Tenants Rights

Tenants Rights : किराए पर घर ले रहे हैं? मालिक से ज़रूर पूछें ये 10 सवाल, बाद में पछताना नहीं पड़ेगा

Tenants Rights : आजकल शहरों में किराए का घर ढूंढना किसी चुनौती से कम नहीं। मनपसंद जगह पर, बजट में घर मिल भी जाए, तो शिफ्टिंग और बाकी तैयारियां… उफ़्फ़! ये अपने आप में एक बड़ा काम है। और तो और, इतनी भाग-दौड़ के बाद जब आप नए घर में रहने लगते हैं, तब कहीं जाकर पता चलता है कि कुछ बातें तो मालिक ने बताई ही नहीं थीं या घर में कुछ छुपी हुई दिक्कतें हैं! कभी मकान मालिक की कोई नई शर्त सामने आ जाती है, तो कभी घर की कोई कमी परेशानी का सबब बन जाती है।

उस समय यही सोचते हैं कि ‘काश पहले ही सब कुछ पूछ लिया होता!’ अगर आप भी ऐसी किसी मुश्किल से बचना चाहते हैं, तो किराए का घर फाइनल करने से पहले कुछ ज़रूरी सवाल पूछना बहुत ज़रूरी है। इसे आप अपनी ‘चेकलिस्ट’ मान सकते हैं, जो हर किराएदार के पास होनी चाहिए। ये सवाल आपको भविष्य की कई अनचाही परेशानियों से बचा सकते हैं।

किराए पर मकान लेने से पहले मकान मालिक से ये 10 सवाल ज़रूर पूछें:

  1. किराए में क्या-क्या शामिल है?
    सबसे पहले किराए की बात साफ करें। आमतौर पर मकान मालिक जो रकम बताते हैं, वो सिर्फ ‘घर का किराया’ (Rent) होती है। लेकिन इसके अलावा बिजली, पानी, गैस, पार्किंग, सोसाइटी मेंटेनेंस चार्ज या सिक्यूरिटी गार्ड जैसी चीज़ों का खर्च अलग से देना होता है। साफ पूछ लें कि ‘किराए’ में क्या-क्या शामिल है और क्या नहीं। अगर कुछ चीजें किराए में शामिल नहीं हैं, तो क्या उनके खर्च को लेकर मोलभाव हो सकता है या नहीं।

  2. किराया कब और कैसे देना होगा?
    यह जानना ज़रूरी है कि किराए का साइकल क्या रहेगा। क्या किराए की गिनती उस दिन से शुरू होगी जिस दिन आप शिफ्ट हुए हैं, या हर महीने की 1 तारीख से? साथ ही, आप किराया कैसे देंगे? कैश में, या ऑनलाइन ट्रांसफर (जैसे UPI, नेट बैंकिंग) चलेगा? यह छोटी सी बात बाद में बड़े विवाद का कारण बन सकती है, इसलिए इसे पहले ही साफ कर लें।

  3. सिक्यूरिटी डिपॉज़िट (Security Deposit) के क्या नियम हैं?
    ‘सिक्यूरिटी डिपॉज़िट’ या ‘एडवांस मनी’ आजकल हर जगह ली जाती है। यह आमतौर पर 1 या 2 महीने के किराए के बराबर होती है (कहीं-कहीं ज़्यादा भी)। यह मालिक एक तरह की गारंटी के तौर पर लेते हैं ताकि अगर घर में कोई नुकसान हो या आप बिना बताए खाली कर दें, तो वे इस पैसे से उसकी भरपाई कर सकें। सबसे ज़रूरी बात: मकान खाली करते समय इस डिपॉज़िट का कितना पैसा वापस मिलेगा? इसमें से क्या कटौतियाँ हो सकती हैं? यह बात रेंट एग्रीमेंट में साफ-साफ लिखवा लें।

  4. मकान खाली करने का ‘नोटिस पीरियड’ कितना है?
    ‘नोटिस पीरियड’ यानी मकान खाली करने से कितने दिन या महीने पहले आपको मकान मालिक को लिखित में या बोलकर बताना होगा? यह इसलिए होता है ताकि मालिक इस बीच नया किराएदार ढूंढ सकें। आमतौर पर यह 1 महीना होता है, लेकिन कहीं-कहीं 2 महीने का नोटिस भी मांगा जाता है। यह पहले से पता होना चाहिए ताकि आपको आखिरी समय में कोई हड़बड़ी न हो।

