Controversy on Sidhu Moosewala Documentary: Moosewala की ‘द किलिंग कॉल’, लॉन्च होते ही क्यों मचा बवाल? कोर्ट कचहरी तक पहुंचा मामला

Published On: June 11, 2025
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Controversy on Sidhu Moosewala Documentary: Moosewala की 'द किलिंग कॉल', लॉन्च होते ही क्यों मचा बवाल? कोर्ट कचहरी तक पहुंचा मामला
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Controversy on Sidhu Moosewala Documentary: मशहूर पंजाबी गायक (Punjabi Singer) सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) की दिनदहाड़े हुई हत्या (Sidhu Moosewala Murder) ने पूरे देश और विदेश में बसे पंजाबी समुदाय (Punjabi Diaspora) को हिलाकर रख दिया था। यह घटना सिर्फ एक गायक की मौत नहीं थी, बल्कि पंजाब (Punjab) की जटिल राजनीति (Punjab Politics), संगठित अपराध (Organized Crime) और कला जगत के स्याह पहलुओं (Dark Side of Art World) को भी सामने लाई। अब, इस दुखद और सनसनीखेज मामले (Sensational Case) पर ब्रिटिश प्रसारक बीबीसी वर्ल्ड सर्विस (BBC World Service) ने एक दो-भाग वाली डॉक्यूमेंट्री (Two-Part Documentary) जारी की है, जिसका शीर्षक है ‘द किलिंग कॉल’ (The Killing Call)। लेकिन इस डॉक्यूमेंट्री की रिलीज़ (Documentary Release) ने एक नया विवाद (New Controversy) खड़ा कर दिया है, क्योंकि यह गायक के दिवंगत पिता बलकौर सिंह (Balkaur Singh) की कानूनी अपील (Legal Appeal) के बावजूद हुई है।

बलकौर सिंह ने मनसा कोर्ट (Mansa Court) में याचिका दायर कर इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग (Documentary Screening) पर रोक लगाने की मांग की थी, यह तर्क देते हुए कि यह उनके बेटे की विरासत (Sidhu Moosewala’s Legacy) को धूमिल कर सकती है और चल रहे आपराधिक मुकदमे (Ongoing Criminal Trial) को प्रभावित कर सकती है। इसके बावजूद, बीबीसी ने डॉक्यूमेंट्री को यूट्यूब (Released on YouTube) पर जारी कर दिया है।

लॉन्च की योजना और बदलाव

बीबीसी की यह डॉक्यूमेंट्री मूल रूप से 11 जून (June 11), जो कि सिद्धू मूसेवाला की जयंती (Birth Anniversary) भी है, को मुंबई (Mumbai) में एक सार्वजनिक स्क्रीनिंग (Public Screening) के लिए निर्धारित की गई थी। हालांकि, बलकौर सिंह की कानूनी चुनौती (Legal Challenge) और बढ़ते विवाद (Growing Controversy) के चलते, बीबीसी वर्ल्ड सर्विस ने अपनी योजना बदल दी और सार्वजनिक स्क्रीनिंग के बजाय इसे सीधे यूट्यूब पर जारी कर दिया।

कोर्ट का रुख: अंतरिम रोक से इनकार, विस्तृत सुनवाई कल

बलकौर सिंह द्वारा दायर एक सिविल सूट (Civil Suit) पर सुनवाई करते हुए, मनसा के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रजिंदर सिंह नागपाल ने मंगलवार (Tuesday) को डॉक्यूमेंट्री पर तत्काल रोक (Interim Stay) लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी विस्तृत सुनवाई (Detailed Hearing) के लिए 12 जून (June 12) की तारीख तय की है।

बलकौर सिंह ने अपनी याचिका में बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के साथ-साथ दो व्यक्तियों, इशलीन कौर (Ishleen Kaur) और अंकुर जैन (Ankur Jain) को प्रतिवादी (Respondents) बनाया है। याचिकाकर्ता के वकील सतविंदर पाल सिंह (Satinder Pal Singh) ने कोर्ट में तर्क दिया कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से मूसेवाला की हत्या से संबंधित चल रहे आपराधिक मुकदमे की निष्पक्षता (Fairness of Trial) प्रभावित हो सकती है और यह परिवार के निजता के अधिकार (Right to Privacy) का भी उल्लंघन होगा।

पिता के गंभीर आरोप: सहमति नहीं ली गई और विरासत को धूमिल करने का प्रयास!

