Female Spy: जानिए कैसे एक महिला ने अकेले ही नाज़ी सेना में मचाई थी खलबली

Published On: July 15, 2025
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Female Spy: जानिए कैसे एक महिला ने अकेले ही नाज़ी सेना में मचाई थी खलबली

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Female Spy: द्वितीय विश्व युद्ध की भयावहता के बीच, इतिहास के पन्नों में कुछ ऐसी कहानियाँ छिपी हैं जो हमें हैरान कर देती हैं। ऐसी ही एक कहानी है एक ऐसी जासूस की, जिसने अकेले ही नाज़ी सेना को हिलाकर रख दिया था। यह महिला, जिसका नाम वेललेट था, एक जासूस, फ्रीलांसर और व्यवसायी थी। उसने नाज़ियों को मात देने के लिए एक ऐसी योजना बनाई जो इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है।

ऑपरेशन का आरम्भ: 7 जून 1944

7 जून 1944 को वेललेट को जैक डुफोर नामक एक अन्य एजेंट के साथ एक कार में फ्रांस भेजा गया था। उनका मिशन नाज़ी संचार लाइनों को बाधित करना और नाज़ियों को कमजोर करना था। वेललेट और डुफोर को फ्रांस के एक खेत में पैराशूट से उतारा गया था। उनके साथ न तो कार थी और न ही जूते, और उन्हें सिर्फ एक हल्का सूट पहनाया गया था। उनके पास मोजे भी नहीं थे, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने एक योजना बनाई कि वे नाज़ियों की नजरों से बचते हुए कैसे काम करेंगे।

जान पर खेलकर नाज़ियों का सामना

उन्होंने एक सेब के पेड़ के पीछे छिपकर नाज़ियों का सामना करने की योजना बनाई। जब उनकी गोलियां खत्म हो गईं, तो उन्हें पकड़ा गया। हालाँकि, जर्मन सेना को कितना नुकसान हुआ, इसकी रिपोर्ट नहीं दी गई है।

उन्होंने एक नया नेटवर्क तैयार किया। उनकी योजना यह थी कि वह कार से उतरकर नाज़ियों की नजरों से छिपते हुए, सड़कों पर भागें और एक सेब के पेड़ के पीछे छिप जाएं। जब वे नाज़ियों के सामने आएं तो उन्होंने गोलियां चला दीं।

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जासूस का अद्भुत साहस: इतिहास में दर्ज एक असाधारण कारनामा

जब वेललेट की गोलियां खत्म हो गईं, तो जर्मनों ने उसे पकड़ लिया। हालांकि, यह नहीं बताया गया कि जर्मन सेना को कितना नुकसान हुआ।

वेललेट को पकड़ने के बाद, जर्मन सेना ने उसे तुरंत मार डाला। लेकिन इससे पहले, वेललेट ने खुद को और अपने साथी को बचाने के लिए एक योजना बनाई थी।

उसने अपने साथी को बचाने के लिए यह भी कहा कि वह खुद को एक महिला व्यवसायी के रूप में पेश करे ताकि दुश्मन उसे पकड़ न सकें। वेललेट का यह कारनामा वाकई काबिले तारीफ है।

यह एक ऐसी जासूस की कहानी है जिसने युद्ध के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर अपने देश के लिए लड़ाई लड़ी। उनकी हिम्मत, साहस और दृढ़ संकल्प हमें प्रेरित करते हैं। उन्होंने साबित किया कि एक महिला भी असाधारण काम कर सकती है और इतिहास के पन्नों में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करवा सकती है।

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