Income Tax Department: इनकम टैक्स नोटिस मिला है तो क्या करें?

Published On: June 21, 2025
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Income Tax Department: इनकम टैक्स नोटिस मिला है तो क्या करें?

Income Tax Department: आयकर विभाग का कार्य सिर्फ़ देश में कर व्यवस्था (Tax System India) बनाए रखना और राजस्व इकट्ठा करना ही नहीं है, बल्कि यह विभाग विभिन्न करदाता-संबंधित मामलों में निगरानी (Taxpayer Monitoring) भी रखता है। कर कानूनों (Tax Laws) के अनुसार, आयकर विभाग करदाताओं (Taxpayers News) को अलग-अलग मामलों में नोटिस (Income Tax Notice) भेजकर जवाब भी तलब करता है। दुर्भाग्य से, कई लोग इस बात से अनभिज्ञ होते हैं कि आयकर विभाग का नोटिस मिलने (Receiving IT Notice) पर क्या जवाब देना चाहिए और जवाब न देने (Non-Response to IT Notice) की स्थिति में उनके खिलाफ क्या कार्रवाई (Action for Not Responding to IT Notice) हो सकती है। इस विस्तृत ख़बर में, हम आपको आयकर नोटिसों (Types of IT Notices) से जुड़ी पूरी जानकारी देंगे ताकि आप किसी भी प्रकार की परेशानी से बच सकें।

पूछे गए सवाल के अनुसार दें जवाब: ‘शांत दिमाग’ से समझें नोटिस! (Respond According to the Question Asked):

यदि आपको आयकर विभाग (Income Tax Notice Response) की ओर से कोई नोटिस मिलता है, तो सबसे पहले घबराएं नहीं। शांत दिमाग से नोटिस को ध्यान से पढ़ें और समझें कि इसमें आपसे क्या जानकारी मांगी गई है या किस बात पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। हर नोटिस का जवाब सोच समझकर (Thoughtful Response) और पूछे गए सवाल के अनुसार (Respond to Specific Queries) ही देना चाहिए। अधिकतर मामलों में, आयकर विभाग के नोटिस इनकम टैक्स रिटर्न (ITR – Income Tax Return) से संबंधित ही होते हैं। यदि नोटिस आईटीआर न भरने (Notice for Non-filing of ITR) या उसमें कोई गलती (Error in ITR) होने के संबंध में है, तो उसी का सही और सटीक जवाब दें। अधूरा या गलत जवाब (Incomplete or Incorrect Response) देना आपकी मुश्किल बढ़ा सकता है।

ITR में खामी मिलने पर आता है ‘डिफेक्टिव ITR’ नोटिस (Defective ITR Notice on Finding Error in ITR):

करदाता (Taxpayer) द्वारा भरी गई आईटीआर (ITR Filing Rules) में यदि कोई खामी (Flaws in ITR) या त्रुटि (Errors in Tax Return) पाई जाती है, तो विभाग उसे ‘गलत ITR’ (Incorrect ITR) या ‘डिफेक्टिव ITR’ (Defective ITR) की श्रेणी में शामिल कर लेता है। उदाहरण के लिए, यदि करदाता ने ITR में कोई आवश्यक जानकारी नहीं दी है (Missing Information in ITR) या कोई विवरण छूट गया है (Omitted Details in ITR), तो इसे डिफेक्टिव ITR कहा जाता है।

इस स्थिति में, आयकर विभाग (Income Tax Department Action) इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) की धारा 139(9) (Section 139(9) of IT Act) के तहत करदाता को गलती सुधारने (Rectify Mistakes in ITR) का मौका देते हुए एक नोटिस (Notice under Section 139(9)) जारी करता है। डिफेक्टिव ITR को समय पर पता करना और नोटिस (IT Notice for Defective ITR) का जवाब देना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यही आपको बड़ी कार्रवाई से बचा सकता है।

जवाब न देने पर नहीं मिल पाएगा टैक्स रिफंड (No Tax Refund on Non-Response):

आयकर विभाग (IT Notice Types) के अन्य नोटिसों (Other IT Notices) की तरह ही, गलत आईटीआर (Defective ITR Consequences) पर नोटिस मिलने पर भी करदाता को निर्धारित समय-सीमा (Time Limit to Respond to IT Notice) के भीतर जवाब देना अनिवार्य होता है। यदि तय समय में जवाब नहीं दिया जाता है, तो आयकर विभाग (Income Tax Department Action for Non-Compliance) करदाता के खिलाफ अन्य सख्त कार्रवाई भी कर सकता है।

