डेस्क। अगर चलती ट्रेन या स्टेशन पर किसी व्यक्ति का सामान चोरी हो गया जाए तो वह व्यक्ति भारतीय रेलवे (Indian Railways) से मुआवजे का दावा भी कर सकता है। वहीं इसके लिए उसे कुछ प्रक्रिया का पालन भी करना पड़ेगा। कानून के अनुसार भारतीय रेलवे को लापता सामान की कीमत की गणना करने के बाद चोरी हुए सामान के लिए यात्रियों को भुगतान भी करना होता है।
FIR फॉर्म को भरना होगा
भारतीय रेलवे की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार चलती ट्रेनों में सामान चोरी और डकैती या डकैती की स्थिति में यात्री रेलवे कंडक्टर (Railway Conductor), कोच अटेंडेंट (Coach Attendants), गार्ड या जीआरपी एस्कॉर्ट (GRP Escorts) से भी संपर्क कर सकता है। वहीं इसके बाद आपको एफ़आईआर फॉर्म भी भेजे जाएंगे साथ ही जिन्हें आपको सावधानी से भरना होगा और उन्हें जमा भी करना पड़ेगा।
बुक किया गया सामान लिमिट में होना चाहिए
केवल उन स्थितियों में जहां बुक किए गए सामान (booked luggage) की राशि ग्राहक द्वारा अग्रिम रूप से भुगतान नहीं की गई हो। वहीं निर्धारित प्रतिशत शुल्क का भी भुगतान नहीं किया जाता है। आपको यह भी बता दें कि वित्तीय देनदारी 100 रुपये प्रति किलो तक ही सीमित है। वहीं जब तक दावा की गई राशि बुकिंग के समय सामान के घोषित मूल्य से भी अधिक नहीं होती है और तब तक ग्राहक दावा की गई राशि भी प्राप्त करने के लिए योग्य होगा। इसी के साथ बशर्ते कि उसने सामान के मूल्य की घोषणा के अलावा प्रतिशत शुल्क का भुगतान भी किया हो।
बता दें ऑपरेशन अमानत (Operation Amanat) के तहत रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force) ने यात्रियों के लिए अपने खोए हुए बैग को ढूंढना आसान बनाने के लिए एक अभियान भी शुरू किया है।
बता दें संबंधित रेलवे जोन की वेबसाइट पर https://wr.indianrailways.gov.in/ – संबंधित डिवीजनों के आरपीएफ कर्मचारी खोए हुए सामान का विवरण और फोटो भी पोस्ट करते हैं। वहीं यात्री वेबसाइट पर जाकर अपना सामान स्टेशन से भी उठा सकते हैं।
इसी के साथ यात्री (Passengers) यह देखने के लिए चेक कर सकते हैं कि क्या उनका सामान, जो खो गया था या चोरी हो गया था, वह स्टेशनों पर स्थित लॉस्ट प्रॉपर्टी ऑफिस सेंटरों पर अभी भी उपलब्ध है या फिर नहीं।