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Join NowInfosys : भारत की प्रमुख IT सेवा कंपनी, Infosys, ने अपने कर्मचारियों के बीच वर्क-लाइफ बैलेंस (Work-Life Balance) को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण आंतरिक अभियान (Internal Campaign) शुरू किया है। कंपनी कर्मचारियों को, विशेष रूप से रिमोट वर्क (Remote Work) के दौरान, ओवरटाइम (Overtime) यानी अतिरिक्त काम के घंटों को सीमित करने के लिए प्रेरित कर रही है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, दिग्गज टेक कंपनी इन्फोसिस ने अपने मानव संसाधन (HR) विभाग के माध्यम से इस पहल को ज़ोरों पर चलाया है। एचआर टीम अब कर्मचारियों द्वारा ऑफिस वर्क पर बिताए जाने वाले समय को ट्रैक कर रही है और लगातार कर्मचारियों से नियमित कार्य घंटों (Regular Working Hours) का पालन करने का आग्रह कर रही है। सबसे खास बात यह है कि जो कर्मचारी मानक समय सीमा (Standard Threshold) से अधिक समय तक काम करते पाए जा रहे हैं, उन्हें कंपनी व्यक्तिगत ईमेल (Personalized Emails) भेजकर स्वास्थ्य का ध्यान रखने और अपने काम के घंटों पर नियंत्रण रखने की सलाह दे रही है।
9.15 घंटे के मानक काम के घंटों का पालन आवश्यक!
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी की एचआर टीम ऐसे कर्मचारियों को स्वास्थ्य रिमाइंडर (Health Reminder Emails) भेज रही है जिनके औसत मासिक काम के घंटे प्रति दिन 9.15 घंटे और सप्ताह में पांच दिन के मानक से अधिक हो रहे हैं। इन ईमेल्स में कार्य-जीवन संतुलन के महत्व पर ज़ोर दिया गया है और कर्मचारी के रिमोट वर्क से जुड़े घंटों का विस्तृत विवरण दिया गया है। एक कर्मचारी ने प्रकाशन को बताया, “हमें प्रति दिन 9.15 घंटे, सप्ताह में पांच दिन काम करना होता है, और अगर हम रिमोटली काम करते हुए इससे अधिक समय बिताते हैं, तो यह एक ट्रिगर (Trigger) बन जाता है।” इन ईमेल्स में यह भी शामिल होता है कि कर्मचारी ने कितने दिन घर से काम किया, कुल कितने घंटे काम किया, और प्रति दिन औसतन कितने घंटे काम किया।
स्वास्थ्य और दीर्घकालिक व्यावसायिक सफलता पर ज़ोर
कंपनी इन ईमेल्स के माध्यम से कर्मचारियों को स्पष्ट रूप से याद दिला रही है कि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और एक स्वस्थ वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखें। इन्फोसिस का मानना है कि यह न केवल कर्मचारियों की व्यक्तिगत भलाई (Personal Well-being) के लिए, बल्कि उनकी दीर्घकालिक व्यावसायिक प्रभावशीलता (Long-term Professional Effectiveness) के लिए भी आवश्यक है। कंपनी कर्मचारियों को नियमित ब्रेक लेने, अधिक बोझ महसूस होने पर चिंता व्यक्त करने, आवश्यकतानुसार कार्यों को सौंपने (Delegate) और आराम करने के लिए काम के घंटों के बाद पूरी तरह से डिस्कनेक्ट होने की भी सलाह दे रही है। ऐसे ही एक ईमेल में कहा गया है, “ऑफ आवर्स के दौरान आराम करने के लिए समय निकालें, जब भी संभव हो काम से संबंधित बातचीत को कम करें।”
यह नई पहल, जो कर्मचारी स्वास्थ्य को प्राथमिकता देती है, Infosys द्वारा हाइब्रिड वर्क मॉडल (Hybrid Work Model) अपनाने के बाद शुरू की गई है। कंपनी ने नवंबर 2023 से ‘रिटर्न-टू-ऑफिस’ नीति (Return-to-Office Policy) को अपनाया था, जिसके तहत कर्मचारियों को महीने में कम से कम 10 दिन ऑफिस से काम करना अनिवार्य है। तब से, एचआर टीमों ने रिमोटली काम करते हुए कर्मचारियों द्वारा काम पर बिताए जाने वाले समय को ट्रैक करना शुरू कर दिया है।
एन. आर. नारायण मूर्ति की ‘कड़ी मेहनत’ की बात बनाम नई पहल
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पेशेवर दुनिया में खराब नींद, अनियमित खान-पान और अतिरिक्त काम (Overworking) जैसी समस्याओं के कारण हर्ट-संबंधी बीमारियों सहित स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों का सामना कर रहे लोगों की संख्या बढ़ रही है। इन्फोसिस, जिसके पास 323,000 से अधिक कर्मचारियों का कार्यबल है, अब ऐसे जोखिमों से निपटने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है। एचआर के संदेशों के एक हिस्से में लिखा है, “हम आपकी प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं, साथ ही हम यह भी मानते हैं कि स्वस्थ वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखना आपकी भलाई और दीर्घकालिक व्यावसायिक सफलता दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।”
हालांकि, Infosys का यह नया दृष्टिकोण कंपनी के सह-संस्थापक एन. आर. नारायण मूर्ति (N. R. Narayana Murthy) द्वारा पिछले साल की गई बातों से बिल्कुल विपरीत है। कोलकाता में भारतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स के शताब्दी समारोह में बोलते हुए, मूर्ति ने कहा था कि यदि भारत को एक वैश्विक शक्ति केंद्र (Global Powerhouse) बनना है तो युवा भारतीयों को कड़ी मेहनत (Work Harder) करने की आवश्यकता है। उन्होंने सवाल उठाया था, “अगर हम कड़ी मेहनत करने की स्थिति में नहीं हैं, तो फिर कड़ी मेहनत कौन करेगा?” उन्होंने उस समय गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले 800 मिलियन भारतीयों का भी उल्लेख किया था।
विवादित बयान और उद्योग पर प्रभाव
मूर्ति ने 1986 में भारत द्वारा पांच दिवसीय कार्य सप्ताह (Five-day Work Week) को अपनाने के विचार का भी सार्वजनिक रूप से विरोध किया था, यह कहते हुए कि वे उस बदलाव से कभी सहमत नहीं थे। पिछले साल नवंबर में, CNBC ग्लोबल लीडरशिप समिट में, उन्होंने कहा था, “मुझे इस वर्क-लाइफ बैलेंस की अवधारणा में विश्वास नहीं है,” और यह भी जोड़ा कि सच्ची प्रगति के लिए बलिदान (Sacrifice) और अथक प्रयास (Relentless Effort) की आवश्यकता होगी।
उनकी इन टिप्पणियों ने एक बहस छेड़ दी थी, जिसने पेशेवरों की विभिन्न पीढ़ियों की राय को विभाजित कर दिया था। जहाँ कई लोगों ने उनकी उपलब्धियों और कार्य नैतिकता (Work Ethic) को स्वीकार किया, वहीं आलोचकों ने सवाल उठाया कि क्या भारत के तेज़-तर्रार आईटी सेक्टर (IT Sector) में ऐसी अपेक्षाएँ टिकाऊ (Sustainable) और स्वस्थ हैं।
Infosys की यह नई पहल दिखाती है कि वे अपने कर्मचारियों के समग्र कल्याण और दीर्घकालिक उत्पादकता के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं। यह ‘कर्म पर हावी जीवन’ के बजाय ‘संतुलित जीवन को प्राथमिकता’ देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत हो सकता है।