डेस्क। नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है, जो सृष्टि की उत्पत्ति और विकास की देवी हैं। मां कूष्मांडा की पूजा करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य, धन और सुख प्राप्त होता है।
मां कूष्मांडा की पूजा विधि
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
2. घर के पूजा स्थल पर मां कूष्मांडा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
3. मां कूष्मांडा को सिंदूर, कुमकुम, हल्दी और चंदन लगाएं।
4. मां कूष्मांडा को फूल, फल और मिठाई का भोग लगाएं।
5. मां कूष्मांडा के मंत्रों का जाप करें: “ॐ श्रीं कूष्मांडायै नमः”
6. मां कूष्मांडा की कथा पढ़ें या सुनें।
7. आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
मां कूष्मांडा के लिए विशेष भोग
1. मलाई और मिठाई
2. फल और फूल
3. गुड़ और चना
मां कूष्मांडा की पूजा के लाभ
1. स्वास्थ्य और दीर्घायु प्राप्त होती है।
2. धन और समृद्धि प्राप्त होती है।
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3. सुख और शांति प्राप्त होती है।
4. रोग और शोक दूर होते हैं।
5. आत्मविश्वास और साहस प्राप्त होता है।
मां कूष्मांडा की कथा
मां कूष्मांडा ने अपने उदर से ब्रह्मांड को उत्पन्न किया था, इसलिए उन्हें सृष्टि की उत्पत्ति की देवी कहा जाता है। मां कूष्मांडा की पूजा करने से व्यक्ति को सृष्टि की उत्पत्ति और विकास की शक्ति प्राप्त होती है।
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य, धन और सुख प्राप्त होता है। मां कूष्मांडा की पूजा विधि और लाभों को जानने से आप उनकी आराधना कर सकते हैं।