धर्म

हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का महत्त्व, इन कामों पर पाबंदी

पितृ पक्ष एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने और उनकी आत्मा की शांति के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष से शुरू होता है और 16 दिनों तक चलता है।

पितृ पक्ष का महत्व:

पितृ पक्ष का महत्व यह है कि यह हमें अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान की भावना को बढ़ावा देता है। यह त्योहार हमें अपने पूर्वजों की याद में कुछ समय बिताने और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने का अवसर प्रदान करता है।

पितृ पक्ष के दौरान क्या करना उचित है:

पितृ पक्ष के दौरान निम्नलिखित कार्य करना उचित है:

– अपने पूर्वजों की याद में पूजा-पाठ और प्रार्थना करना।

– तर्पण और पिंड दान करना।

– ब्राह्मणों और गरीबों को दान देना।

– अपने पूर्वजों की पसंदीदा वस्तुओं का दान करना।

– सात्विक और शाकाहारी भोजन करना।

– दिन में एक बार भोजन करना।

– रात में जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना।

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पितृ पक्ष के दौरान क्या नहीं करना चाहिए:

पितृ पक्ष के दौरान निम्नलिखित कार्य नहीं करना चाहिए:

– नए कार्यों की शुरुआत नहीं करना।

– विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों को नहीं करना।

– नए वस्त्र और आभूषण नहीं पहनना।

– तामसिक और मांसाहारी भोजन नहीं करना।

– देर रात तक जागना और सुबह देर से उठना।

पितृ पक्ष एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हमें अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान की भावना को बढ़ावा देता है। इस त्योहार के दौरान उचित कार्य करने से हम अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर सकते हैं और उनकी याद में कुछ समय बिता सकते हैं।