Wife's Property Rights : क्या पत्नी वाकई पति की इजाजत के बिना प्रॉपर्टी नहीं बेच सकती? जानिए क्या कहता है कानून

Wife’s Property Rights : क्या पत्नी वाकई पति की इजाजत के बिना प्रॉपर्टी नहीं बेच सकती? जानिए क्या कहता है कानून

Wife’s Property Rights : प्रॉपर्टी से जुड़े नियम और कानून… सुनकर ही कई लोग उलझन में पड़ जाते हैं। इनमें भी खासकर पति-पत्नी के बीच प्रॉपर्टी के अधिकार अक्सर चर्चा में रहते हैं। एक बहुत आम धारणा है कि पत्नी अपने पति की मर्जी या इजाजत के बिना अपनी कोई भी प्रॉपर्टी नहीं बेच सकती। लेकिन क्या ये सच है? क्या कानून वाकई ऐसा कहता है?

आइए, आज हम इसी उलझन को सुलझाते हैं और जानते हैं कानूनी सच्चाई, बिल्कुल सरल शब्दों में!

वो आम धारणा… और उसकी सच्चाई!

जी नहीं, ये आम धारणा कि पत्नी हर हाल में पति की इजाजत के बिना प्रॉपर्टी नहीं बेच सकती, पूरी तरह से सही नहीं है! कानूनी प्रावधान इस बात पर निर्भर करते हैं कि प्रॉपर्टी का मालिक कौन है और किस तरह का मालिकाना हक है।

कानून क्या कहता है? (मालिकाना हक है असली चाबी)

कानून की नजर में सबसे अहम बात यह है कि प्रॉपर्टी का मालिक कौन है।

  1. अगर पत्नी है प्रॉपर्टी की एकमात्र मालिक:

    • अगर कोई प्रॉपर्टी पूरी तरह से पत्नी के नाम पर है, यानी उसने उसे खुद खरीदा है, गिफ्ट में मिला है, या किसी अन्य कानूनी तरीके से वो उसकी अकेली मालिक है, तो उसे उस प्रॉपर्टी को बेचने, किराये पर देने या किसी भी तरह से ट्रांसफर करने के लिए पति की सहमति लेने की कतई जरूरत नहीं है! वह अपनी प्रॉपर्टी की मालिक है और उसे अपनी मर्जी से इस्तेमाल करने या बेचने का पूरा अधिकार है।

  2. अगर प्रॉपर्टी है संयुक्त नाम पर (Joint Ownership):

    • हाँ, अगर प्रॉपर्टी पति और पत्नी दोनों के संयुक्त नाम (Joint Ownership) पर खरीदी गई है या किसी और वजह से दोनों उसके मालिक हैं, तो ऐसी प्रॉपर्टी को बेचने या किसी और के नाम करने के लिए दोनों की सहमति अनिवार्य है। ऐसी स्थिति में, कोई एक व्यक्ति अकेले प्रॉपर्टी नहीं बेच सकता।

कलकत्ता हाईकोर्ट का साफ फैसला

इस मुद्दे पर सोशल मीडिया और आम बातचीत में खूब बहस होती है। इस बात को कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में और भी साफ कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई संपत्ति पत्नी की अपनी है, तो उसे बेचने का पूरा अधिकार सिर्फ उसी का है। पति की इजाजत ना लेना किसी भी तरह से क्रूरता या गलत नहीं माना जा सकता। ठीक इसी तरह, पति भी अपनी पूरी तरह से अपनी प्रॉपर्टी को बेचने के लिए पत्नी की इजाजत लेने को बाध्य नहीं है, बशर्ते वो प्रॉपर्टी उसके नाम पर हो।

प्रॉपर्टी पर अन्य महत्वपूर्ण अधिकार (संक्षेप में)

बात सिर्फ बेचने के अधिकार की नहीं है, बल्कि संपत्ति पर पति-पत्नी के कुछ अन्य महत्वपूर्ण अधिकार भी हैं:

  • पति की स्वयं अर्जित संपत्ति (Self-Acquired Property): कानूनी तौर पर, पत्नी का पति की खुद की कमाई हुई संपत्ति पर एक मजबूत अधिकार होता है। पति उसे इस संपत्ति से आसानी से बेदखल नहीं कर सकता।

  • पति की पैतृक संपत्ति (Ancestral Property): पैतृक संपत्ति के मामले थोड़े अलग हैं। जब तक पति के माता-पिता (या जिनसे संपत्ति मिली है) जीवित हैं, पत्नी का आमतौर पर उस संपत्ति पर सीधा कानूनी दावा नहीं होता। पति का हिस्सा बनने के बाद स्थिति बदल सकती है।

  • गुजारा भत्ता (Maintenance): अलग रहने की स्थिति में, पति को पत्नी को गुजारा भत्ता देना पड़ता है। दिलचस्प बात यह है कि अगर पति बेरोजगार है और पत्नी कमा रही है, तो पति भी कानूनी रूप से पत्नी से गुजारा भत्ते की मांग कर सकता है और पत्नी की कमाई हुई संपत्ति पर भी अधिकार जता सकता है।

तो अगली बार जब ये सवाल उठे कि क्या पत्नी पति से पूछे बिना प्रॉपर्टी बेच सकती है, तो याद रखें: प्रॉपर्टी किसकी है, ये सबसे अहम है! अगर प्रॉपर्टी पूरी तरह पत्नी की अपनी है, तो उसे किसी से, यहाँ तक कि पति से भी इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। कानून सबको उनके अपने हक देता है और मालिकाना हक ही सबसे बड़ी शक्ति है।