डेस्क। Personal Data: कई बार आपने यह ज़रूर महसूस किया होगा कि जब आप अपने मोबाइल के सामने किसी प्रोडक्ट के बारे में बातचीत करते हैं या उसके बारे में ब्राउजिंग भी करते हैं तो उसके थोड़ी ही देर बाद आपको फीड में उससे संबंधित चीजें और ऐड दिखाई देने लग जाते है।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके मोबाइल में इंस्टॉल ऐप कंपनियां आपके पर्सनल डेटा पर नजर रखे हुए होती हैं। अब वही इसे मार्केट में 490 रुपये में बेच भी जा रहा हैं।
6 लाख भारतीयों का डेटा हुआ चोरी
बॉट बाजार के फलने-फूलने के साथ ही कम से कम 6 लाख भारतीयों का डेटा चोरी हो चुका है। एक भारतीय की डिजिटल पहचान की औसत कीमत लगभग 490 रुपये की होती है। इसका खुलासा गुरुवार को साइबर सिक्योरिटी के शोधकर्ताओं ने करा है।
आपके डिजिटल पहचान पर बना है खतरा
बॉट मार्केट ऑनलाइन मार्केटप्लेस हैं, जिनका उपयोग हैकर्स डेटा बेचने के लिए किया करते हैं, जो वे अपने पीड़ितों के उपकरणों से बॉट मालवेयर के साथ चुराते भी हैं। यह डेटा पैकेट में बेचा जाता है, जिसमें लॉगिन, कुकीज, डिजिटल फिंगरप्रिंट, स्क्रीनशॉट और अन्य जानकारी भी शामिल होती है, वहीं यह एक समझौता किए गए व्यक्ति की पूर्ण डिजिटल पहचान भी होती है।
50 लाख लोग पहले से ही हैं प्रभावित
इस बढ़ते खतरे ने वैश्विक स्तर पर 50 लाख लोगों को पहले ही प्रभावित भी कर दिया है, जिसमें हैकर्स वेबकैम स्नैप, स्क्रीनशॉट, अप-टू-डेट लॉगिन, कुकीज और डिजिटल फिंगरप्रिंट को भी बेच रहे हैं। शोधकर्त्ताओं ने कहा, “कम से कम 50 लाख लोगों की ऑनलाइन पहचान चोरी हो चुकी है और औसतन 490 रुपये में बॉट बाजारों में यह बेची भी गई है। इसमें सभी प्रभावित लोगों में से 600,000 भारत से हैं।
रिपोर्ट के अनुसार इंडिया पूरी दुनिया में इस खतरे से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला देश बन चुका है।
कौन से हैं सबसे ज्यादा डेटा चुराने वाले मैलवेयर
डेटा चुराने वाले सबसे मैलवेयर में रेडलाइन, विडार, रैकून, टॉरस और एजोरॉल्ट सबसे लोकप्रिय है। रेडलाइन उनमें से सबसे अधिक प्रचलित भी है। साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2ईजी मार्केटप्लेस को 2018 में लॉन्च किया गया था।