धर्म

आठवें नवरात्र का महत्त्व और पूजा विधान

डेस्क। आठवें नवरात्र को महाष्टमी या दुर्गाष्टमी कहा जाता है, जो नवरात्रि के आठवें दिन मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा के आठवें रूप मां महागौरी की पूजा की जाती है।

महाष्टमी का महत्त्व

1. मां महागौरी की पूजा: मां महागौरी श्वेत वस्त्र धारण करने वाली और श्वेत वृषभ पर सवार होती हैं।

2. शुभता और समृद्धि: महाष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा करने से शुभता और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

3. पापों का नाश: मां महागौरी की पूजा करने से पापों का नाश होता है।

4. सुख और संतुष्टि: महाष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा करने से सुख और संतुष्टि की प्राप्ति होती है।

पूजा विधान

1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।

2. घर के पूजा स्थल पर मां महागौरी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।

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3. मां महागौरी को श्वेत वस्त्र, श्वेत फूल और श्वेत मिठाई का भोग लगाएं।

4. मां महागौरी के मंत्रों का जाप करें: “ॐ श्रीं महागौरियै नमः”

5. महाष्टमी के दिन कंजक पूजा भी की जाती है, जिसमें माता के रूप में कन्याओं की पूजा की जाती है।

कंजक पूजा

1. कन्याओं को आमंत्रित करें और उनका पूजन करें।

2. कन्याओं को भोजन कराएं और उपहार दें।

3. कन्याओं के पैर धोएं और उनका आशीर्वाद लें।

आठवें नवरात्र का महत्त्व विशेष है क्योंकि यह दिन मां महागौरी की पूजा का है, जो शुभता और समृद्धि की देवी हैं। इस दिन की पूजा करने से पापों का नाश, सुख और संतुष्टि की प्राप्ति होती है।