नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। इस दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की आराधना की जाती है, जो तपस्या और संयम की प्रतीक हैं।
मां ब्रह्मचारिणी की कथा
मां ब्रह्मचारिणी की कथा इस प्रकार है – मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया कि वे उनकी पत्नी बनेंगी।
पूजा विधि
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा स्थल पर बैठें।
2. मां ब्रह्मचारिणी की तस्वीर या मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
3. मां ब्रह्मचारिणी को अक्षत, फूल, और फल अर्पित करें।
4. मां ब्रह्मचारिणी की आरती और मंत्रों का जाप करें।
5. पूजा के अंत में मां ब्रह्मचारिणी से आशीर्वाद लें और अपने परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना करें।
मंत्र और आरती
मां ब्रह्मचारिणी के लिए निम्नलिखित मंत्र और आरती का जाप करें:
मंत्र: “ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः”
आरती: “जय मां ब्रह्मचारिणी, अद्भुत शक्ति धारिणी”
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करने से भक्तों को तपस्या और संयम की प्रेरणा मिलती है। मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से भक्तों को अपने जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।