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डेस्क। शरद पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान कृष्ण की आराधना के लिए काफी विशेष दिन माना जाता है। यह त्योहार आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है, जो शरद ऋतु की शुरुआत का प्रतीक रहा है।

शरद पूर्णिमा का महत्व जानिए

शरद पूर्णिमा का महत्व भगवान कृष्ण की लीलाओं से जुड़ा हुआ है और इस दिन भगवान कृष्ण ने गोपियों के साथ रासलीला की थी, जो प्रेम और भक्ति का प्रतीक है।

शरद पूर्णिमा पर भगवान कृष्ण की आराधना कैसे करें

1. स्नान और शुद्धि: शरद पूर्णिमा के दिन स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें।

2. पूजा स्थल तैयार करें: घर में एक पूजा स्थल तैयार करें और भगवान कृष्ण की मूर्ति या चित्र रखें।

3. दीप प्रज्ज्वलित करें: पूजा स्थल पर दीप प्रज्ज्वलित करें।

4. फूल और फल चढ़ाएं: भगवान कृष्ण को फूल और फल चढ़ाएं।

5. आरती करें: भगवान कृष्ण की आरती करें।

6. भोग लगाएं: भगवान कृष्ण को भोग लगाएं।

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7. रासलीला की कथा सुनें: शरद पूर्णिमा के दिन रासलीला की कथा सुनें।

8. भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप करें: भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप करें, जैसे कि “ओम नमो भगवते वासुदेवाय”।