  • सबसे पहला नुकसान: डिफेक्टिव ITR (Defective ITR Disadvantage) भरे जाने का सबसे बड़ा नुकसान यह होगा कि यदि आपको कोई इनकम टैक्स का रिफंड (Income Tax Refund Stuck) मिलने वाला है, तो वह आपको नहीं मिलेगा।
  • अमान्य ITR (ITR Declared Invalid): इसके अलावा, विभाग की ओर से आपकी आईटीआर (ITR Status Invalid) को ‘अवैध’ मान लिया जाता है, जिसका अर्थ है कि आपने अपना ITR फाइल ही नहीं किया है, और इससे आपको गैर-फाइलिंग के परिणामों (Consequences of Non-Filing ITR) का सामना करना पड़ सकता है।

कब घोषित होती है ‘डिफेक्टिव रिटर्न’? (When is a Defective Return Declared?):

आपकी ओर से भरी गई डिफेक्टिव रिटर्न (Defective Return Identification) को विभाग पहले तो स्वचालित प्रणालियों (Automated System) और मैन्युअल जांच के माध्यम से चिह्नित करता है। उसके बाद ही इनकम टैक्स नोटिस (Income Tax Notice for Defects) भेजा जाता है। करदाताओं के लिए यह समझना बहुत ज़रूरी है कि उनकी रिटर्न कब डिफेक्टिव घोषित की जा सकती है, ताकि वे समय रहते गलती सुधार सकें:

  • अधूरी जानकारी (Incomplete Information in ITR): टैक्स भरने के बाद यदि कोई जानकारी अधूरी रहती है (Missing Details after Tax Filing) जैसे कोई आवश्यक आय स्रोत (Income Source) नहीं दिखाया गया है या आवश्यक डेटा छूट गया है, तो ITR डिफेक्टिव मानी जाएगी।
  • टीडीएस क्लेम (TDS Claim Mismatch) बनाम इनकम न दिखाना: यदि आपने TDS (Tax Deducted at Source) क्लेम किया है, लेकिन संबंधित आय को ITR में नहीं दिखाया है, तो भी आपको नोटिस (TDS Mismatch Notice) मिल सकता है।
  • आय व भरे गए टैक्स में अंतर (Difference in Income and Tax Paid): जब आयकर विभाग को आपकी आईटीआर (Income Tax Return Mismatch) में आपकी घोषित आय और आपके द्वारा भरे गए टैक्स (Tax Paid) के बीच महत्वपूर्ण अंतर (Discrepancy in ITR) दिखता है, तो यह ITR डिफेक्टिव होती है और जांच के दायरे में आती है।

आयकर विभाग के नोटिस का जवाब कैसे दें? (How to Respond to Income Tax Notice?):

यदि आपको आयकर विभाग का इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act Section 139(9)) की धारा 139(9) के तहत नोटिस (Income Tax Notice Rules) आता है, तो इसका यही मतलब है कि आपकी आईटीआर डिफेक्टिव होने (Defective ITR) के कारण यह नोटिस आया है।

  • जवाब देने की समय सीमा (Response Time Limit): यह नोटिस मिलने के बाद आपको 15 दिनों (15 Days to Respond) के भीतर विभाग को जवाब देना अनिवार्य होता है।
  • समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध (Request for Extension of Time Limit): अगर किसी कारणवश आप तय समय में जवाब देने में असमर्थ (Unable to Respond on Time) हैं, तो आप जवाब देने की समय सीमा (Extension for IT Notice Response) को बढ़ाने के लिए आवेदन (Application for Extension) भी कर सकते हैं। इसके लिए, आपको आयकर विभाग के संबंधित एसेसिंग ऑफिसर (Assessing Officer for IT Notice) के पास लिखित में आवेदन करना होगा और देरी का कारण बताना होगा।

सही और समय पर जवाब देना (Timely Response to IT Notice) आपको बड़ी परेशानियों, पेनल्टी (Penalty) और कानूनी कार्रवाइयों से बचा सकता है। हमेशा अपने टैक्स और आईटीआर संबंधी रिकॉर्ड्स (ITR Records) को सटीक और अद्यतन (Updated Records) रखें।

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