धर्म

माँ दुर्गा के 5 पसंदीदा भोग और उनका महत्व

डेस्क। नवरात्रि के पावन पर्व पर माँ दुर्गा की आराधना का विशेष महत्व होता है। भक्तजन पूरी श्रद्धा से माँ के नौ रूपों की पूजा करते हैं और उन्हें विभिन्न प्रकार के भोग अर्पित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि माँ दुर्गा कुछ भोगों को विशेष रूप से पसंद करती हैं और इन्हें अर्पित करने से माँ की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। आइए जानते हैं माँ के 5 सबसे पसंदीदा भोग और उनके आध्यात्मिक महत्व के बारे में।

1.फल (विशेष रूप से नारियल और सेब

महत्व

माँ दुर्गा को फल अर्पित करना शुद्धता और प्राकृतिक भोग का प्रतीक है। नारियल को विशेष रूप से शुभ माना जाता है क्योंकि यह समर्पण और पवित्रता का प्रतीक है। यह भोग माँ महागौरी को विशेष प्रिय है और इसे चढ़ाने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

आध्यात्मिक लाभ

नारियल अर्पित करने से जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है। यह भोग मन की शुद्धता को बनाए रखने में मदद करता है और सभी कार्यों में सफलता दिलाता है।

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2. मालपुआ

महत्व

माँ को मालपुआ अर्पित करने से भक्तों की बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है। मालपुआ मुख्य रूप से माता कूष्मांडा को अर्पित किया जाता है, जिनकी पूजा नवरात्रि के चौथे दिन की जाती है।

आध्यात्मिक लाभ

मालपुआ का भोग चढ़ाने से व्यक्ति की निर्णय शक्ति में सुधार होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह भोग जीवन में समृद्धि और सफलता की प्राप्ति के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है।

3. खीर

महत्व

खीर का भोग माँ लक्ष्मी, माँ दुर्गा और अन्य देवी-देवताओं को अत्यंत प्रिय होता है। नवरात्रि में विशेष रूप से माँ दुर्गा के भक्त खीर बनाकर उन्हें अर्पित करते हैं। यह भोग माँ शैलपुत्री को विशेष रूप से प्रिय है।

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आध्यात्मिक लाभ

खीर अर्पित करने से घर में धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह भोग शांति, प्रेम और संतुलन को भी बढ़ावा देता है, जिससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

4. गुड़ और चने

महत्व

माँ कालरात्रि को गुड़ और चने का भोग विशेष रूप से प्रिय है। यह भोग नवरात्रि के सातवें दिन चढ़ाया जाता है, जो संकटों से मुक्ति और बाधाओं को दूर करने के लिए अर्पित किया जाता है।

आध्यात्मिक लाभ

गुड़ और चने का भोग चढ़ाने से शत्रुओं का नाश होता है और जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं। इसे अर्पित करने से रोग और संकट भी समाप्त होते हैं और व्यक्ति को साहस और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है।

5. पान (बिना चूने और कत्थे के)

महत्व

पान का भोग माँ दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त करने का एक प्राचीन और शुभ तरीका है। पान को भोग स्वरूप अर्पित करने से माँ का आशीर्वाद शीघ्र प्राप्त होता है और विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

आध्यात्मिक लाभ

पान चढ़ाने से वैवाहिक जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि का संचार होता है। साथ ही, इसे चढ़ाने से मां की विशेष कृपा से हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।

माँ दुर्गा को ये पांच भोग अत्यंत प्रिय हैं और इन्हें अर्पित करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। नवरात्रि के अवसर पर श्रद्धा और भक्ति के साथ इन भोगों को माँ को अर्पित करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भरपूर बनाएं।