Join WhatsApp
Join Nowबॉलीवुड की दुनिया अक्सर ग्लैमर और चकाचौंध से भरी रहती है, लेकिन पर्दे के पीछे कई कलाकारों ने अपने जीवन में ऐसी लड़ाई लड़ी है जो हमारे रोंगटे खड़े कर देती है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक हस्ती हैं बॉलीवुड एक्ट्रेस बॉबी डार्लिंग (Bobby Darling)। इन दिनों वे अपनी निजी ज़िंदगी को लेकर दिए गए कुछ बोल्ड खुलासों के कारण सुर्खियों में हैं। हाल ही में सिद्धार्थ कनन (Siddharth Kannan) को दिए एक इंटरव्यू में, बॉबी ने अपने जन्म से लेकर आज तक के सफ़र और जेंडर ट्रांज़िशन (gender transition) की अपनी अविश्वसनीय यात्रा के बारे में खुलकर बात की।
उन्होंने बताया कि कैसे वे मात्र 10वीं कक्षा में थीं जब उन्होंने अपने अंदर एक लड़की होने का एहसास किया। यह वह एहसास था जिसने उनकी ज़िंदगी की दिशा ही बदल दी। उन्होंने अपनी सेक्स चेंज सर्जरी (sex change surgery) के बारे में भी विस्तार से बात की, जो उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। उन्होंने बताया कि इस परिवर्तन के कितने समय बाद पार्टनर के साथ संबंध बनाए जा सकते हैं। यह खुलासा उनके निजी जीवन की यात्रा की गहराई और उसमें आने वाली चुनौतियों को दर्शाता है।
पहला एहसास, बैंकॉक में 10 लाख की सर्जरी और 6 महीने का हार्मोनल सफ़र!
बॉबी डार्लिंग ने इंटरव्यू में खुलासा किया कि 2015 में शादी करने से पहले उन्होंने अपना जेंडर बदलवाने (sex change) का फैसला किया था। यह एक ऐसा निर्णय था जिसने उनके जीवन में एक नई शुरुआत का द्वार खोला। उन्होंने अपनी सेक्स चेंज सर्जरी के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि यह सर्जरी उन्होंने बैंकॉक (Bangkok) में करवाई थी, जिसमें करीब 10 लाख रुपये का खर्च आया था।
सिर्फ सर्जरी ही काफी नहीं थी, इस प्रक्रिया की तैयारी में काफी समय और शारीरिक परिवर्तन शामिल था। बॉबी ने बताया कि जब आप सर्जरी की योजना बनाते हैं, जैसे कि वे जनवरी में करवाने वाली थीं, तो उसके कम से कम छह महीने पहले से ही हार्मोनल थेरेपी लेनी पड़ती है। उन्हें दिन में तीन बार हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (hormone replacement therapy) के लिए विशेष टैबलेट्स लेनी पड़ती थीं। यह एक ऐसी प्रक्रिया थी जिसने उनके शरीर में कई बदलावों की नींव रखी।
सर्जरी का ‘दर्दनाक’ अनुभव और उसके बाद की चुनौती भरी राह!
बॉबी डार्लिंग ने अपनी सर्जरी के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि वे रात को अस्पताल में एडमिट हुई थीं और यह सर्जरी करीब 4 से 5 घंटे तक चली। इस दौरान, उन्हें लगातार सक्रिय (walk) रहना पड़ता था और वे आराम नहीं कर सकती थीं। सर्जरी के बाद की प्रक्रिया भी काफी नाजुक थी। उन्होंने बताया कि पेशाब करने के बाद, उन्हें एक आर्टिफिशियल ऑर्गन का इस्तेमाल करना पड़ता था ताकि वजाइना (vagina) का आकार और गहराई बनी रहे। यह एक दैनिक प्रक्रिया थी, जिसे कम से कम 6 महीने तक लगातार करना पड़ता था। इसके लिए उन्हें हर दिन एक घंटा देना होता था। यह ‘रॉड’ अलग-अलग साइज़ में आती थी, जैसे 6 इंच, 7 इंच, या 8 इंच और मोटी भी। यह फाइबर का बना होता था।
यह डाइलेशन (dilation) की प्रक्रिया न केवल शारीरिक रूप से कठिन थी, बल्कि मानसिक रूप से भी काफी चुनौतीपूर्ण थी। बॉबी ने कहा कि इस नियमित डाइलेशन प्रक्रिया को 6 महीने तक रोज़ करने के बाद ही वे अपने पार्टनर के साथ इंटीमेट (intimate) हो पाती थीं। तभी उन्हें सब कुछ सामान्य महसूस होता था और रिश्ता सामान्य हो पाता था। उन्होंने यह भी बताया कि बैंकॉक में उनकी सर्जरी बहुत सफल रही, जो अक्सर होती भी हैं। यह बताता है कि जेंडर ट्रांज़िशन सिर्फ एक सर्जरी नहीं, बल्कि एक लंबी और जटिल प्रक्रिया है जिसमें शारीरिक और मानसिक दृढ़ता की आवश्यकता होती है।
बॉबी डार्लिंग की यात्रा: एक बोल्ड खुलासा और जीवन के प्रति प्रेरणा!
बॉबी डार्लिंग की यह यात्रा उनकी आंतरिक शक्ति और जीवन के प्रति उनके साहसिक दृष्टिकोण का प्रतीक है। उन्होंने अपने व्यक्तिगत जीवन के इन संवेदनशील पहलुओं को खुलकर साझा करके कई लोगों को प्रेरणा दी है, खासकर उन लोगों को जो ट्रांसजेंडर समुदाय से आते हैं या इस तरह की प्रक्रियाओं से गुजरने के बारे में सोच रहे हैं। उनके खुलासे हमें लिंग पहचान (gender identity), शरीरिक स्वायत्तता (bodily autonomy), और समाज में स्वीकृति की महत्ता के बारे में सोचने पर मजबूर करते हैं। बॉबी डार्लिंग का यह साहसिक कदम निश्चित रूप से कईयों के लिए मार्गदर्शक बनेगा।