बलकौर सिंह ने इससे पहले महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (DGP Maharashtra) और मुंबई के जुहू पुलिस स्टेशन (Juhu Police Station) में भी इस संबंध में शिकायतें (Complaints) दर्ज कराई थीं। उन्होंने इन शिकायतों में आरोप लगाया था कि डॉक्यूमेंट्री बनाने वालों ने उनके बेटे सिद्धू मूसेवाला के नाम (Name), छवि (Likeness) और उनके जीवन की कहानी (Life Story) का उपयोग परिवार से किसी भी तरह की सहमति (Consent) लिए बिना किया है।

बलकौर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि लोगों को डॉक्यूमेंट्री देखने के लिए ऐसे निमंत्रण (Invitations) भेजे गए थे जिनमें यह दावा किया गया था कि इसमें दिवंगत गायक (Late Singer) के बारे में “अज्ञात विवरण” (Unknown Details) उजागर किए जाएंगे। उनका मानना है कि यह उनके बेटे की स्थापित विरासत और छवि (Legacy and Image) को धूमिल (Tarnish) करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले हफ्ते पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद, महाराष्ट्र पुलिस (Maharashtra Police) से इस मामले में किसी भी कार्रवाई (Police Action) की कोई प्रतिक्रिया उन्हें नहीं मिली है।

‘द किलिंग कॉल’: क्या है इस डॉक्यूमेंट्री में? प्रसिद्धि, अपराध और रहस्य की पड़ताल

बीबीसी की ‘द किलिंग कॉल’ डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary ‘The Killing Call’) दो एपिसोड में विभाजित है, जो सिद्धू मूसेवाला की कहानी के विभिन्न पहलुओं को उजागर करती है।

  • पहला भाग: यह मूसेवाला के शुरुआती जीवन (Early Life) और कैसे उन्होंने संगीत की दुनिया (Music World) में तेज़ी से प्रसिद्धि (Rise to Fame) हासिल की, इस पर केंद्रित है। साथ ही, यह उनके करियर के दौरान सामने आए विवादों (Controversies) और चुनौतियों पर भी प्रकाश डालता है।
  • दूसरा भाग: यह भाग सीधे तौर पर 29 मई 2022 को पंजाब के मनसा जिले (Mansa District Punjab) में हुई उनकी निर्मम हत्या (Brutal Murder) के आसपास की परिस्थितियों (Circumstances) की पड़ताल करता है।

बीबीसी वर्ल्ड सर्विस ने डॉक्यूमेंट्री के यूट्यूब विवरण (YouTube Description) में बताया है कि यह “एक ऐसी कहानी है जो हमें ग्रामीण भारत (Rural India) के गांवों से पूर्वी कनाडा (Eastern Canada) के हिप-हॉप सीन (Hip-Hop Scene) तक ले जाती है, पंजाब के अशांत इतिहास (Turbulent History of Punjab) से आधुनिक भारत की विवादास्पद राजनीति (Contested Politics of Modern India) तक, और संगठित अपराध (Organized Crime) की shadowy दुनिया से उस फरार गैंगस्टर (Fugitive Gangster) के एक भयावह फोन कॉल (Chilling Phone Call) तक, जो दावा करता है कि उसने हत्या का आदेश (Ordered the Hit) दिया था।”

यह डॉक्यूमेंट्री मूसेवाला के करीबी दोस्तों (Friends), मामले की जांच कर रहे पंजाब पुलिस (Punjab Police) और दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के अधिकारियों और पत्रकारों (Journalists) के इंटरव्यू (Interviews) पर आधारित है। सबसे सनसनीखेज बात यह है कि इसमें कनाडा (Canada) स्थित गैंगस्टर गोल्डी बरार (Goldy Brar) का एक ऑडियो इंटरव्यू (Audio Interview) भी शामिल बताया जा रहा है, जिसने सार्वजनिक रूप से मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी (Claimed Responsibility for Murder) ली थी।

मूसेवाला की हत्या और उसके बाद

शुभदीप सिंह सिद्धू (Shubhdeep Singh Sidhu) उर्फ सिद्धू मूसेवाला की 29 मई 2022 को मनसा में उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह बिना पुलिस सुरक्षा (Police Security) के अपनी गाड़ी से यात्रा कर रहे थे। हमलावरों ने उनकी गाड़ी पर 30 से ज़्यादा गोलियां (More Than 30 Bullets) चलाई थीं। स्थानीय लोगों ने बाद में उन्हें ड्राइवर की सीट पर मृत (Shot Dead) पाया था।

गोल्डी बरार (Goldy Brar), जिसके कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग (Lawrence Bishnoi Gang) से कथित संबंध (Alleged Ties) हैं, ने फेसबुक पोस्ट (Facebook Post) के माध्यम से हत्या की जिम्मेदारी (Claimed Responsibility) ली थी। तब से, उसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency – NIA) द्वारा “व्यक्तिगत आतंकवादी” (Individual Terrorist) घोषित किया गया है।

यह मामला अभी भी जांच (Under Investigation) के अधीन है और इसमें कई गिरफ्तारियां (Arrests) हुई हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस दोषसिद्धि (No Convictions) नहीं हुई है। गोल्डी बरार अभी भी कानून की गिरफ्त से बाहर (Evading Arrest) है।

राजनीतिक रूप से, मूसेवाला ने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections 2022) में मनसा निर्वाचन क्षेत्र (Mansa Constituency) से कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वह जीत नहीं पाए थे।

बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री का लॉन्च और उसके बाद उपजा विवाद, सिद्धू मूसेवाला की कहानी के कई संवेदनशील पहलुओं को उजागर करता है और दिखाता है कि उनकी मौत का मामला आज भी कितना भावनात्मक और कानूनी रूप से उलझा हुआ है। कोर्ट में 12 जून को होने वाली अगली सुनवाई इस मामले में एक नया मोड़ ला सकती है।


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