सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा की दोस्ती और उनके अलग-अलग वर्क एथिक्स
बॉलीवुड के दो दिग्गज सितारों, अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा की जोड़ी ने पर्दे पर कई यादगार फिल्में दी हैं. लेकिन पर्दे के पीछे इन दोनों के काम करने के अंदाज़ में जमीन-आसमान का फर्क था! एक तरफ जहां अमिताभ बच्चन अपनी पंक्चुएलिटी के लिए जाने जाते थे, वहीं शत्रुघ्न सिन्हा की लेटलतीफी मशहूर थी. इस दिलचस्प किस्से पर आज हम डालते हैं एक नजर.
अमिताभ बच्चन के ज़रिए शत्रुघ्न सिन्हा की लेटलतीफी की कहानी
अमिताभ बच्चन ने खुद एक इवेंट में बताया था कि कैसे शत्रुघ्न सिन्हा हमेशा लेट आया करते थे. अमिताभ ने बताया, "शत्रुघ्न जी के ताज होटल के पास एक घर था, और हम अक्सर वहां मिलते थे. हम मिलकर मूवी देखने जाते थे. अगर शो शाम 6 बजे का होता, तो वो 6:30 बजे भी घर से नहीं निकलते थे. फिर वो कहानी, उसी अंदाज़ में अपनी धीमी-धीमी चाल से हमारे साथ फिल्म देखने चल पड़ते थे!"
उन्होंने यह भी बताया कि "यहाँ तक कि फ्लाइट पकड़ने की भी यह हालत होती थी! एयरपोर्ट पर उनके पीछे हर कोई भागता रहता था कि सर, आपकी फ्लाइट उड़ान भरने वाली है, और वो धीरे से कहते, हां-हां, मैं आ रहा हूँ!" यह सब सुनकर यकीन मानिए, हँसी नहीं रुकती! लेकिन यह सच है कि अमिताभ बच्चन के अनुसार उनकी लेटलतीफी में ज़रा भी बदलाव नहीं आया आज तक!
शान और नसीब की शूटिंग और वो लापता घंटे
अमिताभ बच्चन ने याद दिलाया कि कैसे एक समय पर वो और शत्रुघ्न सिन्हा साथ में दो फ़िल्मों, "शान" और "नसीब" की शूटिंग कर रहे थे. तीन अलग-अलग शिफ्टों में काम करने की वजह से, दिन काफी लंबा होता था. सुबह 7 से दोपहर 2 बजे तक "शान" की शूटिंग, फिर दोपहर 2:30 बजे तक वो लोग नसीब के सेट पर पहुँच जाते थे. लेकिन, अमिताभ बच्चन पहुँच जाते थे, जबकि शत्रुघ्न सिन्हा 5-7 घंटे देर से पहुँचते थे! इस बारे में अमिताभ कहते हैं कि "कहाँ जाते थे वो, वो भाई साहब हमको आज तक पता नहीं चला!" क्या बात है! ऐसा लगता है शत्रुघ्न सिन्हा के पास कोई समय-यात्रा मशीन थी! या शायद वो किसी सीक्रेट मिशन पर निकल जाते थे!
शत्रुघ्न सिन्हा का जवाब
इस पूरे किस्से के बारे में शत्रुघ्न सिन्हा ने भी प्रतिक्रिया दी थी. वह मज़ाकिया लहजे में बोले, "अब मेरे लिए इसके जवाब देने में बहुत देर हो चुकी है. सब कुछ बदल गया है!" इसपर सभी हंस पड़े थे। कितना मजेदार जवाब!
निष्कर्ष: बॉलीवुड की एक मज़ेदार कहानी
अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा की कहानी बॉलीवुड की वो कहानी है जो उनकी अनोखी दोस्ती और ज़िंदादिली को दर्शाती है. इस कहानी ने साबित कर दिया कि वर्क एथिक्स चाहे जितने भी अलग हो, लेकिन एक-दूसरे के प्रति प्यार और इज़्ज़त कभी नहीं बदलती.
Take Away Points:
- अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा की दोस्ती और वर्क एथिक्स में ज़मीन-आसमान का अंतर
- शत्रुघ्न सिन्हा की मशहूर लेटलतीफी
- शूटिंग के दौरान शत्रुघ्न सिन्हा के लापता होने के मज़ेदार किस्से
- एक-दूसरे के प्रति प्यार और सम्मान की मिसाल