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MP और MLA होकर भी नहीं बचा पाएं बेटे की जान, अब दे रहें नशा मुक्ति पर जोर

डेस्क। मेरे बेटे की जान नशे की वजह से चली गई, पर अब मै चाहता हूं कि कोई मां और पिता अपने बच्चे को नशे के कारण ना खो दे…बोल केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर।

साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने अपने बेटे को सिर्फ इसलिए खो दिया, क्योंकि वह नशे की गिरफ्त में आ गया था। उन्होंने मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की नशाबंदी मुहिम का समर्थन भी किया और कहा कि उनका प्रयास सराहनीय रहा है और लोगों की जिंदगी भी बचा रहा है।

 

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज नशा देश की बड़ी चिंता बन गई है और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने देश से अंग्रेजों को तो भगा दिया, लेकिन वह जाते-जाते देश में नशा छोड़ कर चले गए। वहीं अलग-अलग मादक पदार्थों के सेवन से हर साल लाखों लोगों की मौत हो रही है। इसलिए अपील है कि सेहतमंद रहना है तो नशे को न कहें दीजिए और इससे दूर ही रहें। हाल ही में केंद्रीय मंत्री जबलपुर गए थे और इस यात्रा के दौरान उन्होंने नशे के खिलाफ कई बातें बोलीं थीं।

 

बेटे को नशे की वजह से बचा नहीं सके केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया है जिसमे उन्होंने लिखा है,’मैं खुद सांसद हुआ, मेरी पत्नी विधायक होने के बाद भी मैं अपने बेटे की जिंदगी नशे से नहीं बचा सका, लेकिन मैं चाहता हूं कि अब कोई भी मां और पिता अपने बच्चे को नशे के कारण ना खो दे, वहीं नशे की वजह से कोई महिला विधवा न हो जाएं और कोई बच्चा नशे की वजह से बिन बाप का ना हो। ‘

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें पता ही नहीं चला कि कब उनके बेटे को नशे की लत लग गई थी इस चक्कर में उसकी सेहत खराब भीं होने लगी और जब वह उसे चिकित्सकों के पास इलाज के लिए ले गए तो यह पता चला कि उसका लिवर खराब भी हो गया है।
इस कड़ी में डॉक्टरों ने उसे खूब बचाने की कोशिश भी की, लेकिन वह नाकामयाब ही रहे और साल 2020 में उसकी मौत हो गई साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब वह उसकी चिता को आग दे रहे थे तो इस दौरान उन्होंने संकल्प भी लिया कि वह अब नशे के खिलाफ मुहिम में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेंगे और लोगों को इससे दूर रहने के लिए प्रेरित करते रहेंगे। तब से वह लगातार लोगों को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराते आ रहे हैं।

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