  5. रेंट एग्रीमेंट तोड़ने पर क्या होगा?
    अगर किसी कारण से आपको तय की गई अवधि (जितने समय का एग्रीमेंट है) पूरी होने से पहले ही घर खाली करना पड़ता है, या एग्रीमेंट की कोई शर्त आपसे पूरी नहीं हो पाती, तो क्या मकान मालिक आप पर कोई ‘पेनाल्टी’ (जुर्माना) लगाएंगे? लगेगा तो कितना? ये सारी बातें एग्रीमेंट में स्पष्ट होनी चाहिए ताकि बाद में कोई विवाद न हो।

  6. घर पर मेहमानों या परिवार के सदस्यों के रुकने पर क्या नियम हैं?
    क्या आपके यहाँ परिवार या दोस्तों का आना-जाना लगा रहेगा? या कभी कोई मेहमान कुछ दिनों के लिए रुकने आएगा? कुछ मकान मालिक मेहमानों के रुकने पर आपत्ति करते हैं या उनके रुकने के दिन तय कर देते हैं। यह भी पूछ लें कि क्या परिवार के सदस्यों या दोस्तों के आने-जाने या कुछ दिनों के लिए रुकने पर कोई रोक-टोक है?

  7. मेंटेनेंस (Maintenance) की ज़िम्मेदारी किसकी होगी?
    घर की छोटी-मोटी मरम्मत या बड़ी टूट-फूट की ज़िम्मेदारी किसकी होगी? जैसे, नल टपक रहा है, लाइट खराब है, या दीवार में सीलन आ गई है। यह साफ कर लें कि कौन सी मरम्मत मालिक करवाएंगे और कौन सी आपको खुद करवानी पड़ेगी। साथ ही, अगर सोसाइटी है तो ‘मेंटेनेंस चार्ज’ कौन भरेगा – आप या मालिक? अगर आपको देना है, तो किसे देना है (मालिक को या सीधे सोसाइटी को)?

  8. घर में क्या-क्या सुविधाएं या ‘यूटिलिटीज़’ (Utilities) मिलेंगी?
    यह एक लंबी लिस्ट हो सकती है। जैसे, क्या घर में गैस पाइपलाइन है या सिलिंडर का इंतज़ाम खुद करना होगा? गीज़र लगा है या नहीं? किचन में RO फिल्टर है? क्या पार्किंग मिलेगी और उसका कोई एक्स्ट्रा चार्ज है? जब आप शिफ्ट होंगे तो घर की साफ-सफाई और पुताई कैसी मिलेगी? फर्नीचर या फर्निशिंग (जैसे पंखे, लाइटें, पर्दे की रॉड) के नाम पर क्या-क्या मिलेगा? इन सब की जानकारी पहले ही ले लें।

  9. क्या किसी तरह की कोई खास ‘रोक-टोक’ (Restrictions) है?
    कुछ मकान मालिक किराएदार से जुड़े कुछ खास नियम रखते हैं। वे पूछते हैं कि आप शाकाहारी हैं या मांसाहारी, क्या आप घर में पालतू जानवर (Pets) रख सकते हैं? क्या आप घर में दोस्तों के साथ छोटी-मोटी पार्टी कर सकते हैं या देर रात तक म्यूज़िक चला सकते हैं? इन ‘हाउस रूल्स’ (House Rules) या पाबंदियों को पहले से जान लेना बेहतर है ताकि आपकी जीवनशैली से उनका तालमेल बैठे।

  10. मकान मालिक कहाँ रहते हैं?
    यह सवाल सुनकर शायद आपको अजीब लगे, लेकिन यह बहुत ज़रूरी है। पूछें कि आपके मकान मालिक खुद कहाँ रहते हैं? क्या वे उसी बिल्डिंग या आस-पड़ोस में रहते हैं जहाँ आप किराए पर ले रहे हैं, या कहीं और? यह सवाल इसलिए ज़रूरी है क्योंकि इससे आपको अंदाज़ा हो जाता है कि आपको कितनी ‘प्राइवेसी’ मिलेगी और मालिक का आपके रोज़मर्रा के मामलों में कितना दखल रहेगा।