डेस्क। कोविड -19 मामलों में बढ़ोत्तरी के मद्देनजर भारत समेत विभिन्न देशों द्वारा चीनी यात्रियों पर पाबंदी लगाए जाने से चीन भड़का हुआ है। साथ ही चीन ने मंगलवार को कहा है कि ये प्रतिबंध भेदभावपूर्ण हैं।
इसी के साथ ही उसने जवाबी कदम उठाने की चेतावनी दी है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, भारत, इजराइल, मलेशिया, मोरक्को, कतर, दक्षिण कोरिया, ताइवान, जापान और यूरोपीय संघ के कई देशों ने अपने विमानों में सवार होने से पहले चीनी यात्रियों को कोविड-19 जांच रिपोर्ट दिखाने का निर्देश भी दिया है। साथ ही बड़ी संख्या में चीनी पर्यटकों यात्रियों को आकर्षित करने वाले देश मोरक्को ने भी चीनी यात्रियों के देश में प्रवेश को प्रतिबंधित कर रखा है।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने भीं मंगलवार को कहा कि हमारा मानना है कि चीन को निशाना बनाकर कुछ देशों द्वारा लगाईं गईं पाबंदियों का वैज्ञानिक आधार भी नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ उपाय अनुपातहीन हैं और बिल्कुल अस्वीकार्य भी हैं। साथ ही हम राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कोविड पाबंदिया लगाए जाने को दृढ़ता से अस्वीकार भी करते हैं और पारस्परिकता के सिद्धांत के माध्यम से इसी तरह के कदम भी उठाएंगे।
इसके बाद निंग ने कहा कि कई देशों के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि फिलहाल चीन में फैलने वाला मुख्य स्वरूप पहले कहीं और पाया गया था, और ग्रह पर कहीं भी एक नया स्वरूप लेकर उभर सकता है जिसका अर्थ है कि चीन को निशाना बनाकर प्रतिबंध लगाना अनावश्यक हो गया है।
साथ ही उन्होंने कहा कि चीन का हमेशा से मानना है कि सभी देशों के कोविड रोकथाम उपाय विज्ञान-आधारित और आनुपातिक भी होने चाहिए। और उनका उपयोग राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही कुछ देशों के खिलाफ भेदभावपूर्ण कदम नहीं उठाए जाने चाहिए।
27 देश प्रतिबंध लगाने की तैयारी में
27 देशों का समूह यूरोपीय संघ चीन से आने वाले यात्रियों पर कुछ बंदिशें लगाने की ओर बढ़ रहा है और इस पर माओ ने कहा है कि राजनीतिक मकसद के लिए कोविड उपायों को अपने हिसाब से रखने की कोशिश का हम दृढतापूर्वक विरोध भी करते हैं और हम जवाब के सिद्धांत पर जवाबी कदम भी उठायेंगे और उसके बाद भी, ऐसा लगता है कि यूरोपीय संघ कुछ संयुक्त कार्रवाई करने पर तुला हुआ है जिससे चीन से आने वाले यात्रियों से इस महाद्वीप में वायरस के किसी नए स्वरूप से संक्रमण न फैले। और यूरोपीय संघ की अध्यक्ष संभाल रहे स्वीडन ने एक बयान में चेतावनी दी है कि चीन से आने वाले यात्रियों को शार्ट नोटिस पर लिए जा रहे निर्णयों के लिए तैयार भी रहना चाहिए।