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डेस्क। नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है, जो भगवान कार्तिकेय की माता हैं। मां स्कंदमाता की पूजा करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि और संतान की प्राप्ति होती है।

मां स्कंदमाता की पूजा विधि

1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।

2. घर के पूजा स्थल पर मां स्कंदमाता की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।

3. मां स्कंदमाता को सिंदूर, कुमकुम, हल्दी और चंदन लगाएं।

4. मां स्कंदमाता को फूल, फल और मिठाई का भोग लगाएं।

5. मां स्कंदमाता के मंत्रों का जाप करें: “ॐ श्रीं स्कंदमातायै नमः”।

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6. मां स्कंदमाता की कथा पढ़ें या सुनें।

7. आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

मां स्कंदमाता के लिए विशेष भोग

1. पीले फूल

2. पीले वस्त्र

3. मिठाई

4. फल

मां स्कंदमाता की पूजा के लाभ

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1. सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।

2. संतान की प्राप्ति होती है।

3. भगवान कार्तिकेय की कृपा प्राप्त होती है।

4. आत्मविश्वास और साहस प्राप्त होता है।

5. ज्ञान और बुद्धि प्राप्त होती है।

मां स्कंदमाता की कथा

मां स्कंदमाता भगवान कार्तिकेय की माता हैं, जो भगवान शिव के पुत्र हैं। मां स्कंदमाता की पूजा करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि और संतान की प्राप्ति होती है।

नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि और संतान की प्राप्ति होती है। मां स्कंदमाता की पूजा विधि और लाभों को जानने से आप उनकी आराधना कर सकते हैं।