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दिल्ली विधानसभा चुनावों में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इस दौरान ज्योतिष का प्रभाव भी देखने को मिल रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) सहित कई दलों के उम्मीदवारों ने शुभ मुहूर्त देखकर नामांकन दाखिल किए हैं।

ज्योतिष और दिल्ली चुनाव: क्या है खास?

दिल्ली के कई उम्मीदवारों ने नामांकन के लिए विशेष मुहूर्त चुना है। ज्योतिषाचार्य पंडित वेद प्रकाश मिश्रा के मुताबिक, नामांकन के लिए आज का दिन बेहद शुभ है। उन्होंने बताया कि माघ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि, वृष लग्न और अन्य ग्रहों की अनुकूल स्थिति के कारण यह दिन विजय मुहूर्त माना जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि दोपहर 1:00 से 3:00 बजे के बीच का समय सबसे शुभ है क्योंकि चंद्रमा और मंगल तृतीय पराक्रम में, गुरु और शनि दशम में तथा राहु लाभ स्थान में हैं। इस मुहूर्त में नामांकन करने से उम्मीदवार की विजय यात्रा सुनिश्चित होगी, ऐसा माना जा रहा है। इस शुभ मुहूर्त का चुनाव कई उम्मीदवारों ने अपनी राजनीतिक सफलता की कामना के साथ किया है।

शुभ मुहूर्त का महत्व

भारतीय राजनीति में ज्योतिष और शुभ मुहूर्त का महत्व हमेशा से ही रहा है। कई नेता महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले ज्योतिषियों से सलाह लेते हैं। यह माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य सफल होते हैं। दिल्ली चुनाव में भी इस बात का असर दिखाई दे रहा है। इस चुनाव में ना सिर्फ़ उम्मीदवार बल्कि पार्टी कार्यकर्ता भी शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रख रहे हैं।

दिल्ली चुनाव 2024: प्रमुख दलों के उम्मीदवार

आम आदमी पार्टी (AAP) ने कई दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा है। अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से नामांकन दाखिल किया, जबकि मनीष सिसोदिया जंगपुरा से, सौरभ भारद्वाज ग्रेटर कैलाश से और गोपाल राय बाबरपुर से अपना नामांकन दाखिल करेंगे। बीजेपी ने भी अपने प्रमुख नेताओं को मैदान में उतारा है, जिनमें से प्रवेश वर्मा नई दिल्ली से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने भी कई उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। इसके अतिरिक्त, अन्य छोटे दल भी चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे दिल्ली चुनाव और अधिक रोचक और प्रतियोगी बन गया है।

उम्मीदवारों की चुनावी रणनीतियां

हर दल की अपनी अलग चुनावी रणनीति है और वो अपने-अपने हिसाब से लोगों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ दल विकास के मुद्दे पर ज़ोर दे रहे हैं, तो कुछ लोगों की ज़रूरी समस्याओं पर फ़ोकस कर रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान भी कई प्रकार के तरीकों से अपने मुद्दे और नीतियों को जनता के सामने रखने की कोशिश की जा रही है। सोशल मीडिया के ज़रिए जनता से जुड़ने की कोशिश की जा रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि किस दल की रणनीति चुनाव में कामयाब होती है।

ज्योतिष और राजनीति: एक जटिल रिश्ता

ज्योतिष और राजनीति का गहरा संबंध है। बहुत से नेता और राजनीतिक विश्लेषक ज्योतिषीय भविष्यवाणियों को महत्व देते हैं। हालाँकि, यह एक विवादास्पद विषय भी है, जिस पर अलग-अलग राय हैं। कुछ लोग मानते हैं कि ज्योतिष के अनुसार शुभ मुहूर्त चुनना सफलता का एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है, जबकि अन्य इसे केवल संयोग मानते हैं। हालांकि यह कहना मुश्किल है कि कितना प्रभावी है लेकिन ज्योतिष का राजनीति पर प्रभाव ज़रूर है।

राजनीतिक निर्णय और ज्योतिष

यह कोई नया चलन नहीं है कि राजनीति में बड़े फैसले ज्योतिषीय सलाह लेने के बाद लिए जाते हैं। यह भले ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सिद्ध ना हो, लेकिन कई वर्षों से राजनीतिक क्षेत्र में इसके चलन ने इसे एक स्थान दिलवाया है। लेकिन यह भी सच है कि अंततः जनता का मत ही सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण होता है।

दिल्ली चुनाव: क्या कहता है भविष्य?

दिल्ली चुनाव का परिणाम क्या होगा, यह अभी से कहना मुश्किल है। हालाँकि, कई जानकारों और विश्लेषकों का कहना है कि यह एक कांटे की टक्कर वाला चुनाव होगा। चुनाव में अलग-अलग दलों के मुद्दे और उम्मीदवारों की लोकप्रियता का महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किस दल के साथ जाती है। अलग-अलग सर्वेक्षण और विश्लेषणों से भी चुनाव का संभावित परिणाम अंदाज़ा लगता है पर अंततः जनता का फैसला ही सबसे अंतिम होगा।

निष्कर्ष

यह चुनाव अपने आप में कई अहमियत रखता है। ज्योतिष से लेकर, राजनीतिक रणनीतियां और जनता की चुनाव में रूचि से भरा हुआ है। चुनाव का परिणाम कई मायनों में महत्वपूर्ण साबित होगा।

Take Away Points:

  • दिल्ली विधानसभा चुनावों में ज्योतिष का प्रभाव देखने को मिला।
  • प्रमुख दलों ने अपनी रणनीति बनाते हुए उम्मीदवार मैदान में उतारे।
  • चुनाव का परिणाम अप्रत्याशित हो सकता है।
  • जनता का मत ही अंतिम निर्णायक होगा।