ समय बिताना भौतिक चीजों से ज्यादा मायने रखता है।
- काम और परिवार के बीच संतुलन बनाए रखना ज़रूरी है।
- माफ़ी माँगना और बच्चों को आगे बढ़ने का मौका देना रिश्तों को मज़बूत बनाता है।
- बच्चों को सुनें, समझें और उनकी भावनाओं का आदर करें।